MP news, जनसमस्या निवारण शिविर में भिड़े विधायक और एसडीएम
जन समस्या निवारण शिविर में पटवारी के न रहने पर विधायक और एसडीएम के बीच हुई तीखी नोंक-झोंक, बेलगाम प्रशासनिक तंत्र पर बरसे विधायक
मध्यप्रदेश के सतना जिले में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है, खासतौर पर राजस्व महकमा। राजस्व महकमे में पटवारी अपने उच्च अधिकारियों की नहीं सुन रहे हैं। आम जनमानस अपने काम के लिए दर-दर भटक रहा है। पटवारियों की अराजकता का आलम यह है कि वे अब जनसमस्या निवारण शिविरों तक से दूरी बना रहे हैं। शुक्रवार को मझगवां जनपद की ग्राम पंचायत मझगवां में जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया था। जिस शिविर में विधायक, एसडीएम, सीईओ जैसे प्रमुख जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद थे उस शिविर से हल्के के पटवारी के गायब होने पर विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने गंभीर आपत्ति जताते हुए बेलगाम प्रशासनिक तंत्र को आड़े हाथों लिया। इस दौरान पटवारियों का बचाव करने पर विधायक श्री गहरवार की एसडीएम जीतेन्द्र वर्मा के साथ तीखी नोंकझोंक भी हुई। विधायक व एसडीएम के इस नोंकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया में काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
एसडीएम ने कहा.. मैं असहाय नहीं।
पटवारियो के अपने प्रभार वाले हल्के में न रहने के मामले में एसडीएम के साथ अपनी नोकझोक के दौरान विधायक ने कहा कि पटवारी कलेक्टर व एसडीएम की नहीं सुन रहे। इस मामले में मैने राजस्व मंत्री से बात की थी, एसडीएम को इंगित करते हुए विधायक ने कहा कि बताओ कि तुम्हारे पास राजस्व मंत्री का फोन आया था कि
विधायक ने पूंछा कहां रहते हैं पटवारी मुझे बताओ…
नहीं। इस पर एसडीएम ने स्वीकारा कि हां…. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इतना असहाय नहीं हूं कि पटवारी मेरी न सुने। इस पर विधायक ने कहा कि हां तुम तो योद्धा हो…। यहां उल्लेखनीय है कि मझगवां एसडीएम सेना में रह चुके हैं, कारगिल युद्ध के दौरान और श्रीलंका में भी उन्होंने काम किया है।
हटवाऊंगा नहीं, निपटा दूंगा
विधायक के साथ अपनी नोंकझोंक के दौरान एसडीएम ने पटवारियों की तरफ से सफाई दी और कहा कि यदि मेरा काम पसंद नहीं तो मुझे हटवा दीजिए। इस पर विधायक ने कहा कि काम नहीं करोगे ऊपर से सीनाजोरी करोगे। मैं हटवाऊंगा नहीं धरने पर बैठ जाऊंगा और जब तक निपटाऊंगा नहीं तब तक धरने से नहीं उठूंगा।
क्या हुआ जनता के आवेदनों का?
विधायक का आरोप है कि यहां अधिकारी खुद समस्या बने हैं, मझगवां ग्राम पंचायत में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर के दौरान विधानसभा चुनाव के दौरान निकाली गई विकास यात्रा और लोकसभा चुनाव के दौरान विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान जनमानस के आए आवेदनों की क्या स्थिति है और उन पर क्या कार्रवाई हुई? इस सवाल का जवाब जब शिविर में मौजूद अधिकारी नहीं दे पाए उसी समय से बात बिगड़नी शुरू हुई। विधायक ने आरोप लगाया कि जनसमस्या निवारण शिविर कागजों तक ही सीमित हो कर रह गए हैं। विधायक ने तो वहां तक कहा कि अधिकारी खुद समस्या बन गए है।
जनसमस्या निवारण शिविर में पटवारी के न होने पर विधायक ने कहा कि रोजगार सहायक, पंचायत सचिव डियूटी पर नहीं आते हैं, लगातार उनकी वेतन बन रही है। किसी बात की कोई मॉनीटरिंग नहीं हो रही। विधायक ने कहा कि दो दिन पटवारियों को हल्के में रहने के निर्देश है लेकिन कोई भी पटवारी हल्के में नहीं रहता। किस स्थान पर रह रहे हैं और वहां कब-कब मिलेंगे इस बात की जानकारी पटवारियों को सार्वजनिक करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। विधायक श्री सिंह ने एसडीएम को इंगित करते हुए कहा कि मेरी विधानसभा में 96 पंचायत है और कौन सा पटवारी किस हल्के में रह रहा है मुझे बताओ।
इनका कहना है।
1- मझगवां में आयोजित – जनसमस्या निवारण शिविर के दौरान पटवारी मौजूद नहीं थे, क्षेत्र में पटवारी हल्के में नहीं रहते। इसी को लेकर एसडीएम से सवाल-जवाब किया गया था। मैं शिलान्यास व भूमि पूजन वाला नेता नहीं हूं। मैं परिणाम मूलक कार्य का हिमायती हूं। जो काम हों उसके परिणाम भी सामने आने चाहिए।
सुरेन्द्र सिंह गहरवार विधायक चित्रकूट
2- विधायक श्री गहरवार का कहना था कि पटवारी हल्के में नहीं रहते, जिस पर मैंने बताया कि वर्तमान में राजस्व अभियान चल रहा है, सभी पटवारी हल्के में हैं और लगातार काम कर रहे हैं। इस बात को लेकर विधायक की थोड़ी नाराजगी थी, नोंक-झोंक जैसी कोई बात नहीं है। यद्यपि सार्वजनिक कार्यक्रम में विधायक के इस व्यवहार से मैं थोड़ा व्यथित हूं और मैंने उनसे कहा भी है कि यदि मेरे काम से वे असंतुष्ट हैं तो मुझे हटवा दें।
जीतेन्द्र वर्मा एसडीएम
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