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singrauli news : अवैध कॉलोनियों से लगा स्मार्ट सिटी के सपने को ग्रहण, मनमानी अभी जारी

शहरी क्षेत्र की सीमाओं में मास्टर प्लान को नजरअंदाज कर मनमानी तरीके से हो रही बसाहट

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सिंगरौली. शहर को स्मार्ट बनाने में बाधा बनी पुरानी अवैध कॉलोनियों को वैधता मिलने के बाद मनमानी बसाहट में तेजी आई है। नियम-कायदों को दरकिनार कर बसी कॉलोनियों को व्यवस्थित करना मुमकिन नहीं हो सकेगा। क्योंकि एक दिन पहले विधानसभा में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी अवैध कॉलोनी को वैध नहीं किया जाएगा। ऐसे में अब स्मार्ट सिटी का सपना अधूरा ही रह जाएगा।

पिछले वर्ष दो चरणों में शहर में मनमानी तरीके से बसी 13 कॉलोनियों को वैध घोषित किया गया। वैधता का आदेश जारी होने के साथ ही कॉलोनियों में नगर निगम की ओर से सुविधाएं मुहैया कराने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इन सबके बाद जारी मनमानी निर्माण पर रोक नहीं लगाया गया। नतीजा शहर के एक दर्जन से अधिक लोकेशन में नई कॉलोनियां बस गई हैं। अवैध कॉलोनाइजर की ओर से बसाई जा रही कॉलोनियों में किसी भी मानक का ध्यान नहीं रखा गया है। कॉलोनियों में न ही पार्क हैं और न ही मानक के अनुरूप सडक़ व नाली। शहर के सीमा क्षेत्रों में बसी कॉलोनियां स्मार्ट सिटी की योजना को ग्रहण लगा रही हैं।

मास्टर प्लान के विपरीत बसाहट

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की ओर से बनाए गए शहर के मास्टर प्लान में जिन क्षेत्रों को हरित क्षेत्र व कृषि क्षेत्र घोषित किया गया है। वहां करीब एक वर्ष में आधा सैकड़ा से अधिक मकानों का निर्माण हो चुका है। जिला मुख्यालय वैढऩ के अलावा धुरीताल, नवानगर, ढोंटी, नवजीवन विहार, गनियारी, कचनी, गहिलगढ़, देवरा व बिलौंजी सहित अन्य कई सीमा क्षेत्र के मोहल्लों में नई कॉलोनियां तैयार हो गई हैं।

शहर में एक भी कॉलोनाइजर नहीं

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शहर में अवैध व मनमानी तरीके से बस रही कॉलोनियों की बाढ़ सी आ गई है। मोरवा में विस्थापन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कृषि योग्य भूमि की प्लाटिंग की भवन निर्माण के लिए बिक्री जारी है। कॉलोनियों की बसाहट के लिए जमीन की प्लाटिंग गैर पंजीकृत कॉलोनाइजर की ओर से किया जा रहा है। क्योंकि वर्तमान में शहर में एक भी कॉलोनाइजर पंजीकृत नहीं है। ये जानकारी भी प्रशासन को दी गई है।

शहर में मनमानी बसाहट और बिना मंजूरी अवैध निर्माण की समस्या काफी पुरानी है। यही वजह है कि वैढ़न सहित आस-पास के शहर की बसाहट सुनियोजित नहीं है। नवजीवन विहार आवासीय कॉलोनी व गनियारी में आवासीय कॉलोनी नगर निगम की ओर से बसाई गई है। ये कॉलोनियां पॉश कॉलोनियों में शामिल हैं। इसके अलावा बाकी की बसाहट बिना किसी योजना के है। मेरी समझ से इसको लेकर अब तक केवल योजना ही बनी है। कार्रवाई को लेकर अभियान एक बार भी शुरू नहीं हुआ है। जबकि सुंदर व सुनियोजित तरीके से शहर की बसाहट के लिए मंजूरी जरूरी है। अब तक जो हुआ सो हुआ, लेकिन जल्द ही इसको लेकर अधिकारियों को सक्रिय होना होगा। नहीं तो आगे स्थिति और गंभीर हो जाएगी।

 

निर्माण पर रोक, निर्देश तक सीमित

अवैध तरीके से बसाई जा रही कॉलोनियों में निर्माण पर रोक लगाने के बावत नगर निगम आयुक्त की ओर से निर्देश जारी कर टीम का गठन तो कर दिया गया है, लेकिन कई बार के निर्देश के बाद भी कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है। इधर, मास्टर प्लान को नजरअंदाज कर हो रहे मनमानी निर्माण से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों ने भी कलेक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत कराया है, लेकिन नतीजा सिफर है।

अवैध कॉलोनियों ने शहर की सूतर बिगाड़ दी है। वस्तुस्थिति से वाकिफ हूं। कार्यभार ग्रहण करने के बाद वस्तुस्थिति की जानकारी होने पर कार्रवाई के लिए टीम गठित किया है। चुनाव जैसी आयोजन में व्यवस्था के चलते मनमानी निर्माण पर प्रतिबंध लगा पाना संभव नहीं हुआ है। जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।  डीके शर्मा, आयुक्त नगर निगम सिंगरौली।

शहर में किसी भी स्थिति में अवैध कॉलोनियों का निर्माण नहीं होना चाहिए। सभी भवन निर्माण के लिए पहले परमिशन और नख्शा मंजूर होना चाहिए। इस संबंध में नगर निगम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। अब तक की स्थिति पर जानकारी ली जाएगी। चंद्रशेखर शुक्ल, कलेक्टर

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