Sidhi news:गबन के दोषी बैंक कर्मी को शाखा प्रबंधक बनाने का मामला सुर्खियो पर जिला सहकारी बैंक के प्रभारी सीईओ की भूमिका पर उठ रहे सवाल।
छोटे भाई ने तैयार की थीं 11 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी
सीधी-जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी एक बार फिर मीडिया सुर्खियों पर हैं, जिसकी वजह बैंक के प्रभारी सीईओ चंद्रशेखर पाण्डेय बताए जा रहे हैं। गत दो दिनों से जिला सहकारी बैंक के प्रभारी सीईओ का एक पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है कारण कि जिसे बैंक कर्मी को शाखा प्रबंधक की जिम्मेवारी सौंपने का आदेश दिया गया है उसके ऊपर पूर्व से गबन सहित अन्य कई मामले चल रहे हैं, ऐसे में बैंक कर्मी दान बहादुर सिंह के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय इनाम दिया जा रहा है।
गौरतलब हो कि अमिलया शाखा में पदस्थ नोडल अधिकारी दान बहादुर सिंह के खिलाफ पूर्व में सिंगरौली जिले के जियावन थाना में खयानत के आरोप में एफआईआर दर्ज हैं, इसके अलावा भी इनके खिलाफ कई मामले विभाग में चल रहे हैं लेकिन यह सब जानने के बाद भी प्रभारी बैंक सीईओ ने उन्हें शाखा प्रबंधक बना दिया है। उससे भी बड़ी बात यह कि जिस बैंक शाखा का प्रबंधक दान बहादुर सिंह को बनाया गया है उसी बैंक शाखा में इसके पूर्व पदस्थ रहें इनके छोटे भाई नागेन्द्र सिंह ने शराब ठेकेदारों से सांठगांठ कर करीब 11 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी जारी थीं जिसकी जांच भी चल रही है और अब उसी शाखा में बड़े भाई दान बहादुर सिंह को शाखा प्रबंधक बना दिया गया, जिससे यह माना जा रहा है कि दान बहादुर सिंह की पदस्थापना सिर्फ नागेन्द्र सिंह द्वारा किए गए फर्जीवाड़े में लीपापोती के लिए की गई है।
आश्चर्य की बात यह है कि इस पूरे मामले की जानकारी बैंक के प्रभारी सीईओ चंद्रशेखर पाण्डेय को भलीभांति है वाबजूद इसके इनके द्वारा इस तरह कदम उठाया गया है निश्चित ही इस पूरे मामले में बड़ा गोलमाल है।
क्या है ये पूरा मामला
जिस बैंक कर्मी को शाखा प्रबंधक मोरवा की जिम्मेदारी सौंपी गई है उसके खिलाफ पूर्व कई मामले दर्ज हैं, इतना ही नहीं जियावन थानें में इनके खिलाफ कूटरचना का प्रमाण पाए जाने पर धारा 420,467,468,471 का मामला भी दर्ज हो चुका है बाबजूद इसके ऐसे कर्मचारी के प्रति प्रभारी बैंक सीईओ की उदारता समझ से परे हैं। बता दें कि जिला सहकारी बैंक सीधी के सीईओ ने 12 सितंबर को दान बहादुर सिंह को मोरवा शाखा प्रबंधक बनाने का आदेश जारी किया है, जारी आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि कलेक्टर एवं बैंक प्रशासक द्वारा अनुमोदित, लेकिन यह कहा जा रहा है कि प्रभारी सीईओ चंद्रशेखर पाण्डेय ने कलेक्टर से अनुमोदन लेने के लिए उपरोक्त सभी बातों को छिपा दिया है अन्यथा कलेक्टर गबन के आरोपी बैंक कर्मी को शाखा प्रबंधक की जिम्मेवारी सौंपने संबंधी आदेश जारी करने की अनुमति हरगिज नहीं देते।
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सीईओ के खिलाफ कमिश्नर से करेगें शिकायत – माला
फर्जी बैंक गारंटी मामले को उजागर करने वाले अधिवक्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट बी के माला ने मीडिया से संपर्क करते हुए कहा कि सीईओ ने जिसे मोरवा शाखा प्रबंधक की जिम्मेवारी सौंपी है उसके खिलाफ पूर्व में जहां गबन के मामले दर्ज हैं वहीं मोरवा शाखा से ही 11 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी जारी करने वाले तत्कालीन शाखा प्रबंधक नागेंद्र सिंह के सगे भाई हैं, ऐसे में नागेंद्र सिंह के खिलाफ चल रही जांच पर भी कुचक्र रचा जाएगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार को इस पूरे मामले को लेकर मै कमिश्नर से मुलाकात करूंगा और सीईओ द्वारा गलत तरीके से किए गए आदेश की शिकायत कर जांच कराने की मांग उठाऊंगा।