- Advertisement -

- Advertisement -

बिजली की अघोषित कटौती से शहरवासी परेशान 4 घंटे तक अनवरत रूप से गुल रहती है बिजली।

- Advertisement -

बिजली की अघोषित कटौती से शहरवासी परेशान 4 घंटे तक अनवरत रूप से गुल रहती है बिजली।

सीधी में शाम ढलने के बाद घंटो कायम रहता है अंधेरा बंद रहती है बिजली सप्लाई।

- Advertisement -

विराट वसुंधरा , ब्यूरो
सीधी। जिले में अल्पवर्षा के बने हालात के चलते उमस भरी गर्मी के प्रकोप से सभी परेशान है। उमस भरी गर्मी से राहत पाने के लिए लोग बिजली के उपकरणों का सहारा लेने के लिए मजबूर हैं। बिजली की खपत लगातार बढऩे से विद्युत वितरण कंपनी की बिजली सप्लाई से संबंधित मशीनरी एवं तार जल रहे हैं। ऐसे में घंटो बिजली की सप्लाई बंद होना अब आम बात हो रही है। चुनावी वर्ष में जिस तरह से जिला मुख्यालय में ही बिजली की अघोषित कटौती रोजाना घंटो चल रही है उसके चलते लोगों का आक्रोश भी बढ़ रहा है।

 

विद्युत वितरण केंद्रों में संपर्क करने पर यही जवाब मिलता है कि मुख्य लाईन में फाल्ट होने के कारण बिजली की सप्लाई ठप्प हो गई है। सुधार का कार्य पूर्ण होते ही बिजली की सप्लाई शुरू हो जाएगी। ऐसे में लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि सुबह 6 बजे के बाद से रात 10 बजे तक आखिर बिजली अघोषित कटौती का दौर क्यों चल रहा है। दिन में कई बार घंटो बिजली की सप्लाई बंद हो जाती है। उस दौरान विद्युत वितरण कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को मिले सरकारी मोबाईल नंबर पर घंटी जाने के बाद भी काल रिसीव नहीं किया जाता। ऐसा आभाष होता है कि विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को उपभोक्ताओं की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।

 

जिला मुख्यालय में फीडर क्रमांक 1,2 एवं 3 से संबद्ध सभी क्षेत्रों में यही स्थिति बनी हुई है। शहरी बाजार क्षेत्र में भी 4-4 घंटे तक बिजली की सप्लाई ठप्प होने से लोगों का आक्रोश वाजिब है। चर्चा के दौरान कुछ उपभोक्ताओं ने कहा कि बिजली का बिल जमा करने की तिथि बीतते ही विद्युत वितरण का अमला बिजली सप्लाई काटने के लिए मोहल्लों में अपनी आमद दे देता है। लेकिन बिजली की समस्या सामने आने के बाद विद्युत वितरण केंद्रों के प्रभारी कनिष्ट यंत्री पूरी तरह से गैर जिम्मेदार हो जाते हैं। जिला मुख्यालय में विद्युत वितरण केंद्र शहर क्रमांक 1, विद्युत वितरण केंद्र शहर क्रमांक 2 के साथ ही ग्रामीण विद्युत वितरण केंद्र का कार्यालय भी संचालित है। उक्त कार्यालयों के प्रभारी कनिष्ट यंत्रियों की मनमानी यह है कि बिजली की सप्लाई ठप्प होते ही उनके द्वारा सरकारी मोबाईल नंबर पर कॉल रिसीव करना बंद कर दिया जाता है। ऐसा आभाष होता है कि चुनावी वर्ष में भाजपा सरकार को बदनाम करने में विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी कुछ महीने से पूरी तरह से सुपारी ले चुके हैं। शहरी क्षेत्र का यह हाल है कि ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली सप्लाई व्यवस्था का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। दिन-दिन भर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के दर्शन नहीं हो रहे हैं। इसके पीछे भी जिम्मेदार विद्युत वितरण कंपनी का अमला विद्युत लाईन फाल्ट या फिर अन्य बहानेबाजी कर रहा है।

 

फाल्ट के बहाने घंटो बंद रहती है बिजली:-
जिला मुख्यालय में करीब 3 महीनों से बिजली की अघोषित कटौती का दौर घंटों के लिए शुरू हो गया है। 4-4 घंटे तक लगातार बिजली गुल रहने से विद्युत संबंधी मशीनरी से व्यवसाय करने वाले लोगों की आजीविका काफी प्रभावित हो रहा है। बिजली की सप्लाई कभी सुबह से ही घंटो बंद कर दी जाती है। इसके बाद दोपहर में भी इसी समय घंटो बिजली की सप्लाई बंद हो जाती है। शाम ढ़लने से पूर्व ही कई दिनों से बिजली की सप्लाई लंबे समय तक बंद हो रही है। सभी फीडरों में बिजली की सप्लाई बाधित होने पर हाल एक समान ही है।

 

लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर चुनावी वर्ष में ऐसा क्या हो गया है कि जिला मुख्यालय में ही 4-4 घंटे तक की बिजली सप्लाई ठप्प हो रही है। शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता समय पर बिजली का बिल चुकाते हैं। इसलिए उनका गुस्सा भी होना लाजिमी है। विद्युत वितरण केंद्र शहरी क्षेत्र में ऐसे कनिष्ट यंत्रियों को प्रभारी बनाया गया है जिनकी दिलचश्पी बिजली की समस्या को तत्काल दूर करने की नहीं हैे। इसी वजह से उपभोक्ताओं का आक्रोश भी काफी बढ रहा है। चर्चा के दौरान कुछ उपभोक्ताओं का कहना था कि जिला मुख्यालय में ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए जो कि बिजली की सप्लाई ठप्प होने पर स्वयं सडक़ पर उतरकर सुधार का कार्य कराएं। देखा यह जा रहा है कि जिला मुख्यालय में संचालित होने वाले सभी विद्युत वितरण केंद्र लाईनमैनों के सहारे ही संचालित हो रहे हैं। कनिष्ट यंत्री अपने बंगलों में आराम फरमाने में लगे हुए हैं।

- Advertisement -

BJPCollector SidhiCongresselection2023Jansampark sidhiMP NEWSMP policeMpebViratvasundhara
Comments (0)
Add Comment