MP News, सीएमओ और परिषद अध्यक्ष में ठनी पारित निर्णयों पर सीएमओ ने चलाई कैची पांच प्रस्ताव खारिज।
विराट वसुंधरा, ब्यूरो
सीधी:- जिले के नगर परिषद चुरहट में इन दिनों अध्यक्ष एवं सीएमओ के बीच सीधा मुकाबला चल रहा है, अध्यक्ष पति द्वारा परिषद के कार्यों में दखलंदाजी को लेकर अब सीएमओ ने आरपार की लड़ाई शुरू कर दी है। पहले सीएमओ ने अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनके पति द्वारा नगर परिषद के कार्यों में की जा रही मनमानी पर रोक लगाई फिर उसके बाद अध्यक्ष पति एवं एवं अन्य सहयोगी व्यक्ति पर परिषद परिसर पर आने के लिए एक वर्ष की रोक लगा दी। सीएमओ आनन्द मिश्रा की कार्यवाही से समूचे नगर परिषद में हड़कंप मचा हुआ है।
उल्लेखनीय हैं कि चुरहट नगर परिषद में निर्वाचित अध्यक्ष मोनिका गुप्ता के पति विजय गुप्ता द्वारा शासकीय कार्यो में दखल देने की शिकायत शुरुआती दिनों से ही चर्चा का विषय बनीं रही,लेकिन किसी के द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था जिसके चलते अध्यक्ष पति विजय गुप्ता के हौसले और भी बुलंद होते गए, स्थिति यह हो गई कि अध्यक्ष पति स्वयं दफ्तर का संचालन करने लगें,और तो और अध्यक्ष कक्ष में लगा सीसीटीवी कैमरा भी उनके द्वारा निकलवा दिया गया। जैसे ही इस बात की जानकारी सीएमओ आनन्द मिश्रा को लगीं वह अध्यक्ष पति विजय गुप्ता के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिए।
बता दें कि 30 सितंबर को सीएमओ नगर परिषद चुरहट ने परिषद के 5 निर्णयों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने अपने आदेश में नियम मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 87(2) एवं 393 (1) का प्रयोग करते हुए नगर परिषद चुरहट में 27 सितबंर को सम्पन्न हुई प्रेसिडेन्ट इन काउन्सिल की बैठक में पारित निर्णय क्रमांक 8 अध्यक्ष के निर्देशानुसार अन्य बिन्दुओं पर चर्चा एवं निर्णय को विधि या उसके अधीन बनाए गए नियमों या उपनियमों (मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 एवं मध्यप्रदेश नगरपालिका (लेखा एवं वित्त) नियम, 2018 के विभिन्न नियमों के अनुरूप न होने का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जिसमें निर्णय क्रमांक 08 (1) नगर परिषद में किसी भी तरह का निर्माण कार्य या अन्य कोई सामग्री का विक्रय जैसे मुरूम एवं अन्य कार्य अध्यक्ष के अनुमोदन पश्चात ही किया जाए। जिस पर सीएमओ ने निलंबन का कारण नगर परिषद में किसी भी तरह का निर्माण कार्य या अन्य कोई सामग्री क्रय विक्रय जैसे मुरुम एवं अन्य कार्य के प्रशासकीय तकनीकी एवं वित्तीय अनुमोदन हेतु शासन ने मध्यप्रदेश नगरपालिका (लेखा एवं वित्त) नियम, 2018 के अध्याय-15 में विभिन्न प्राधिकारियों की शक्तियों के संबंध में नियम बनाए है।
