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Big breaking: RTI के तहत प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में खर्च हुई राशि की जानकारी नहीं देने पर सूचना आयुक्त ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला।

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Big breaking: RTI के तहत प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में खर्च हुई राशि की जानकारी नहीं देने पर सूचना आयुक्त ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला।

👉 मप्र राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का ऐतिहासिक निर्णय पंचायतीराज दिवस अप्रैल 2023 संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की आरटीआई के तहत जानकारी न देने पर लिया बड़ा फैसला।

👉 विकास आयुक्त पंचायत विभाग भोपाल शिवानंद द्विवेदी को दें 5 हजार हर्जाना राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

👉 आदेश प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर निशुल्क जानकारी उपलब्ध कराए जाने दिया आदेश,

👉 सीईओ जिला पंचायत रीवा संजय सौरभ सोनवड़े के कार्यकाल की रोकी गई है जानकारी।

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👉 अब तक लोक प्राधिकारियों को होते थे जुर्माने यहां हर्जाने का बड़ा फैसला दिए जाने से प्रशासनिक महकमे में मचा हड़कंप।

👉 सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने फैसले को बताया मील का पत्थर।

 

MP : मप्र राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के एक ऐतिहासिक निर्णय ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के गलियारों में तहलका मचा दिया है। दरअसल मामला एक सूचना के अधिकार से जुड़ा हुआ है जिसमे आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी ने 23 अप्रैल 2023 को रीवा में आयोजित किए गए राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रीवा में आयोजित किए गए कार्यक्रम के अवसर पर उनकी सुरक्षा और कार्यक्रम में हुए खर्च के आय व्यय संबंधी 6 बिंदुओं की जानकारी चाही थी। तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी जिला पंचायत रीवा के द्वारा मात्र एक ही बिंदु की जानकारी दी गई और शेष जानकारी के लिए अधिनियम के विपरीत आरटीआई कानून की धारा 6(3) के तहत आवेदन अन्य जनपद कार्यालय एवं आरटीओ विभाग को अंतरित कर दिया गया था। जबकि आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के द्वारा बताया गया कि पूरे कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रीवा विजिट में हुए समस्त भुगतान और खर्चे से संबंधित नोडल अधिकारी जिला पंचायत रीवा को ही बनाया गया था। इस प्रकार स्वयं जानकारी न दिया जाकर धारा 6(3) के तहत आवेदन को अंतरित किया जाना पूरी तरह से आरटीआई कानून का उल्लंघन था। मामले पर समयसीमा पर वांछित जानकारी न मिलने पर आवेदक के द्वारा प्रथम अपील की गई और फिर उसके उपरांत मामले का समाधान न होने पर मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में द्वितीय और अंतिम अपील नियमानुसार प्रस्तुत की गई। जब मामले की सुनवाई मार्च 2023 में हुई तो सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा एवं लोक सूचना अधिकारी जिला पंचायत रीवा को मामले में दोषी पाया जिसके बाद नियम विरुद्ध तरीके से जानकारी रोकने के लिए हर्जाने के तौर पर विकास आयुक्त और लोक प्राधिकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग विंध्यांचल भवन भोपाल द्वारा शिवानंद द्विवेदी को पांच हजार रुपए हर्जाने की राशि भुगतान किए जाने के ऐतिहासिक आदेश दिए गए। यह हर्जाने की राशि आवेदक को सरकारी खजाने से दी जाएगी न की विकास आयुक्त अथवा लोक सूचना अधिकारी के व्यक्तिगत खाते से जो कि अपने आप में अब तक का एक ऐतिहासिक निर्णय बताया जा रहा है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 23 अप्रैल 2023 की विजिट संबंधी समस्त जानकारी इस आदेश प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर दिए निशुल्क दिए जाने के भी आदेश दिए गए हैं।

जब मामले पर सूचना आयुक्त राहुल सिंह से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया की आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी की एक आरटीआई से जुड़ा मामला है जिसमे उनके द्वारा रीवा में पंचायतीराज दिवस अप्रैल 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा में खर्चे एवं अन्य जानकारी चाही गई थी लेकिन जानकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा समयसीमा में उपलब्ध न कराए जाने की स्थिति में आयोग में अपील हुई थी जिसकी सुनवाई राहुल सिंह द्वारा मार्च 2024 में की गई और जिला पंचायत को जानकारी छुपाए जाने का दोषी पाया गया और 5 हजार रुपए हर्जाने के साथ निशुल्क जानकारी आवेदक को उपलब्ध कराने हेतु आदेशित किया गया है।

इस बीच आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया की जिला पंचायत रीवा में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी समयसीमा पर नहीं दी जाती और भ्रष्टाचार उजागर न हो इसलिए आवेदक को जानकारी नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि मामले पर कराधान घोटाले के मास्टरमाइंड अतिरिक्त सीईओ एबी खरे को प्रथम अपीलीय अधिकारी बनाया गया है जो कि स्वयं भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। इसी प्रकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा के द्वारा भी भ्रष्टाचार का संरक्षण दिया जाकर जानकारी दबाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। द्विवेदी ने बताया की वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा का यह दायित्व बनता है कि उनके कार्यालय की विभागीय संरचना और दिए गए उत्तरदायित्व यदि शाखाएं सही तरीके से निर्वहन नहीं कर रही हैं तो वह उसकी समय-समय पर समीक्षा करें और यह देखें कि आवेदकों को समयसीमा में जानकारी मिले और भारत के सबसे महत्वपूर्ण कानून सूचना के अधिकार कानून का पालन किया जाए।

 

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