MP NEWS : राजस्थान में हुए सडक़ हादसे में मृत हुए थे एक ही परिवार के पांच सदस्य।
इंदौर: शिवशक्ति नगर में शुक्रवार सुबह का नज़ारा ऐसा था, जिसे देखने वाला हर शख्स गम और दर्द से भर गया. राजस्थान के करौली में हुए भीषण सडक़ हादसे में जान गंवाने वाले देशमुख परिवार के चार सदस्यों की अर्थियां जब एक साथ उठीं, तो पूरा मोहल्ला शोक में डूब गया. हर आंखें नम थी, हर कंधा अर्थियों को सहारा देने को आतुर था. शिवशक्ति नगर से सयाजी मुक्ति धाम तक सैकड़ों कांधों पर निकली चार अर्थियां.शुक्रवार की सुबह चारों शव जब इंदौर पहुंचे, पूरे शिवशक्ति नगर में मातम का माहौल और भी गहरा गया. शवों को पन्नी में पैक करके लाया गया था, क्योंकि उनकी हालत इतनी खराब थी कि परिजन आखिरी बार चेहरा तक नहीं देख सके.
मोहल्ले के हर कोने से लोग अंतिम दर्शन और विदाई के लिए उमड़ पड़े, परिवार की महिलाएं और आस-पड़ोसी रोते-बिलखते नजर आए. चार अर्थियों को जब मोहल्ले से मुक्तिधाम के लिए ले जाया गया, तो हर किसी के दिल में यही सवाल था, आखिर इस परिवार के साथ ऐसा क्यों हुआ? यहां रहने वाले राजेश भार्गव ने बताया कि देशमुख परिवार के मुखिया, रिटायर्ड अधिकारी नयन देशमुख को लोग एक सुलझे हुए और हंसमुख व्यक्ति के रूप में याद करते हैं, उनकी पत्नी अनीता और बच्चे मानस्थी व खुश, जो अभी जीवन की शुरुआत ही कर रहे थे, को इस तरह खो देना मोहल्ले और रिश्तेदारों के लिए एक बड़ा झटका है.
शवयात्रा में दिखी एकता और इंसानियत
मोहल्ले के हर व्यक्ति ने परिवार की विदाई में सहयोग दिया. बड़ी संख्या में लोग कांधा देने पहुंचे, मुक्तिधाम में देशमुख की पहली पत्नी की बेटी नैना देशमुख ने मुखाग्नि दी.
तीन दिन पहले हुआ था हादसा
देशमुख परिवार राजस्थान में एक धार्मिक यात्रा के लिए गया था. वहां करौली के पास एक दर्दनाक सडक़ हादसे में नयन देशमुख, उनकी पत्नी अनीता देशमुख, बेटी मानस्थी और बेटे खुश देशमुख की मौके पर ही मौत हो गई थी. परिवार की एक अन्य सदस्य और नयन देशमुख की बहन प्रीति भट्ट का अंतिम संस्कार वडोदरा में किया गया.
विवाद ने बढ़ाई तकलीफ
इस पूरे गमगीन माहौल के बीच शव वाहनों के चालकों और परिजनों के बीच पैसे को लेकर विवाद भी हुआ, हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने स्थिति को संभाला और अर्थियों को समय पर मुक्तिधाम पहुंचाया.