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सीधी की पहचान सफेद शेर को लाने की फिर शुरू हुई कवायद देहरादून और भोपाल की टीम पहुंची सीधी।

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सीधी की पहचान सफेद शेर को लाने की फिर शुरू हुई कवायद
देहरादून और भोपाल की टीम पहुंची सीधी।

संजय टाइगर रिजर्व के पनखोरा में पाया गया था यह शेर

विराट वसुंधरा, ब्यूरो
सीधी:-जिले की पहचान वैश्विक स्तर पर सफेद शेर मोहन ने दिलाई थी। लेकिन सफेद शेर की वापसी को लेकर अभी तक कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। अब संजय टाइगर रिजर्व द्वारा इसे वापस लाने की कवायद शुरू कर दी गई हैं। इस संबंध में सीसीएफ अमित दुबे संजय टाइगर रिजर्व ने बताया कि सफेद शेर को वापस इस क्षेत्र में लाने के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन भोपाल एच एस पावला एवं जलीय जीव भारतीय वन्य जीव देहरादून की टीम 3 दिनों से सीधी जिले की दौरे पर हैं, जिसके द्वारा सफेद शेर को वापस लाने के लिए वन क्षेत्र का भ्रमण किया जा रहा है। गौरतलब हो कि दुनिया का पहला सफेद बाघ मोहन 27 मई 1951 को सीधी जिले के कुसमी क्षेत्र के पनखोरा गांव के नजदीक जंगल में सफेद शेर का बच्चा पकड़ा गया था,इसे मोहन नाम दिया गया, बाद में मोहन को गोविंदगढ़ किले में रखा गया। 1955 में पहली बार सामान्य बाघिन के साथ सफेद बाघ मोहन की ब्रीडिंग कराई गई, जिसमें एक भी सफेद शावक नहीं पैदा हुए, 30 अक्टूबर 1958 को मोहन के साथ रहने वाली राधा नाम की बाघिन ने चार शावक जन्मे, जिनके नाम मोहिनी, सुकेशी, रानी और राजा रखा गया। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति की इच्छा के बाद मोहिनी को 5 दिसंबर 1960 को अमेरिका ले जाया गया, जहां पर उसका व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत भी हुआ। आज ब्रिटेन और अमेरिका सहित देश और प्रदेश में जो सफेद बाघ हैं उन्हें सीधे रीवा से ही भेजा गया था। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते यह सीधी नहीं आ आ सकें और वैश्विक स्तर पर सफेद शेर के नाम पर बनीं सीधी की पहचान विलुप्त होती जा रही हैं।

जनप्रतिनिधियों के सहयोग की आवश्यकता।

सीधी की पहचान सफेद शेर की वापसी की राह आसान हो गई है लेकिन इसके लिए जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सहयोग की आवश्यकता समझी जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार भी सीधी के जंगलों में सफेद शेर को लाने विभाग को सहमति दी है जिस पर वन अमले द्वारा प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं वावजूद इसके यह कहा जा रहा है कि कुछ अड़चनें आ रही हैं जो जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से सहज ढंग से हो सकता है।

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तीन दिन से चल रहा है सर्वे।

संजय टाइगर रिजर्व सीधी के मुख्य वन संरक्षक अमित दुवे ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि सफेद शेर को वापसी को लेकर तैयारी शुरू हो गई हैं, यह टीम में जिले के रिजर्व टाइगर क्षेत्र में भ्रमण कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इस टीम द्वारा समूचे प्रदेश के वनक्षेत्रो में पाए जाने वाले विलुप्त प्रजाति के वन्य जीवों को वापस लाने का काम किया जा रहा है।

कांग्रेस की सरकार बनते ही आएगा सफेद शेर:- दान बहादुर।

जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नगर पालिका परिषद सीधी के उपाध्यक्ष दान बहादुर सिंह ने कहा कि दुनिया में सफेद शेर सीधी से गया और आज सीधी सफेद शेरों के लिए ललक रहा है। जिस सफेद शेर को रीवा लाया गया था वह सीधी आना चाहिए था लेकिन जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते सीधी की पहचान जिले को वापस नहीं मिल पा रही हैं। श्री सिंह ने कहा कि अगर इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती हैं तो सीधी के वन क्षेत्र में सफेद शेर लाने की गारंटी मैं देता हूँ।

इनका कहना है:-
भोपाल एवं देहरादून से एक टीम सीधी आई है जिसके द्वारा 3 दिनों से संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र का भ्रमण किया जा रहा है, टीम सफेद शेर वापसी की तैयारी को लेकर भ्रमण कर रही हैं।
अमित दुवे।
सीसीएफ संजय टाइगर रिजर्व सीधी।

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