सतना. सतना और मैहर जिले में डायरिया का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को जिले के सोहावल विकासखंड अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य गांव इटमा में उल्टी-दस्त से बीमार मरीज सामने आए। 72 घंटे के अंदर गांव में डायरिया के 24 मरीज मिले हैं। उन्हें इलाज के लिए जिले के अलग-अलग अस्पताल ले जाया गया। गंभीर रूप से बीमार तीन लोगों का इलाज सतना जिला अस्पताल में चल रहा है। ग्राम पंचायत कार्यालय के अनुसार इटमा निवासी दुर्घटिया आदिवासी, ओम कोल, कुंवरजी प्रजापति, बादल कोल, पप्पी बाई, सुशीला, धर्मेंद्र कोल, ददोला कोल, मान्या कोल, जीना कोल और सीता गुप्ता अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। बीते दिन इटमा गांव निवासी झल्ला कोल की मौत भी हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौत की वजह उल्टी दस्त नहीं बल्कि पेट में दर्द बता रहे हैं। सीएमएचओ ने बताया कि झल्ला के पेट में शाम को दर्द हुआ। वह बेहोश होकर गिर पड़ा। दूसरे दिन सुबह परिजन इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोठी ले जा रहे थे कि उसी बीच मौत हो गई।
विभाग ने लगाई 24 घंटे की ड्यूटी
स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर मेडिकल ऑफिसर पीएचसी रैगांव डॉ आशीष त्रिपाठी के नेतृत्व में अधिकारी-कर्मचारियों की 24 घंटे की ड्यूटी लगाई है। देवेश तिवारी सीएचओ धौरहरा, डॉ विपिन कृष्ण तिवारी सीएचओ महुटा, अरुणा तिवारी एएनमएम धौरहरा, डॉ सुधांशु पाण्डेय सीएचओ करसरा, शिवचरण बुनकर एमपीडब्लयू, लक्ष्मी चौधरी, रमा निगम आशा सुपरवाइजर, सविता विश्वकर्मा आशा इटमा, ललिता बागरी आशा इटमा की ड्यूटी लगाई गई है। सीएमएचओ डॉ एल के तिवारी ने मरीजों के इलाज, गांव में सर्वे व अन्य बिंदुओं का पालन प्रतिवेदन कलेक्टर को दिया है।