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Rewa MP, संगठन चुनाव में हुआ पक्षपात, नाराज कार्यकर्ताओं ने कहा भाजपा किसी के बाप की जागीर नहीं कार्यकर्ताओं की पार्टी है।

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BJP, Rewa MP, विश्व की सबसे बड़ी पार्टी में पैराशूट मंडल अध्यक्ष की लैंडिंग से कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा।

👉नीति सिद्धांत और कार्यकर्ताओं के मान की दुहाई देने वाली भाजपा में जिला अध्यक्ष की मनमानी से कार्यकर्ताओं में नाराजगी।

👉रीवा जिला निर्वाचन अधिकारी ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह और जिला भाजपा अध्यक्ष पर पक्षपात करने का लगा आरोप।

 

विश्व की सबसे बड़ी और लोकतांत्रिक पार्टी कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी में इस समय सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है,भाजपा की गाइडलाइन के अनुसार भारतीय जनता पार्टी में हर 3 वर्ष में संगठन का चुनाव होता है मंडल अध्यक्ष बनने से पहले 6 साल का मंडल में सक्रिय सदस्य और स्थानीय होना जरूरी है इसके साथ ही मंडल अध्यक्ष बनने की उम्र 35 से 45 के बीच में होना अनिवार्य है जबकि क्रांतिवीर सिंह की उम्र 32 वर्ष बताई जा रही है गौरतलब है कि वर्तमान में भी संगठन चुनाव चल रहा है जिसे पार्टी ने संगठन पर्व का नाम दिया है भारतीय जनता पार्टी में निर्वाचन संगठनात्मक प्रक्रिया के तहत होता है जिसमें सर्वप्रथम बूथ अध्यक्ष, उसके बाद मंडल अध्यक्ष उसके बाद जिलाध्यक्ष उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और फिर अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्वाचन होता है, इस प्रक्रिया के तहत पूरे प्रदेश भर में निचले स्तर से निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ है बूथ अध्यक्षों का निर्वाचन पहले ही हो भी चुका है, अभी मंडल अध्यक्षों की सूची कल देर रात जारी हुई है मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन प्रक्रिया को पार्टी के ही नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कटघरे में खड़ा कर दिया है रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के मनकहरी मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखने को मिला है जहां जिला अध्यक्ष भाजपा अजय सिंह पटेल द्वारा अपने चहेते क्रांतिवीर सिंह को अध्यक्ष बनवाया गया है बता दें कि नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष क्रांतिवीर सिंह इटौरा ग्राम के निवासी और मतदाता हैं इस खबर के साथ हम मतदाता सूची भी साझा कर रहे हैं बताया जाता है कि सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में इससे पहले क्रांतिवीर सिंह का पार्टी के लिए कोई योगदान नहीं था इस नियुक्ति के बाद भाजपा के अंदर अजय सिंह पटेल की मनमानी का कारनामा सड़क पर आ गया है बताया जाता है कि भाजपा जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल जिला निर्वाचन अधिकारी की मिलीभगत से रायशुमारी में नियमविरुद्ध तरीके से मौजूद रहकर अपनी पसंद के लोगों के लिए दबाव बनाते देखे गए और अब मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में अपने खास लोगों को अध्यक्ष बनवा कर जमीनी और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा किए हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष अजय सिंह पटेल और संगठन चुनाव के जिला निर्वाचन अधिकारी बृजेंद्र प्रताप सिंह की मिली भगत से सेमरिया विधानसभा क्षेत्र ही नहीं मनगवां क्षेत्र और अन्य जगह मंडल चुनाव चुनाव में मनमानी करने के आरोप लगे हैं बताया तो यह भी जाता है कि कार्यकर्ताओं ने जब भी इनकी मनमानी का विरोध किया तब अनुशासन का डंडा दिखाकर चुप करने का भी प्रयास किया गया है लेकिन एक कहावत है की गोली के घाव गोबर से नहीं तोपे जा सकते वही हुआ भी जहां आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष का खुलकर विरोध कर दिया है अब देखना यह है कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के सबसे चहेते रीवा में थोपे गए जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल की मनमानी पहले की ही तरह चलेगी या फिर भाजपा शीर्ष नेतृत्व जमीनी कार्यकर्ताओं की आवाज सुनेगा क्योंकि यहां भाजपा जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल ही नहीं जिला निर्वाचन अधिकारी की भी कलई खुल गई है और कार्यकर्ताओं ने खुलकर विरोध जताया है।

