MP news, रीवा की युवती ने MP सरकार के अंडर सेक्रेटरी अधिकारी पर लगाया शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण करने का आरोप।
MP news, रीवा की युवती ने MP सरकार के अंडर सेक्रेटरी अधिकारी पर लगाया शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण करने का आरोप।
800 करोड़ के घोटाले और हनीट्रेप गिरोह का खुलासा किया इसलिए अधिकारी ने साजिश करके फंसाया किया बदनाम।
विराट वसुंधरा
रीवा। बीते माह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज खबर सामने आई थी कि रीवा की एक युवती ने मध्य प्रदेश सरकार के अंडर सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी जीवन रजक को जो जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के ओएसडी रह चुके हैं उन्हें ब्लैकमेल करके ₹2 करोड़ मांग रही है अधिकारी द्वारा इस संबंध में हबीबगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी जहां संबंधित युवती को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जब न्यायालय में पेश किया तो न्यायालय से युवती को मुचलके पर जमानत मिल गई थी इस घटना की खबर पूरे मध्य प्रदेश में आज की तरह फैल गई मीडिया में तरह-तरह की खबरें प्रकाशित हुई उस दौरान मीडिया कर्मियों द्वारा संबंधित युवती से उसका कथन नहीं लिया गया था बल्कि अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट को सही मानकर एक पक्षीय खबर चलाई गई थी इस खबर से लड़की की काफी बदनामी हुई और लगभग महीने तक लड़की सदमे में रही और अब उसके साथ अधिकारियों द्वारा किए गए जुल्म की पूरी कहानी उसने रीवा आकर मीडिया कर्मियों को बताया युवती ने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ अब जंग दिया है और मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों को अपना शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है युवती नेहा त्रिपाठी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित अधिकारियों को दिए गए शिकायत पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश सरकार के अंडर सेक्रेटरी अधिकारी जीवन रजक एवं उसके आपराधिक गिरोह के काले कारनामों , 800 करोड रुपए के घोटाले एवं हनीट्रेप गिरोह का खुलासा करने के कारण मुझे झूठे मामले में फंसाकर मुझे मार डालने की कोशिश की गई और मेरी चरित्र हत्या के कुत्सित प्रयास किए गए थे।
पीड़ित युवती नेहा त्रिपाठी ने शिकायत पत्र में लिखा है कि मैं ग्राम डीही थाना गोविंदगढ़ जिला रीवा मध्यप्रदेश ग्रामीण पृष्ठभूमि की एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता हूं। जन समस्याओं के निराकरण के लिए मैं निरंतर प्रयासरत रहती हूं। इस संबंध में प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेरा आना-जाना रहता है। प्रदेश के जल संसाधन विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट के पूर्व ओएसडी जीवन रजक एवं उसके सहयोगियों के काले कारनामों हनीट्रेप और 800 करोड़ के घोटाले के विरुद्ध मैंने पिछले वर्ष शिकायत दर्ज कराई थी। इनके द्वारा मेरा शारीरिक आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया गया है। शिकायत वापस लेने के लिए इनके द्वारा मेरे ऊपर भारी दबाव बनाया गया। जब मैंने शिकायत वापस नहीं ली तब इन्होंने मेरे खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रहते हुए भोपाल के हबीबगंज थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई और मुझे 7 जून 2024 को रात के समय में गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया।
