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Shahdol news, गजब हो गया, यहां तो भूत भी करते हैं रेत कारोबारी के लिए अपनी जमीन का एग्रीमेंट।

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Shahdol news, गजब हो गया, यहां तो भूत भी करते हैं रेत कारोबारी के लिए अपनी जमीन का एग्रीमेंट।

👉 खनिज विभाग की मिलीभगत से मरे हुए व्यक्ति का फर्जी दस्तखत और दस्तावेज तैयार कर बना लिया गया रेत भंडारण का अनुबंध।

👉 सहकार ग्लोबल कम्पनी द्वारा फर्जी  कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की पुलिस से हुई शिकायत, रेत खदान बोड्डिहा का मामला ग्रामीणों में आक्रोश।

👉 फर्जी तरीके से ली गई रेत भंडारण की अनुमति को निरस्त कराने लोगों ने की मांग।

 

विराट वसुंधरा / अरुण तिवारी
शहडोल । जिले में रेत के कारोबार में क्या-क्या होता है यह किसी से छिपा नहीं है रेत माफियाओं ने पटवारी और पुलिस के एएसआई की हत्या तक करती है अब एक और मामला ऐसा सामने आया है जहां मरे हुए व्यक्ति के फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर से रेट भंडारण का अनुबंध किया गया है बताया गया है कि ब्योहारी क्षेत्र में महाराष्ट्र की सहकार ग्लोबल कम्पनी द्वारा रेत का अवैध उत्खनन करने से लेकर कई तरह के आरोप आए दिन लगते रहे हैं सहकार ग्लोबल कंपनी का जब से शहडोल जिले में रेत का ठेका हुआ है तब से यहां रेत कारोबार में सरकार के नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है देखा जा रहा है कि रेत ठेका कम्पनी ने पहले तो लीज से हटकर बड़ी बड़ी मशीनों को नदी मे उतार कर नियम क़ानून को ठेंगा खुलेआम दिखा रहा है और नदी का सीना छलनी करते हुए नदी की धार को परिवर्तित कर स्वीकृति लीज से हटकर रेत का अवैध उतखन्न धड़ल्ले से किया जा रहा है और अब बरसात मे नदियों से उत्खनन पर प्रतिबंध होने के कारण कम्पनी के लोगों ने नया फंडा अपना लिया रेत भंडारण का इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जहां कंपनी के शागिर्दो द्वारा रेत का भंडारण स्वीकृत कराने के लिये अनुबंध मे फर्जी हस्ताक्षर से फर्जी दस्तावेज तैयार कर मृत ब्यक्ति की भूमि में भंडारण की अनुमति स्वीकृति करा ली गई है।

लोगों ने किया विरोध और शिकायत।

सहकार ग्लोबल कंपनी के गुर्गों द्वारा रेत भंडारण के लिए की गई कूट रचना को लेकर स्थानीय लोग आदित्य प्रताप सिंह द्वारा कलेक्टर शहडोल से शिकायत करने की बात कही गई है इसके साथ ही उन्होंने ब्यौहारी थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है आरोप लगाया गया है कि कम्पनी के विपुल द्विवेदी ने अनुबंध मे अजय तिवारी का फर्जी हस्ताक्षर किया है शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया की सहकार ग्लोबल कम्पनी के द्वारा रेत भंडारण अजय तिवारी के नाम अधिकृत करते हुए अनुबंध अजय तिवारी के नाम पर किया गया लेकिन जिस समय रेत भंडारण के लिये अनुबंध तैयार कराया गया उस समय अजय तिवारी सिंगरौली मे था और उनके नाम का हस्ताक्षर कम्पनी के मैनेजर विपुल द्विवेदी द्वारा फर्जी तरीके से करके अनुबंध पत्र तैयार कराया गया है उक्त अनुबंध पत्र मे गवाह के रूप मे मेरे भी हस्ताक्षर है। मुझे इस बात की जानकारी बाद मे हुई की जो हस्ताक्षर अनुबंध मे अजय तिवारी के नाम पर बनाया गया है वो अजय तिवारी नहीं विपुल द्विवेदी है।जैसे ही फर्जी हस्ताक्षर किये जाने की  जानकारी मुझे लगी तब मै विपुल द्विवेदी द्वारा किये गये फर्जीवाड़े पर कार्यवाही के लिये शिकायत थाना ब्योहारी सहित कलेक्टर शहडोल से कर मामले की जांच करा कार्यवाही की लिखित मांग की है।

