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मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही कर सकती है इन संभागों के सूखाग्रस्त होने का और तत्काल मुआवजे का ऐलान

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मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही कर सकती है इन संभागों के सूखाग्रस्त होने का और तत्काल मुआवजे का ऐलान।

 

प्रदेश में बहुत कम बारिश होने के कारण सूखे के खतरे को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने एक नया कदम उठाने का निर्णय लिया है जिसमें सूखाग्रस्त क्षेत्रों को जल्द ही सूखाग्रस्त घोषित कर और तत्काल आर्थिक मुआवजे के ऐलान कर सकती है।

किसानों का कहना है कि धान, बाजार, मक्का, गन्ना की पुरी की पूरी फैसले बारिश न होने के कारण सूख रही है, सूखने के कारण अत्यधिक फसलों को बहुत अधिक नुकसान होने की संभावना है. स्थिति ऐसी निर्मित हो गई है की किसान ट्यूवेल से भी फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे इसका कारण यह है की कम बारिश के चलते पंप पूरी तरह से सूख चुके हैं और पीने के पानी का भी संकट धीरे-धीरे उत्पन्न हो रहा है किसानों का कहना है कि ऐसे में अगर फसलों की सिंचाई बोरिंग के माध्यम से की जाएगी तो पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो जाएगा।

 

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इन जिलों में सामान्य से 40 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है. उन्होंने कहा कि सामान्य वर्षा के सापेक्ष मात्र 62 प्रतिशत हुई बरसात ने मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं, इतनी बारिश धान की रोपाई के लिए पर्याप्त नहीं है.

10 लाख हेक्टेयर में नहीं हुई धान की रोपाई।
क्योंकि कम बारिश की वजह से खेत में पड़ चुकी सूखी दरारें पड़ चुकी है. रीवा संभाग में 28 जुलाई तक मात्र 66.80 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य वर्षा 199.70 मिलीमीटर से लगभग 62 प्रतिशत कम है.

 

मौसम विभाग के जिलेवार आंकड़ों के अनुसार
रीवा संभाग, जबलपुर संभाग,के जिलों में स्थिति ऐसी है अब रोपे गए इस धान को बचाने के लिए बारिश की जरूरत है मगर बारिश नहीं हो रही है. इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) वर्किंग ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में चावल का उत्पादन 30 फीसदी कम हो सकता है, जबकि मक्के का उत्पादन 70 फीसदी कम हो सकता है.

 

कई जिलों में बादलों ने फेरा उम्मदों पर पानी
रीवा सीधी सतना सिंगरौली जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला और डिंडोरी इस मानसून में अब तक काले बादलों ने उम्मीदों पर पानी ही फेरा है. दोनों मंडलों में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई है. वहीं सबसे खराब रीवा और सतना के आसपास इस जिले में अब तक सामान्य से 70 फीसदी कम बारिश हुई है.
इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों का सर्वे करने और जल्द से जल्द उनकी रिपोर्ट सरकार के साथ साझा करने का आदेश जारी कर सकती है।

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