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Rewa News : सिरमौर मे दबंग भूमाफिया ने एक गरीब आदिवासी कि भूमि का कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करा लिया फर्जी नामान्तरण।

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• रीवा : सिरमौर मे दबंग भूमाफिया ने पीड़ित धनपत कोल कि भूमि का कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करा दिया फर्जी नामान्तरण,
• पीड़ित ने मामले पर सिरमौर तहसीलदार, एसडीएम, एवं कलेक्टर से कि थी शिकायत,
• आज तक राजस्व विभाग द्वारा नहीं कि गई कोई कार्यवाही,
• प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाई नहीं किए जाने से अब पीड़ित भूंख हड़ताल व अनशन में बैठने को हुआ बिबस..

विराट वसुंधरा :  ब्यूरो रिपोर्ट रीवा

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🛑  रीवा : रीवा जिले के सिरमौर नगर मे भू- माफिया द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एक आदिवासी कि जमीन कि फर्जी रजिस्ट्री करा लेने का बड़ा मामला प्रकाश मे आया है,
जी हाँ.. पीड़ित आदिवासी धनपत कोल जो सिरमौर के निवासी है,
जिनकी भूमि खसरा क्रमाक- 1437 रकवा 0.053 हे. जो सिरमौर पटवारी हल्का सिरमौर तहसील सिरमौर में चचाई रोड के किनारे स्थित है, जिसका फर्जी नामान्तरण आलोक पांडेय के द्वारा मंधीर कोटवार के नाम कराकर अपने नाम रजिस्ट्री करा ली है, उक्त फर्जी नामांतरण कराने के सहयोगी के रूप में विनय मिश्रा एवं उनकी पत्नी पूर्णिमा मिश्रा , चन्द्रप्रकाश पाण्डेय उर्फ टिंकू के द्वारा जमीन का फर्जी नामान्तरण कराया गया है, जिसमे विनय मिश्रा ने फर्जी सचरा तैयार कर एवं अपनी पत्नी पूर्णिमा मिश्र के फर्जी हस्ताक्षर कर उक्त भूमि को मंधीर कोटवार के नाम कराकर आलोक पाण्डेय के नाम रजिस्ट्री व नामान्तरण करा दिया है,
जबकि उक्त भूमि का मालिक धनपत कोल है, जो 60 वर्षो से अपने परिवार के साथ वहाँ माकान बनाकर निवास रत है, पीड़ित धनपत कोल जो बनी मजदूरी कर किसी तरह अपना जीवन यापन कर परिवार का भरण पोषण कर रहे है,
लेकिन कुछ दबंग अपराधी प्रवृति के भू-माफिया जो उसकी जमीन का कूटरचित दस्तावेज तैयारकर फर्जी नामान्तरण कराकर धनपत कोल को परेशान कर रखा है, जमीन खाली करने की धमकी दे रहे है,
जिस मामले की शिकायत पीड़ित धनपत कोल ने दिनांक 08/11/2020 को पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर जिला-रीवा एवं दिनांक- 12/11/2020 को पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर के यहाँ, तथा थाना प्रभारी सिरमौर जिला-रीवा के यहाँ दिनाक 08/11/2020 को, एवं कलेक्टर रीवा के यहाँ दिनाक-01/12/2020 को शिकायती आवेदन पत्र देकर कार्यवाई कि मांग कि थी,
जिसके प्रकरण के निराकरण हेतू कई वर्ष बीत गए, रीवा राजस्व विभाग द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं कि गई है,
जिस मामले पर बिरसा मुंडा विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुकांत कुशवाहा ने मामले को गंभीरता से लिया है,
और आज दिनांक 9 अक्टूबर को उन्होंने पीड़ित धनपत कोल के साथ प्रेस वार्ता कर यह बताया कि…. पीड़ित धनपत कोल जो गरीब मजदूर है, उनकी निजी जमीन को सिरमौर के भू-माफियाओ ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी नामांतरण करा लिया है,
जिस मामले कि कार्यवाई हेतू पीड़ित आदिवासी जो राजस्व विभाग मे आवेदन देकर कार्यवाई कि मांग कि थी, लेकिन कई वर्ष बीत गए, आज तक राजस्व विभाग द्वारा पीड़ित कि समस्या का कोई निराकरण नहीं किया गया,
अब स्थिति यह है कि भू माफिया पीड़ित गरीब को धमकाते रहते है, और जमीन खाली करने की धमकी दी जा रही है, जिससे पीड़ित डरा सहमा रहता है, उसका जीना मुहाल हो गया है,
आज पीड़ित ने जिला कलेक्टर एवं रीवा संभाग आयुक्त को फिर से आवेदन देकर मामले मे कार्यवाई किए जाने कि गुहार लगाई है,
•  पीड़ित की मुख्य मांगे इस प्रकार से है…
1. धनपत कोल जिसकी आराजी क्र. 1437 रकवा 0.053 हे० है, के सम्बंध में सचरा प्रमाण पत्र की जांच कराई जाकर दण्डात्मक कार्यवाही की जाय,
2. फर्जी सचरा बनवाने मे संलिप्त सभी व्यक्तियों के ऊपर कानूनी दण्डात्मक कार्यवाही की जाय,
3. उक्त कूट रचित रजिस्ट्री बनवाने मे संलिप्त पूर्व पटवारी हल्का सिरमौर जयराम गौतम के द्वारा फर्जी प्रतिवेदन दिये जाने मामले पर सम्बंधित के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाय,
4. आालोक पाण्डेय पिता कृष्ण कुमार पाण्डेय निवासी सिरमौर के ऊपर म०प्र० भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-165 एवं मुद्रांक विधान की धारा-27 एवं 64 का उल्लघंन किये जाने पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाय,
5. फर्जी सचरा के आधार पर प‌ट्टा एवं आलोक पाण्डेय के नामान्तरण को निरस्त किया जाकर मंधीर कोटवार, गजेन्द्र कुशवाहा, रामभजन कोटवार, उग्रसेन कोटवार, पूर्णिमा मिश्रा, विनय मिश्रा, चन्द्रप्रकाश उर्फ टिंकू पाण्डेय एवं आलोक पाण्डेय के ऊपर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर कार्यवाई की जाय,

बिरसा मुंडा विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुकांत कुशवाहा ने मीडिया को यह बताया कि.. यदि गरीब पीड़ित धनपत कोल के मामले मे जिला व तहसील के राजस्व विभाग द्वारा 07 दिवस में कोई कार्यवाही नहीं की गई तो वह पीड़ित को न्याय दिलाने 15/10/2024 से भूख हडताल व अनशन पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे, जिसकी सूचना आज रीवा जिला प्रशासन को दे दी गई है,
अब आगे देखना यह दिलचस्प होगा की रीवा जिला प्रशासन गरीब आदिवासी पीड़ित व्यक्ति की जमीन हड़पने के मामले मे क्या कुछ कार्यवाई करता है, य नहीं..?

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