Shahdol news, बाल श्रमिक रेत उत्खनन मामले में क्षेत्र के समाजसेवको ने थाना प्रभारी सिंहपुर को दिया ज्ञापन।
रेत माफिया के विरुद्ध कार्यवाही को लेकर लामबद्ध हुए ग्रामीण।
शहडोल शहडोल मुख्यालय से जुड़े सिंहपुर क्षेत्र अंतर्गत रेत उत्खनन के दौरान नाबालिक बच्चों का वीडियो वायरल हुआ था। जिले का यह पहला मामला होगा जहां रेत माफियाओं के द्वारा नाबालिक बच्चों का उपयोग रेत उत्खनन में किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सिंहपुर क्षेत्र में जूड़न ,भैंसवहा एवम नकवही नदी में लगातार रेत माफिया सक्रिय रहते हैं । इन माफिया पर स्थानीय पुलिस नकेल कसने में नाकाम रही है दूसरी तरफ खनिज विभाग हमेशा की तरह पुलिस बल का रोना लेकर बैठी रहती है ।ऐसे में रेत माफिया पूरी तरह बेलगाम हो गए।
वायरल विडियो में नाबालिक बच्चों से कराया जा रहा है रेत उत्खनन
वीडियो एवं तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि कैसे नाबालिक बच्चों के द्वारा रेत का उत्खनन किया जा रहा है। यह रेत उत्खनन करने वाले नाबालिक बच्चे गरीब आदिवासी समाज के हैं
ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए एक समाजसेवी होने के नाते अपने कर्तव्य का पालन करते हुए भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष दीपेश तिवारी ,सामाजिक कार्यकर्ता अमरेंद्र तिवारी एवं अन्य ग्रामीणों के द्वारा नाबालिक बच्चों के द्वारा रेत उत्खनन को लेकर थाना सिंहपुर में ज्ञापन पत्र सोपा गया है।
ज्ञापन पत्र में उल्लेख किया गया है कि सिंहपुर क्षेत्र अंतर्गत बूढ़ी देवी मंदिर के नीचे नकवही नदी में नाबालिक बच्चों के माध्यम से रेत का उत्खनन कराया जाता है ।वीडियो में जिन बच्चों की तस्वीर वायरल हो रही है उनकी पहचान स्थानीय लोगों के माध्यम से की जा चुकी है ।वायरल वीडियो में जो बच्चे मौजूद है उनके माता-पिता एवं जिन व्यक्तियों के द्वारा रेत उत्खनन करने के लिए प्रेरित किया गया है उनकी जानकारी हासिल करना पुलिस का दायित्व है ।पुलिस उन बच्चों के माता-पिता एवं उन बच्चों से रेत उत्खनन करने वाले माफियाओं का नाम पूछ कर उनके विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज करें एवं रेत माफिया के विरुद्ध बाल शोषण अधिकार के अधिनियम 2015 के तहत दंडात्मक कार्यवाही करें ताकि आने वाले समय में नाबालिक बच्चों का कोई भी रेत माफिया इस तरह शोषण न कर सके।
समाज सेवक अमरेंद्र तिवारी ने मीडिया से की अपील
मीडिया से बातचीत के दौरान समाज सेवी अमरेंद्र तिवारी ने बताया कि पुलिस के लिए यह ऐतिहासिक पल होगा जहां पर उन मासूम बच्चों से पूछ कर रेत माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी रेत माफिया नाबालिक बच्चों का इस तरह शोषण न कर सके एवं मध्य प्रदेश सरकार की बाल शोषण मुक्त अभियान की परिकल्पना पूर्ण हो सके।