योगियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले डाइट प्लान को यौगिक डाइट कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह डाइट शरीर के साथ-साथ विचार और मन को बेहतर करती है। इस डाइट प्लान में किसी भी प्रकार का मांसाहारी खाद्य पदार्थ शामिल नहीं होता है। भोजन को तीन अलग-अलग भागों में बांटा गया है, सात्विक, राजसिक व तामसिक आहार। यौगिक डाइट व्यक्ति के तन और मन को शुद्ध, शक्तिवर्धक, स्वस्थ और प्रसन्नता से भर देती है।
भोजन में ये बातें ध्यान रखें
साबुत अनाज चुनें जैसे भूरे चावल, क्विनोआ, जई, बाजरा।
जूस की जगह ताजे फल और सब्जियां खाएं। प्रसंस्कृत तेल उपयोग में न लें। फल, सलाद, नट्स कच्चे ही खाएं।
इस आहार के फायदे
ऊर्जावान रखने में मदद करता।
शरीर के पाचन तंत्र को मजबूती देता।
मेटाबॉलिज्म संतुलित रखता।
– शिल्पी गोयल, आहार विशेषज्ञ
मिताहार – इसका मतलब है सीमित आहार। जितना भोजन लेने की आवश्यकता है उससे थोड़ा कम ही लें और साथ में भोजन में मिलने वाले तत्त्व भी सीमित मात्रा में हों।
पथ्यकारक -भोजन पुष्टिकारक व सुपाच्य हो। गेहूं, चावल, जौ, दूध-दही, मक्खन, शहद, फल व हरी सब्जियां आदि।
अपथ्यकारी -ऐसा भोजन जिसके सेवन से तामसिक गुणों की उत्पत्ति होती है। कड़वा, मसालेदार, लहसुन, मांस आदि। बने हुए खाने को पुन: गरम कर खाना भी इसमें आता है।