सतना. चित्रकूट विधायक के भतीजे के सामने पुलिस ने भी घुटने टेक दिए हैं। 2 मई को नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते पर कार्रवाई के दौरान बस स्टैंड में हुए हमले के मामले में पुलिस जांच के नाम पर घटना की एफआइआर दर्ज करने से कतरा रही है। मामले में शिकायत चित्रकूट विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार के भतीजे बस ऑपरेटर राजेश सिंह के खिलाफ है। कार्रवाई नहीं करनी पड़े, इसलिए कोलगवां पुलिस तरह-तरह की बहानेबाजी कर रही है। जांच में मामला होने की बात कहकर ढाई माह तक शिकायत को दबाए रखने के बाद कोलगवां पुलिस विवेचना अधिकारी के ट्रेनिंग में जाने की बात कहकर कार्रवाई से बच रही। थाना प्रभारी सुदीप सोनी सफाई दे रहे कि विवेचना अधिकारी पांडेय अभी ट्रेनिंग से नहीं लौटे हैं। जब आ जाएंगे तो शिकायत देखकर ही कुछ कहा जा सकता है। मामले में रीवा आइजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने कहा कि मामले को दिखवाते हैं।
नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर 2 मई को अतिक्रमण दस्ता प्रभारी टीम के साथ बसस्टैंड पहुंचे थे। उन्होंने यात्री प्रतीक्षालय के कमरे का ताला तोड़वाकर कमरे के अंदर रखे टायर व अन्य सामग्री जब्त कर ली थी। कमरा खाली कराने के बाद राजस्व अधिकारी ने यात्री प्रतीक्षालय में अपना ताला लगाकर उसे सीज कर दिया था। इसके बाद अतिक्रमण दस्ते ने गहरवार ट्रेवल्स के कार्यालय के सामने टीनशेड लगाकर बसस्टैंड में किए गए अवैध कब्जे को भी ध्वस्त कर दिया था। इससे खार खाए राजेश सिंह ने अपने गुर्गों के साथ अतिक्रमण दस्ते पर हमला कर दिया था। घटना के 92 दिन बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। नगर निगम के मस्टर कर्मचारियों को पीटने के बाद राजेश सिंह ने खुद एक शिकायत कोलगवां थाना में दर्ज करा दी थी। इसकी शिकायत के बाद पुलिस को जांच को लंबा घसीट कर प्रकरण दर्ज नहीं करने का बहाना मिल गया।
मामले के बारे में फिलहाल मुझे ज्ञात नहीं है। सभी शिकायतों पर जांच व कार्रवाई होती हैं। आपसे ही ऐसे किसी प्रकरण की जानकारी मिली। दिखवाते हैं।
महेंद्र सिंह सिकरवार, आइजी