Shahdol news, साहब का नहीं उठता फोन और जिला पंचायत मे दम तोड़ रही वसूली की फाइले।
शहडोल। जिला पंचायत मे पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश जैन साहब फोन नहीं उठाते है। फोन न उठाने के पीछे का राज क्या है ये तो वही बता सकते है। ब्योहारी जनपद पंचायत के कई पंचायतो की कार्यवाही से लेकर बसूली की फाइले कई सालो से जिला पंचायत मे लंबित है। समाचार भी लगातार प्रकाशित हो रहा है इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियो के कान मे जू तक नहीं रेग रहा है और कार्यवाही नहीं हो रही है जबकी न्याय प्रिय अधिकारी कमिशनर बी एस जामोद एवं कलेक्टर तरुण भटनागर द्वारा लगातार सोसल मीडिया एवं समाचार पत्रों मे प्रकाशित समाचार पर कार्यवाही करने की बात कह रहे इसके बाद भी जिला पंचायत से कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है जिस पर लोगों द्वारा सवालिया निसान लगाये जा रहे है।
सरसी पंचायत मे 10 लाख की वसूली ।
जनपद पंचायत ब्योहारी अंतर्गत ग्राम पंचायत सरसी मे सरपंच तिजिया बाई साकेत और सचिव जीतेन्द्र सिंह द्वारा निर्माण कर्यो के नाम पर राशि का आहरण कर 10 लाख से ऊपर की राशि का बंदर बाट कर लिया गया था। शिकायत प्राप्त होने पर जनपद पंचायत ब्योहारी द्वारा जांच पर दोसी पाते हुए कार्यवाही हेतु पत्र क्र./ज. पं./जांच/2021/3131 दिनांक 13/07/2021 को जिला पंचायत शहडोल भेजा गया जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
हिरवार मे 11 लाख से अधिक की वसूली ।
ग्राम पंचायत हिरवार मे सरपंच रणबहादुर सिंह एवं सचिव अमरेंद्र सिंह द्वारा निर्माण के नाम पर राशि का आहरण कर लिया गया और निर्माण कार्य नहीं कराया गया जिसकी शिकायत दिनांक 24/02/2022 को भरत सिंह अंकू जनपद सदस्य द्वारा की गयी जिस पर जनपद पंचायत ब्योहारी से उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं खंड पंचायत अधिकारी द्वारा समूहिक रूप से जांच कर प्रतिवेदन दिया गया जिसमे 1192298 रूपये गबन करने का दोसी पाये इसके बाद भी आज तक दोसियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई।
पसगड़ी मे भी यही हाल।
ग्राम पंचायत पसगड़ी मे पूर्व सरपंच बाबूलाल बसोंर एवं सचिव आशीष पाण्डेय द्वारा पीसीसी सड़क निर्माण के नाम पर वर्ष 2020 मे वेंडर से मिली भगत कर 217000 रूपये आहरण कर बंदर बाट कर लिया गया शिकायत पर जनपद पंचायत ब्योहारी द्वारा जांच की गयी जंहा मौके पर पीसीसी सड़क का निर्माण होना नहीं पाया गया जांच प्रतिवेदन बना कर कार्यवाही हेतु जिला पंचायत भेजा गया किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई।
प्रमाणित जांच फाइलो मे हो रही दफन।
जिस तरह से कई पंचायतो के भ्रस्टाचार की फाइले जिला पंचायत मे जिम्मेदार अधिकारियो के देख रेख मे कार्यवाही न हो कर फाइलो मे दफन हो रही है उससे लोगों का जिला पंचायत से विश्वास हटता जा रहा है यंहा तक की दबी जुबान से पैसा लेकर फाइलो को दबाने का अरोप भी लोगों द्वारा लगाया जा रहा है। अब देखना यह है कि उच्चाधिकारी इसे कितनी गंभीरता से लेते है और विभाग की विश्वस्नीयता को बनाए रखने के लिये क्या कार्यवाही करते है।