MP भाजपा का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन- ? कुछ के पलड़े भारी तो कुछ चारों खाने चित, देखें सटीक विश्लेषण।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का कौन होगा अगला प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दावेदारों में वर्चस्व की जंग।
मध्यप्रदेश में बीजेपी ने संगठन चुनाव के लिए ग्वालियर के पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर को प्रदेश चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। बीजेपी के सदस्यता अभियान का दूसरा चरण पिछले महीने ही समाप्त हो गया है। सदस्यता अभियान के बाद अब संगठन चुनाव को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं, ऐसा माना जा रहा है कि विवेक शेजवलकर की नियुत्ति के बाद संगठन चुनाव के लिए प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। संगठन चुनाव के लिए बीजेपी ने विवेक शेजवलकर को प्रदेश चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। वहीं, जीतू जिराती, अर्चना चिटनीस, रजनीश अग्रवाल और डॉ प्रभुलाल जाटवा को सह चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है।
माना जा रहा है कि बीजेपी का सक्रिय सदस्यता अभियान के बाद यह कमेटी राज्य की बूथों पर बूथ समितियों का गठन करेगी। इसके बाद मंडल अध्यक्षों का चुनाव होगा, फिर जिला अध्यक्ष और अंत में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा।
हालांकि ऐसा ही होगा हम इसकी पुष्टि नहीं करते क्योंकि हाल फिलहाल ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है पार्टी की तरफ से।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वीडी शर्मा की जगह लेने के लिए बीजेपी के कई कद्दावर नेता लॉबिंग कर रहे हैं। दावेदारों में कई सांसद और पूर्व मंत्रियों के नाम शामिल है, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल खत्म होने को है और उसके नेतृत्व में मिली बड़ी जीत वीडी शर्मा के नेतृत्व क्षमता का जीता जागता सबूत है जो मध्य प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में देखने को मिला है इन चुनावों में बीजेपी ने रेकॉर्ड जीत दर्ज की है लेकिन अब भाजपा अध्यक्ष से वीडी शर्मा की विदाई का समय आ गया है ऐसे में नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर राजनीतिक गलियारे में घमासान मचा हुआ है कि कौन बनेगा मध्यप्रदेश का भाजपा अध्यक्ष।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार अगर ब्राह्मण वर्ग से एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो
सांसद आलोक शर्मा, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं इन दावेदारों में पूर्व मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा बेवाक बयानों और जोड़-तोड़ की राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं पिछला विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी उनका कद और दबदबा भाजपा में कायम है।
तो वहीं दूसरे कद्दावर नेता विंध्य क्षेत्र में विपक्ष का सूपड़ा साफ करने वाले मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल हैं जिनकी सफलता शोर मचाती है भले ही वो चुप रहें वर्तमान समय में राजेंद्र शुक्ला का अनुभव ही नहीं राजनीतिक कद भी बड़े नेताओं में शुमार है अच्छे रणनीतिकार, शांत स्वभाव, स्पष्ट वक्ता, और काम करने की असीमित छमता ने उन्हें विकास पुरुष की पहचान दी है तो वहीं तीसरे कद्दावर नेता पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव हैं जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है उनका राजनीतिक कद अनुभव और नेतृत्व क्षमता उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद तक पहुंचने के लिए काफी है।
बता दें कि मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य जो दो दशक से भी ज्यादा समय से बीजेपी का गढ़ बना हुआ है। विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव, प्रदेश में चहुओर भाजपा की तूती बोलती है, डंका बज रहा है। लोगो का तो यहां तक कहना है कि पीएम मोदी के नाम पर पार्टी के कद और दम का अंदाजा इसी बात से लगा सकते है की जिनकी पार्षद बनने की क्षमता नहीं वो भी विधायक सांसद बने बैठे है।
ऐसा मुमकिन है कि MP के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का समीकरण 23 नवंबर के बाद बिठाया जाए यानी दिसम्बर या जनवरी में मतलब महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद क्योंकि फिलहाल पार्टी के सभी बड़े नेता दोनों राज्यों के चुनाव में बाजी मारने के लिए जी जान से जुटे हैं, अब बात करते है कि अगर मध्य प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होता है कौन-कौन से नेता हैं दावेदार..तो बता दें कि, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जगह लेने के लिए पार्टी के कई नेता अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे हैं।
देखा जाए तो सबसे बड़े दावेदारों में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय है जो भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय राजनीति से वापस मध्यप्रदेश भेजे गए हैं और मध्यप्रदेश में मंत्री हैं देखने में आता है कि आजकल मप्र की कैबिनेट बैठकों में जरा कम देखें जा रहे है, नाराज बताए जा रहे हैं, फिर भोपाल सांसद आलोक शर्मा, कुछ मौकों पर नाराजगी दिखा चुके पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, बहुत अहम नाम पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, जो अपना पिछला विधानसभा चुनाव तो हार गए, पर लोकसभा चुनाव 2024 में दूसरे दलों के दिग्गजों और पार्टी के नाराज बड़े चेहरों की घर वापसी की बड़ी जिम्मेदारी निभाई थी, यही सूत्रधार थे इस अभियान के और सबसे बड़ा नाम है। इसी तरह फगन सिंह कुलस्ते का भी नाम चल रहा है।
मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, भी प्रदेश अध्यक्ष की इस दौड़ में न केवल शामिल है बल्कि सूत्रों के अनुसार सबसे आगे बताए जा रहे हैं, कारण साफ है Dy CM राजेंद्र शुक्ल पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी हैं, जो पिछले एक दो नहीं बल्कि कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से देखा जा चुका है यानी करीबी होने की ये दास्तान जगजाहिर हो चुकी है, साथ ही न केवल रीवा संभाग बल्कि संपूर्ण विंध्य क्षेत्र के मौजूदा सबसे बड़े दिग्गज बीजेपी नेता है, रीवा संभाग और विंध्य क्षेत्र के विभिन्न चुनावों में बीजेपी का जो परचम लहरा रहा है, राजनीतिक पंडितों का मानना है उसका पूरा श्रेय राजेंद्र शुक्ल को ही जाता है, राजनीतिक पंडित तो यहां तक कहते है कि राजेंद्र शुक्ल की शख्शियत और कद पार्टी में जिस तरह से बढ़ रहा है, आने वाले दिनों में वो मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री हो सकते है और ये तो राजनीति है साहब, ऐसा हो भी सकता है।
हालाकि भाजपा की राजनीति को समझना बहुत कठिन है बीते मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के दौड़ में सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान थे इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह जैसे दिग्गज नेताओं का नाम चल रहा था लेकिन भाजपा शीर्ष नेतृत्व की नजर डॉ मोहन यादव की तरफ थी अब कुछ इसी तरह मध्य प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष चुने जाने की चर्चा हो तो रही है लेकिन शीर्ष नेतृत्व किसकी ताजपोशी करेगा यह भविष्य की गर्त में है