रीवा जिला मध्य प्रदेश राज्य के उत्तरी भाग में स्थित है। इस जिले का नामकरण अपनी सर्वाधिक लोकप्रियता और मान्यता के साथ, यहां के बेहद प्राचीन राजा महेश्वर द्वारा किया गया। रीवा जिले का इतिहास अद्वितीय है और इसकी प्रमुखता इसके प्राचीनतम स्थलों, सांस्कृतिक विरासत, और ऐतिहासिक महत्वपूर्ण घटनाओं में होती है।
रीवा जिला अपने प्राचीनतम इतिहास के लिए मशहूर है, जहां धरोहरों की अनगिनत संख्या पाई जाती है। यहां के प्राचीन मंदिर, राजमहल, स्तूप, और अन्य ऐतिहासिक स्मारक इस जिले को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं। यहां पर्यटकों को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अनुभव करने का एक अद्वितीय मौका मिलता है।
रीवा जिले का गौरवपूर्ण इतिहास
रीवा जिले का आरंभ बहुत साल पहले हुआ था, जब संस्कृतिक सभ्यता की उग्रवादिनी नदी नर्मदा इस प्रदेश में प्रवाहित हुई। इसके पश्चात रीवा जिले में विभिन्न औद्योगिक और सांस्कृतिक विकास की घटनाएं हुई। यहां की गहन मानव ऐतिहासिक विरासत में दांतेवाड़ा, भिमबेटका, बाघोर, खोंड़गांव, और अन्य स्थानों का अहम योगदान है।
रीवा जिला मध्य प्रदेश के आधिकारिक इतिहास में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां के वानिज्यिक सभ्यता, धार्मिक संस्कृति, और भौगोलिक विशेषताओं के बारे में अनेक प्रमुख विचारकों ने लिखा है। रीवा जिले की एक मुख्य विशेषता है कि यह राजनयिक और सांस्कृतिक विकास के क्षेत्र में प्रसिद्ध है, जिसने इसे अपने नक्काशी के रूप में अलग बना दिया है।