रायपुर कर्चुलियान जनपद सीईओ की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट जनपद सदस्य पहुंचे कलेक्टर रीवा के पास हुई शिकायत।
अध्यक्ष व सदस्यों के बिना सहमति से 20 प्रतिशत कमीशन खोरी पर लिये प्रस्तावों को दे दी गई स्वीकृति, जनपद सदस्योंं ने लगायें गंभीर आरोप
विराट वसुंधरा
रीवा – जिले के जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान सीईओ संजय सिंह की कार्यप्रणाली से नाखुश जनपद पंचायत सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से मिला। उनके द्वारा कलेक्टर को दिये गये ज्ञापन आरोप लगाते हुये संयुक्त रूप से कहा कि सीईओ ,विधायक प्रतिनिधि व पूर्व जनपद सीईओ ने संयुक्त रूप से मिलकर कार्ययोजना में जमकर हेर-फेर कर अनियमिततायें की, जिसमें जनपद सदस्यों को कोई महत्व ही नहीं दिया गया, उनके प्रस्तावों को सिरे से खारिज करते हुये 20 प्रतिशत कमीशन के लिये सरपंच के प्रस्तावों का जिला सीईओ के इशारे पर अनुमोदन कर दिया गया। जिसे जनपद पंचायत के इतिहास में घोर अनियमितता मानी जा रही है, जिसमें प्रतिनिधियों की उपेक्षा हुई।
प्रतिनिधि मंडल द्वारा कलेक्टर से चर्चा दौरान मांग करते हुये कहा कि गत दिवस अनुमोदित कार्ययोजना को निरस्त करते हुये नई कार्ययोजना बनवाई जाये। जिस पर कलेक्टर ने सभी जनपद सदस्यों को आश्वस्त करते हुये कहा कि आप लोग परेशान न हो हम इसकी जल्द ही जांच करवाकर उचित कार्यवाही करवायेंगे। वहीं जनपद कार्यालय में इस बात की भी चर्चाए जोर-शोर से उभरने लगी है कि चाहे जहां भी शिकायत करें कार्ययोजना निरस्त नहीं होगी। जिससे सवाल उठने लगे हैं कि जिले में कोई नियम -कानून बचे हैं कि सत्तापक्ष नेताओं के आगे बौने हो गये ? प्रतिनिधि मंडल में सभापति जैव विविधता शैलेंद्र सिंह पटेल, सभापति महिला बाल विकास कविता सिंह, सभापति वन समिति राजेश केवट, सभापति सहकारिता बृजेश मिश्रा,उपाध्यक्ष रामलखन सिंह,जनपद सदस्य रूबी पटेल, स्मिता सहगल, शिकुमारी साकेत, प्रतिभा वर्मा, संजीव रावत, पूजा पटेल, निर्मला उपाध्याय, संतलाल कोरी, लक्ष्मी कोल सहित अन्य शामिल रहे।
बंद कमरे में प्रस्तावों को किया गया प्रस्तावित
पूर्व जनपद अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि समान्यत: यह नियम है कि जनपद की समान्य सभा की बैठक से पहले सभी जनपद सदस्यों से क्षेत्रीय विकास के लिये प्रस्ताव मांगे जाते हैं। जिस पर चर्चा उपरांत पंजी में दर्ज प्रस्तावों को सभी उपस्थित जनपद सदस्यों को दिखा-पढ़ाकर, उस पर हस्ताक्षर लिये जाते हैें। लेकिन यह रायपुर जनपद के इतिहास में पहली बैठक रही जब बिना चर्चा के अधिकांश सदस्यों की बिना सहमति पर गुपचुप तरीके से बंद कमरे में प्रस्तावों को प्रस्तावित कर जिला सीईओ के पास भेज दिया गया जो शर्मनाक रहा। जिसमें आंख मूंदकर जिला सीईओ ने भी गुढ़ विधायक के खास निज सचिव एक शिक्षक के इशारे पर स्वीकृति दे दी। श्री सिंह ने बताया कि 2022-23 में 10 जनपद क्षेत्रों में 13 प्रस्तावित कार्यों की लागत करीब 1 करोड़ ,वहीं वर्ष 2023-24 में 25 जनपद क्षेत्रों की वजाय केवल पूर्व की तरह उन्हीे 7 जनपद क्षेत्रों के लिये 12 कार्यों के लिये करीब 80 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। जिस