रेत भंडारण के लिए मृतक ने किया अनुबंध।

सरकार का खनिज विभाग भ्रष्ट अधिकारियों के हवाले हैं ऐसे में नियम को दरकिनार कर कई तरह से वैधानिक स्वीकृतियां ऐसी कर दी जाती है कि जब शिकायत सामने आती है तब खनिज विभाग के अधिकारियों की कलई खुलती है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस खसरा क्रमांक मे रेत के भंडारण की स्वीकृति खनिज विभाग से ली गयी है। उस भूमि के भू स्वामी जगन्नाथ सिंह की मृत्यु कई साल पूर्व हो चुकी है ऐसे मे जब वह इस दुनिया मे ही नहीं है तो फिर जमीन के कोई दस्तावेज प्रस्तुत करने का सवाल ही नहीं उठता। किन्तु सहकार ग्लोबल कम्पनी के लोगों  द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर अनुबंध करा कर खनिज विभाग से भंडारण की अनुमति प्राप्त कर ली इस पूरे मामले में रेत कारोबारी ही नहीं भ्रष्ट अधिकारी अधिक दोषी हैं।

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आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की उठी मांग 

   नियम कहता है कि कोई भी अनुबंध कराने के लिये दोनों पक्षो को नोटरी के समक्ष उपस्थित होकर दस्तावेज व नोटरी के रजिस्टर मे हस्ताक्षर किया जाता है। और नोटरी द्वारा दस्तावेज मे लगे फोटो का मिलान करने के बाद ही सत्यापित किया जाता है। ऐसे मे सवाल उठ रहा है कि जब अर्सा पूर्व भू स्वामी की मृत्यु हो गयी है तो फिर दस्तावेज मे किसकी फोटो लगाकर नोटरी के समक्ष पेश किया और रजिस्टर मे हस्ताक्षर कराये। इन सब की यदि सूक्ष्मता से जांच हुई तो  पूरा मामला स्पष्ट हो जायेगा। जिसके लिये लोगों ने अनुबंधपत्र की जांच करा कम्पनी के जीएम उत्तमशर्मा के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की शिकायतकर्ता ने मांग की है।

ब्योहारी अनुविभागीय अधिकारी ने खनिज विभाग को जांच के लिये लिखा था पत्र।

  बताया गया है कि कम्पनी द्वारा स्वीकृति भंडारण लीज की भूमियो का डायवर्सन कराने के लिये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ब्योहारी के यंहा पत्र दिया गया था जिस पर आदित्य प्रताप सिंह द्वारा आपत्ति दर्ज करायी गयी थी जिस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने उक्त जमीन का डायवर्सन नही किया। और जांच हेतु पत्र क्रमांक /प्रा./2024 ब्योहारी दिनांक-11/06/24 को खनिज विभाग शहडोल को भेजा जिस पर खनिज विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के यहा से डायवर्सन भी हो गया है।

खनिज विभाग के अधिकारी और रेत कारोबारी हो रहे मालामाल।

इन दिनों खनिज विभाग शहडोल के अधिकारी और रेत कारोबारी खूब मालामाल हो रहे है ठेकेदारों द्वारा गलत तरीके से काम किया जाना कोई नई बात नहीं है लेकिन सरकार से मोती वेतन लेने वाले जिम्मेदार खनिज विभाग के अधिकारियों का रेत माफियाओं के सामने झुक जाना और नियम विरुद्ध कार्यों में सहयोगी बनना सरकार के लिए चिंता जनक है जिस तरह से रेत के कारोबारी सहकार ग्लोबल कम्पनी कठपुतली बनकर उनके इशारों पर भ्रष्ट अधिकारी मेहरबान है यह किसी से छिपा नहीं है शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया है कि मेरे द्वारा डायवर्सन पर आपत्ति लगायी गयी और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा आपत्ति स्वीकार किया जाकर खनिज शाखा शहडोल को जांच हेतु पत्र भेजा गया मगर खनिज विभाग के अधिकारियो द्वारा कम्पनी से सांठ गांठ कर बिना जांच कराये ही डायवर्सन कराकर रेत का अवैध करोबार करने हेतु सहकार ग्लोबल कम्पनी को हरी झंडी दे दी गयी थी।

इनका कहना है ।

1-  मै उसे कल देखा था ये मैटर अभी नहीं हो पाया था कल देख कर प्रतिवेदन भेजवा दूंगा।
प्रभात पट्टा खनिज निरीक्षक
                         
2- मुझे इसकी जानकारी नहीं है आप वहां के मैनेजर से बात कर लीजिए।
उत्तम शर्मा जीएम सहकार ग्लोबल कम्पनी।

3- कुछ नहीं है सब ऐसा ही है, बांकी सब आप जानते है, वापस आकर आपको फोन लगाता हूँ।
विपुल द्विवेदी मैनेजर।

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