Shahdol news, संभागीय मुख्यालय में जिला प्रशासन की नाक के नीचे जिला अस्पताल में करोड़ों का भ्रष्टाचार।
शहडोल यूं तो सामाजिक समरसता और मानव जीवन के हितार्थ चल रहे नियम कानून और अस्पतालों पर मानवीय पीड़ा और संवेदनाओं पर सरकारें बड़े-बड़े दंभ भरती है और हमेशा भरती रही हैं एवं आम जनमानस से वादा भी करती रही कि हम आपका पूरा ख्याल रखेंगे। आपकी जान माल का पूरा ख्याल रखेंगे। पर धरातल पर यथार्थ हमेशा की तरह अलग ही होते हैं।
जिला अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली और कार्रवाई हमेशा ही विवादों में रही है। इसी कड़ी में अब एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। पिछले कई महीनो से जिला अस्पताल में खाने को लेकर शिकायतें लगातार खबरों की सुर्खियां बनी रही इस कड़ी में अब जब जिला अस्पताल ने मरीजो के खाने से संबंधित नए टेंडर आवेदन निकले तो उसमें कई फार्मो ने भाग लिया। बड़े आश्चर्य की बात है कि जिस निविदाकार की निविदा को स्वीकृत किया जा रहा है उसमें एक नहीं दो नहीं दसों विसंगतियां है। जिनमें कुछ इस प्रकार हैं।
1- निविदा कार को 3 वर्ष का खाना खिलाने का अनुभव।
2- संबंधित जिले में व्यावसायिक कार्यालय होना चाहिए जिसका रिकॉर्ड जीएसटी ऑफिस में दर्ज होना चाहिए।
3- निविदा दर डेढ़ सौ रुपए के आसपास बुलाई गई थी जो की ₹100 के आसपास में संबंधित कमेटी के द्वारा स्वीकृत की जा रही है ₹100 में कैसे किसी मरीज को दोनों टाइम का खाना सुबह नाश्ता और चाय की व्यवस्था होगी यह अपने आप में सोचने का विषय है।
अस्पताल प्रशासन को बार-बार इस ओर ध्यान आकर्षित किया गया पर वह यहां बरसों से जमे जमाए पैठ बनाये बाबू जिनके आगे अस्पताल प्रशासक की भी एक न चली और उन्होंने निविदा की सारी शर्तों को हाशिये पर रखकर अपने मनपसंद निविदाकारो को टेंडर दे दिया।
हालांकि इस संबंध में संभागायुक्त शहडोल से भी शिकायत की गई है अब देखना है की प्राप्त शिकायत और इस खबर का असर क्या होता है ?