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नाम न जाहिर करने की शर्त पर भाजपा संगठन से जुड़े लोग बताते हैं कि जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल जातिवादी और घमंडी नेता हैं उनकी गुटबाजी के चलते ही रीवा में भाजपा का महापौर नहीं बना और अपने हाल मुकाम क्षेत्र नेहरू नगर वार्ड क्रमांक 13 में पार्षदी नहीं जिता पाए थे इसके बाद अपनी विधानसभा क्षेत्र सेमरिया में पिता पुत्र और उसके खास पदाधिकारियों ने विधानसभा चुनाव में वह सबकुछ किया जो भाजपा प्रत्याशी को हराने के लिए जरूरी था और सफल भी हुए थे सूत्रों का यह भी कहना है कि जिला अध्यक्ष बनने से पहले अजय सिंह पटेल नेहरू नगर की एल आइजी मकान में रहते थे और अब जिला अध्यक्ष बनने के बाद कई आलीशान मकान भूखंड और व्यवसायिक उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा की कृपा से जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल ने अपने लिए वह सबकुछ हासिल कर लिया है जहां तक उसकी चली है।

बताया जाता है कि मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन की जो गाइडलाइन है उसके तहत जनप्रतिनिधि व अपेक्षित कार्यकर्ता जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपनी राय रखेंगे उसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी प्रदेश निर्वाचन अधिकारी व प्रदेश संगठन की सहमति से मंडल अध्यक्षों के नामों की सूची जारी करेंगे, किंतु बीते कल मंडल अध्यक्षों की जो सूची जारी हुई उसके बाद विवाद बढ़ गया कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिन कार्यकर्ताओं का नाम विधायकों ने दिया उन्हें न बनाकर उनकी जगह जिलाध्यक्ष अजय सिंह पटेल ने अपने खास लोगों को मंडल अध्यक्ष व मंडल प्रतिनिधि बनाया गया है कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिलाध्यक्ष अजय सिंह पटेल दोबारा अध्यक्ष बनने के प्रयास में पूरी ताकत से लगे हुए हैं और ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह उनका भरपूर साथ दे रहे हैं दबी जुबान कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिला निर्वाचन अधिकारी बृजेंद्र प्रताप सिंह जिलाध्यक्ष अजय सिंह पटेल का पूरा साथ दे रहे हैं व उनके मन मुताबिक ही मंडल अध्यक्ष व मंडल प्रतिनिधि का चयन करवाने मे सहयोग कर रहे हैं।

एक पूर्व मंडल अध्यक्ष ने यह भी बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि जिन मंडल अध्यक्ष को हटाया जाएगा उन्हें मंडल प्रतिनिधि के रूप में स्थान दिया जाएगा किंतु ऐसा भी नहीं हुआ कई मंडलों में मंडल अध्यक्षों को हटाकर मंडल प्रतिनिधि बनाया गया है किंतु कई जगह पर मंडल अध्यक्षों को हटाकर नए व्यक्तियों को बनाया गया है इस पर भी कार्यकर्ताओं द्वारा भेदभाव का आरोप लगाया जा रहा है बताया तो यह भी जाता है कि मनगवां विधायक इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति ने लिखित रूप मे अपने लेटर पैड में मंडल अध्यक्ष और मंडल प्रतिनिधि के लिए जिन नामों का प्रस्ताव दिया था उनमें से मंडल प्रतिनिधि उसके विपरीत बनाए गए हैं यहां भी स्पष्ट तौर पर जिला निर्वाचन अधिकारी ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह और जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल का पक्षपात पूर्ण रवैया देखने को मिला है।

ऐसे में एक बात स्पष्ट है कि कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश पनप रहा है क्योंकि अगर इसी प्रकार से निर्वाचन की प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण व दबावपूर्ण तरीके से चलेगी तो निष्पक्ष निर्वाचन संभव नहीं है हालांकि इसकी शिकायत प्रदेश संगठन से भी की गई है भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध और मीडिया में चल रही खबरों को लेकर अब देखना यह है कि प्रदेश निर्वाचन अधिकारी व प्रदेश नेतृत्व इस गंभीर शिकायत पर क्या एक्शन लेता है क्या प्रदेश संगठन वर्तमान जिला निर्वाचन अधिकारी हो हटाकर उनकी जगह पर नया जिला निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करेगा और निष्पक्ष निर्वाचन किया जाएगा य फिर प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के चहेते रीवा जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल की मनमानी को संरक्षण देकर कार्यकर्ताओं का अपमान किया जाएगा।

खबर तो यह भी आ रही है कि अगर जिला निर्वाचन अधिकारी को नहीं बदला गया और अजय सिंह पटेल को इस निर्वाचन की प्रक्रिया से अलग नहीं रखा गया तो जल्द ही कार्यकर्ता कुछ बड़ा एक्शन ले सकते हैं या सामूहिक इस्तीफे की भी पेशकश कर सकते हैं, आने वाले समय में क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा किंतु जिस प्रकार रीवा भाजपा में संगठन का निर्वाचन हो रहा है उससे एक बात तो स्पष्ट है कि संगठन का आधार कहे जाने वाले कार्यकर्ता ही आखिर मे ठगे जाएंगे।

 

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