दूसरे दिन 8 जून की शाम के समय हबीबगंज थाना पुलिस के द्वारा मुझे भोपाल की एक अदालत में पेश किया गया ताकि तकनीकी तौर पर जमानत नहीं मिल पाए और मुझे जेल भेजा जा सके। मेरा मोबाइल और सिम भी जप्त कर लिया गया। जो अभी तक उपलब्ध नहीं होने से मुझे भारी परेशानी हो रही है। लेकिन इनके नापाक इरादे सफल नहीं हुए और माननीय न्यायालय के द्वारा मुझे तत्काल मुचलके पर रिहा करने के साथ भोपाल पुलिस से जवाब तलब किया है। पुराना मोबाइल नंबर नहीं होने से मैं अपने रिश्तेदारों तक से बात नहीं कर पा रही हूं। एक साज़िश के अंतर्गत प्रदेश के तमाम अखबारों एवं मीडिया के माध्यम से मुझ अकेली लड़की को आतंकवादी की तरह खतरनाक दिखाया गया।
पीड़ित युवती ने पत्र में लिखा है कि मुझे जेल भेजने की झूठी खबर भी मीडिया में चलाई गई जबकि अदालत ने मुझे उसी दिन मुचलके पर रिहा किया है। मैं 24 वर्षीया एक कुंवारी लड़की हूं। मेरा प्रतिष्ठित घराना है लेकिन भ्रष्ट नौकरशाही एवं राजनीतिक षड्यंत्र के चलते मुझे बुरी तरह बदनाम किया गया। मुझे बदनाम करने के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों में मेरा फोटो और नाम छापे गए। एक अकेली कुंवारी लड़की के पीछे पूरा प्रशासनतंत्र लग गया। मुझे न्याय नहीं मिल पा रहा है। मेरे पास मुकदमे की लड़ने के लिए पैसे नहीं है। मैं न्याय के लिए संघर्ष करना चाहती हूं लेकिन एकदम अकेले हो गई हूं। मुझे इतना अधिक तंग किया गया कि मैं बुरी तरह टूटने लगी। मेरे खिलाफ इतना अधिक दुष्प्रचार हुआ कि इसकी सफाई मैं कहां-कहां दूं। फिर भी मैंने हार नहीं मानी है। इन लोगों ने जो हालात बनाए उसके चलते कोई भी लड़की आत्महत्या कर सकती है लेकिन मैंने जीवन से पलायन करने की जगह सच्चाई की लड़ाई लड़ने का मन बना रखा है। यह भारी विडंबना है कि आज सच्चाई का साथ देने के लिए जल्दी कोई तैयार नहीं है। फिर भी न्याय की प्रत्याशा में मैं जीवित हूं।
मेरी हालत मध्यप्रदेश के नक्कारखाने में तूती की आवाज है। मेरे खिलाफ षडयंत्र रचने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों को संज्ञान में लेकर आपराधिक गिरोह का भंडाफोड़ होना चाहिए। कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग पुलिस के माध्यम से मनगढ़ंत आरोप लगाकर अपने घटिया राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति में लगे हुए हैं। चरित्र से गिरे हुए यह लोग दूसरे की छवि बिगाड़ने का दुष्प्रयास करते रहते हैं। इनके ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जरूरत है। मेरे द्वारा इनके खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की गई थी जिसके चलते उपर्युक्त आपराधिक गिरोह के लोगों द्वारा अपने बचाव में मुझे षडयंत्र पूर्वक फसाकर अपने आप को पाक-साफ बताने की कोशिश की जा रही है। षड्यंत्रकारियों के द्वारा अपने बचाव के लिए सबूत मिटाने और मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है।
इस शिकायत पत्र में रीवा जिले के कई नामी गिरामी लोग भी शामिल हैं सभी का नाम शिकायत पत्र में लिखा गया है और कहा गया कि इस गिरोह के गोरखधंधे में रीवा के करीब आधा दर्जन लोग भी शामिल हैं। और ये लोग कभी भी मेरी हत्या करवा सकते हैं। मेरी सुरक्षा के संबंध में शासन प्रशासन के द्वारा किसी तरह का सहयोग नहीं किया जा रहा है। रीवा से भोपाल तक यह अपराधिक गिरोह मेरे पीछे पड़ा हुआ है। मैं अपने आप को बेहद असुरक्षित महसूस कर रही हूं। मुझ फरियादिया को झूठे मामले में फंसाया जाना अत्यंत आपत्तिजनक एवं काफी कष्टकारक घटना है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर न्याय दिलाई जाए।