नियम-237 एवं 239 में अध्यक्ष की शक्तियों दी गई है ।प्रेसिडेन्ट-इन-काउन्सिल के निर्णय क्रमांक 08 (1) द्वारा का जानबूझकर एकाधिकार प्राप्त किया जाना प्रमाणित है, जो कि नियमविरुद्ध है। अतः निर्णय क्रमांक 08 (1) निलंबित किया गया। निर्णय क्रमांक 08 (2) किसी भी तरह का भुगतान करने के पूर्व अध्यक्ष के अनुमोदन लिया जाए। निलंबन का कारण नगर परिषद में विभिन्न तरह के प्रशासकीय तकनीकी एवं वित्तीय अनुमोदन हेतु शासन ने मध्यप्रदेश नगरपालिका (लेखा एवं वित्त) नियम, 2018 के अध्याय-15 में विभिन्न प्राधिकारियों की शक्तियों के संबंध में नियम बनाए है। नियम 237 एवं 239 में अध्यक्ष को शक्तियां दी गई हैं।अनुमोदन प्राधिकारी ही भुगतान प्राधिकारी होता है। जिसकी जानकारी प्रेसिडेन्ट इन काउन्सिल के समक्ष दी गई प्रेसिडेन्ट इन काउन्सिल के निर्णय क्रमांक 08 (2) द्वारा अध्यक्ष का जानबूझकर एकाधिकार प्राप्त किया जाना प्रमाणित है, जो कि नियमविरुद्ध है।
अतः निर्णय क्रमांक 08 (2) निलंबित किया गया।इसी तरह निर्णय क्रमांक 08 (3) आकस्मिक सेवा हेतु आवश्यक अन्य किसी भी श्रमिक को रखे जाने पर अनुमोदन प्राप्त किया जाए। निलंबन का कारण आकस्मिक सेवा हेतु आवश्यक श्रमिक व अन्य किसी भी श्रमिक को रखे जाने पर अध्यक्ष से अनुमोदन प्राप्त करने का मध्यप्रदेश नगरपालिका (लेखा एवं वित्त) नियम, 2018 में कोई प्रावधान वर्णित नहीं है, अपितु नियम में भुगतान हेतु निकाय के अभियंता या मुख्यनगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया गया है। प्रेसिडेन्ट इन काउन्सिल के निर्णय क्रमांक 08 (3) द्वारा अध्यक्ष का जानबूझकर एकाधिकार प्राप्त किया जाना प्रमाणित है, जो कि नियमविरुद्ध है। अतः निर्णय क्रमांक 08 (3) निलंबित किया गया। निर्णय क्रमांक 08 (4) निकाय के किसी भी कर्मचारी के विभाग/कार्य में फेरबदल प्रेसिडेन्ट-इन-काउन्सिल की अनुशंसा के उपरांत ही किया जाए। जिस पर मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा – B7 (1) के अनुसार परिषद के समस्त अधिकारी तथा सेवक मुख्य नगरपालिका अधिकारी के अधीनस्थ होंगे प्रेसिडेन्ट-इन काउन्सिल के निर्णय क्रमांक O8 (4) द्वारा जानबूझकर एकाधिकार प्राप्त किया जाना प्रमाणित है, जो कि नियमविरुद्ध है। अतः निर्णय क्रमांक 08 (4) निलंबित किया गया। इसी तरह निर्णय क्रमांक 08 (5) नवगठित परिषद के अस्तित्व में आने के उपरांत निकाय द्वारा जितना भी व्यय किया गया है, उसका विवरण बिल, व्हाउचर की छायाप्रति के साथ वित्त लेखा प्रभारी को 15 दिवस के अन्दर उपलब्ध कराया जाए।
नवगठित परिषद के अस्तित्व में आने के उपरांत निकाय द्वारा जितना भी क्रय किया गया है उसका विवरण बिल वाउचर की छायाप्रति हजारों पन्नों की है। जिसकी छायाप्रतियों हेतु शासकीय धन की अत्यधिक क्षति होगी। प्रेसिडेन्ट-इन- काउन्सिल के निर्णय क्रमांक 08 (5) द्वारा शासकीय धन की अत्यधिक क्षति प्रमाणित है, वित्त लेखा प्रभारी कार्यालय में उपस्थित होकर वांछित जानकारी का अवलोकन एवं प्राप्ति की जा सकती है। अतः शासकीय धन की क्षति रोकने हेतु निर्णय क्रमांक 08 (5) निलंबित किया गया। उक्त प्रेसिडेन्ट इन काउन्सिल की बैठक में पारित निर्णय क्रमांक 08 अध्यक्ष के निर्देशानुसार अन्य बिन्दुओं पर चर्चा एवं निर्णय मध्यप्रदेश नगरपालिका (मेयर इन काउंसिल / प्रेसिडेन्ट-इन- काउन्सिल के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) नियम, 1998 की धारा 11 (2) का उल्लंघन भी है जिस कारण से निर्णय क्रमांक 08 निलंबित किया जाता है।