- मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी लाड़ली बहनों को बिजली विभाग ने भेजा नोटिस।
विद्युत विभाग के कारण सरकार की हो रही है किरकिरी।
विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बिजली बिल माफ करने को लेकर पूर्व में ही आदेश जारी किए गए थे। आदेश में कहा गया था कि पिछले माह तक के बकाया विद्युत देयकों को शून्य कर दिया जाएगा। बशर्तें विद्युत उपभोक्ता के परिसर में बिजली मीटर स्थापित न हो। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के बिल अपने आप शून्य हो गए जबकि शहरी क्षेत्रों में बिजली बिल के मीटर लगे होने के कारण किसी भी उपभोक्ता का बिजली बिल माफ नहीं हुआ। उधर ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी विद्युत मंडल का अमला लाड़ली बहनों को बिजली बिल बकाया का नोटिस भेजकर बिल वसूलने में मुस्तैद है। जिससे विद्युत विभाग के कारण प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगस्त माह के पूर्व बकाया बिजली का बिल लाड़ली बहनों के माफ किए जाने के निर्देश के बाद भी लाड़ली बहनों को नोटिस भेजकर विद्युत विभाग द्वारा बिजली का बिल वसूला जा रहा है। ऐसा ही मामला विद्युत वितरण केंद्र बघवार का सामने आया। जहां लाड़ली बहनों को लीगल सर्विसेज एक्ट 1987 की धारा 19 (5) एवं 20 के लाड़ली बहनों को नोटिस भेजकर विद्युत विभाग द्वारा बिजली का बिल वसूला जा रहा है। ऐसा ही मामला विद्युत वितरण केंद्र बघवार का सामने आया। जहां लाड़ली बहनों को लीगल सर्विसेज एक्ट 1987 की धारा 19 (5) एवं 20 के अंतर्गत बकाया राशि को नेशनल लोक अदालत की नोटिस भेजकर जमा करने का दबाव बनाया जा रहा था।
राशि जमा न करने की स्थिति में डीआरएम के तहत कार्रवाई करने की धमकी भी दी जा रही है। बताया गया है कि विद्युत वितरण केंद्र बघवार के अंतर्गत ग्राम अमिलई की लाड़ली बहना रामकली तिवारी को 10447 रुपए एवं विद्यावती तिवारी को 11493 रुपए बकाया बिजली का बिल जमा करने की नोटिस जारी की गई है। जिसके बाद से उक्त लाड़ली बहना काफी चिंतित हैं।
मीटर रीडर की मनमानी से परेशान हैं लोग।
मीटर रीडरों की मनमानी के चलते विद्युत उपभोक्ता सबसे ज्यादा त्रस्त हैं। घर-घर जाकर मीटरों की रीडिंग लेने की बजाय संबंधित मीटर रीडर मनमानी तौर पर रीडिंग अंकित कर देते हैं। जिसके कारण भारी भरकम बिजली का बिल आ जाता है। बाद में उपभोक्ता भारी बिल को जमा नहीं कर पाते और यह बिल लगातार बढ़ता जाता है और बाद में उनके जमीन की कुर्की तक होने की नौबत आ जाती है।
तत्संबंध में जानकारों का कहना है कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता को भी यह सहूलियत प्रदान की गई है कि वह अपने परिसर में लगे विद्युत मीटर की रीडिंग फोटो स्मार्ट मोबाईल से खींचकर डायरेक्ट विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर को प्रेषित कर सकते हैं या फिर कंपनी के ऐप को डाउनलोड कर हर महीने उसमें अपने बिजली के बिल से संबंधित फोटो अपलोड कर सकते हैं।
उक्त सुविधा का लाभ काफी संख्या में जागरुक उपभोक्ताओं द्वारा लिया भी जा रहा है। ऐसे लोगों के समक्ष यह कभी शिकायत नहीं रहती कि उनके यहां गलत रीडिंग ली जा रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो कि बिजली का बिल 100-50 रुपए महीने ही जमा करना चाहते हैं और बिजली के ज्यादा से ज्यादा उपकरणों का उपयोग करना चाहते हैं। यहीं से विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को पिछले माह तक के बिलों को शून्य कर दिया गया है। कुछ महीने बाद उपभोक्ताओं की यही शिकायतें फिर से आनी शुरू हो जाएंगी।