मध्य प्रदेश के ग्वालियर(Gwalior) के गांधी चिड़ियाघर(Gandhi Zoo) से दुखद खबर(Sad News) आई है-
जहां साढ़े 4 महीने की मादा बाघ शावक की मौत हो गई है. देर रात चिड़ियाघर में बीमार पड़ने के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के साथ केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के नियमों का पालन करते हुए उसका अंतिम संस्कार किया गया। शुरुआती रिपोर्ट में मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट(Cardiac Arrest) बताया गया है।
ग्वालियर चिड़ियाघर में मादा बाघ शावक की मौत की सूचना वन विभाग के साथ-साथ नगर निगम आयुक्त को भी दे दी गई है। डीएफओ अंकित पांडे की मौजूदगी में शावक का पोस्टमार्टम कराया गया। शुरुआती रिपोर्टों से पता चला है कि शावक की मौत कार्डियक अरेस्ट(Cardiac Arrest) से हुई है। डी एफ ओ(DFO) की मौजूदगी में शावक के सभी अंगों की जांच कर मौत का मुख्य कारण बताने के लिए उसे जबलपुर लैब भेजा गया है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के नियमों के अनुसार शावक का पक्षीशाल में अंतिम संस्कार किया गया।
डी एफ ओ अंकित पांडे(DFO Ankit Pandey) का कहना है कि हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां शावकों की संक्रमण के कारण मौत हो गई है. ऐसे में शव के टीकाकरण का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. चिड़ियाघर के क्यूरेटर गौरव परिहार के मुताबिक चिड़ियाघर में अब कुल 9 बाघ बचे हैं. जिनमें से 5 नर और 4 मादा के साथ 4 शावक और 5 वयस्क हैं।
गौरतलब है कि 21 अप्रैल 2023 को ग्वालियर चिड़ियाघर में मादा बाघ मीरा ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें एक सफेद और दो पीले शावक थे। 45 दिनों की लंबी पृथकवास अवधि के बाद बाघ शावकों को बाड़े में छोड़ दिया गया, तब से शावकों को प्रक्रिया के तहत दैनिक दिनचर्या जांच के साथ-साथ आहार भी दिया जा रहा है।
लेकिन गुरुवार देर रात अचानक पीली मादा बाघ शावक के मुंह से झाग निकला और देखते ही देखते उसकी मौत हो गई. फिलहाल डी एफ ओ(DFO) ने चिड़ियाघर का निरीक्षण कर प्रबंधन को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये हैं.