MP News: फ्री रेवड़ी बांटने के चक्कर मे कर्ज लेने का रिकॉर्ड बनाने जा रही डॉ मोहन सरकार, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट।
भोपाल । मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार वर्ष 2024-25 में 88 हजार 450 करोड़ रुपए कर्ज लेने जा रही है इतना भारी भरकम कर्ज लेने के बाद मध्य प्रदेश की सरकार कर्ज लेने का रिकॉर्ड बनाने जा रही है देखा जाए तो बीते वर्ष कर्ज लेने की तुलना में अब नया कर्ज जो सरकार लेने जा रही है 88-450 करोड़ यह पिछले साल की तुलना में 38 प्रतिशत ज्यादा है जबकि पहले से ही मध्य प्रदेश की सरकार पर ढाई लाख करोड़ से अधिक का कर्ज़ का बोझ लेकर सरकार चल रही है ऐसे में अब आने वाले समय में भारी भर काम कर्ज लेकर सरकार कर्ज लेने का रिकॉर्ड बनाने वाली है जानकार कहते हैं कि कर्ज लेकर घी पीने और पिलाने की प्रवृत्ति प्रदेश को मालामाल नहीं कंगाल कर देगी चुनाव से पहले अमूमन ऐसी ऐसी योजनाओं का क्रियान्वयन कर दिया जाता है जो फ्री रेवड़ी बांटने जैसी होती हैं जिम सरकार का बहुत सारा बजट खर्च हो जाता है इन योजनाओं से जनता तो खुशहाल हो रही है लेकिन सरकार लगातार कंगाल होती जा रही है हालांकि सरकार की तरफ से यह कहा जाता है कि जो भी कर्ज लिया जाता है विकास कार्यों के लिए लिया जाता है और उसकी अदायगी समय पर सरकार कर देती है।
2023 और 2024-25 में कर्ज का आंकड़ा।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के बाद जब से डॉक्टर मोहन यादव की सरकार बनी है तब से लगातार कर्ज लेने का सिलसिला जारी है हालांकि इससे पहले भी शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने भारी भरकम कर्ज ले रखा था अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्तीय वर्ष 2023 में
25 जनवरी 2023- 2000 करोड़ / 02 फरवरी 2023- 3000 करोड़/ 09 फरवरी 2023- 3000 करोड़/ 16 फरवरी 2023- 3000 करोड़/ 23 फरवरी 2023- 3000 करोड़/ 02 मार्च 2023- 3000 करोड़/ 09 मार्च 2023- 2000 करोड़/ 17 मार्च 2023- 4000 करोड़/ 24 मार्च 2023- 1000 करोड़/ 29 मई 2023- 2000 करोड़/ 14 जून 2023- 4000 करोड़ 12 सितंबर 2023- 1000 करोड़/ 27 दिसंबर 2023- 2000 करोड़/ 23 जनवरी 2024- 2500 करोड़/ 7 फरवरी 2024- 3000 करोड़/ 22 मार्च 2024- 5000 करोड़ (राशि 26 मार्च को आई) यह आंकड़े मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिए जा रहे हैं जबकि जुलाई में नया बजट आने के बाद सरकार का पूरा लेखा-जोखा सामने आ जाएगा।
इन योजनाओं में खर्च हो रही भारी भरकम राशि।
आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा रेवड़ी बांटने वाली योजनाओं में अत्यधिक खर्च फ्री बीज योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना सहित सरकार की अन्य जनकल्याणकारी योजनाएं बोझ बन चुकी है यह सही है कि इन योजनाओं से जनता को काफी राहत है लेकिन सरकार इन्हीं योजनाओं से कर्ज के दलदल में फंसती जा रही है आर्थिक मामलों के जानकार कहते हैं कि लाडली बहना योजना में हर साल 18 हजार करोड़ रुपए, फ्री बिजली योजना में हर साल 5500 करोड़ रुपए, और कृषि पंपों की सब्सिडी पर 17 हजार करोड़ रुपए, गैस सिलेंडर सब्सिडी एक हजार करोड़ रुपये हर साल का खर्च हो रहे हैं कर्ज लेकर रेवाड़ी बांटना सरकार के लिए घातक साबित हो रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं पूरा करने के लिए अब तक का सबसे अधिक एक मुश्त 88 हजार 540 करोड़ रुपये लेने जा रही है जिससे 73 हजार 540 करोड़ रुपये बाजार से और 15 हजार करोड़ केंद्र सरकार से कर्ज लेगी।