पर जनपद सदस्यों ने आपत्ति दर्ज करते हुये पूछा कि जब हमारे द्वारा कार्य प्रस्तावित ही नहीं किये गये तो कैसे अनुमोदन कर दिया गया लेकिन नये सीईओ अपने जबाव से सदस्यों को संतुष्ट नहीं कर पाये। ज्ञात हो कि जनपद सीईओ संजय सिंह रीवा जिले के लिये नये नहीं बल्कि पुराने हैं। वह नईगढ़ी, त्योंथर व गंगेव में पोस्टेड रहे, जिनका विवादों से गहरा नाता रहा। बताया गया है कि उन्हे आॢथक खयानत के आरोप में निलंबित भी होना पड़ा था।
विधायक के निज सचिव ने जनपद में मचाई लूट
जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान में इन दिनों सुनने व देखने में आ रहा है कि गुढ़ विधायक के शिक्षक निज सचिव रामकुमार सिंह उर्फ ढिल्लन ने जनपद के अधिकारियों को अपने दबाव में लेकर उल्टे-सीधे कार्यों का अनुमोदन करवाकर सरकारी खजाने को लूटने में जुटे हैं। इस तरह के आरोप लगाते हुये पूर्व जनपद अध्यक्ष लालबहादुर सिंह ने कहा कि गत दिवस होने वाली समान्य सभा की बैठक में कुछ जनपद सदस्यों के प्रस्तावों को प्रस्तावित कर कार्यों का अनुमोदन किया गया। जबकि अधिकांश सदस्यों के प्रस्तावों को सिरे से नकारते हुये खारिज कर दिया गया, जिसमें विधायक के निज सचिव की भूमिका खास रही। श्री सिंह ने कहा कि ऐसा जनपद के इतिहास में पहली बार एकपक्षीय ऐसा निर्णय सामने आया है, जिसमें विधायक के निज सचिव शिक्षक पर सारा आरोप लग रहा है। श्री सिंह ने यहां तक कहा कि मेरे द्वारा ही तरस खाकर संविदा शिक्षक की नौकरी दी गई थी लेकिन वह अब विधायक के निज सचिव बनकर लूट-खसोट में लगे हैं, जो जनप्रतिनिधियों के हक व अधिकार पर खुली डकैती साबित हो रही है।
विवादों से घिरी रही रायपुर कर्चु. जनपद समान्य सभा की बैठक…
जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान समान्य सभा की बैठक उस समय विवादों के घेरे में आ गई जब जनपद सदस्यों के प्रस्तावों को सिरे से ,खारिज करते हुये उन प्रस्तावों का बिना चर्चा के चुपचाप अनुमोदन कर दिया गया, जिसे जनपद सदस्यों द्वारा प्रस्तावित ही नहीं किया गया था। जानकारी अनुसार बीते शुक्रवार दोपहर 12 बजे से बुलाई गई समान्य सभा की बैठक दोपहर 1 बजे से परिचय उपरांत शुरू हुई, जिसका समापन 4 बजे किया गया था। उन प्रस्तावों पर सीईओ ने अपनी सहमति की कलम चलाई, जिसमें कमीशन फिक्स रहा ? जबकि तीसरी बार होने वाली समान्य सभा की बैठक में सभी सदस्य उत्सुक रहे कि प्रस्तावों के अनुमोदन पर क्षेत्र में जनहित का कार्य करायेंगे लेकिन जब गिने-चुने जन प्रतिनिधियों को तबज्जों मिली अधिकांश सदस्य सन्न रह गये। जनपद में समान्य सभा की बैठक में जनपद सदस्यों को महत्व ही नहीं दिया गया, ऐसी चर्चा रही कि सिर्फ विधायक प्रतिनिधि व पूर्व जनपद सीईओ प्रदीप दुबे के इशारे पर प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई। जिससे जनपद रायपुर कर्चुलियान की जनपद अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष व जनपद सदस्य अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। बजट अनुमोदन प्रक्रिया से बाहर रहे अधिकांश सदस्यों ने कहा कि अगर भाजपा सरकार के राज्य में इसी तरह जनपद के कार्यों में गुढ़ विधायक निज सचिव का दखल होता रहेगा तो आने वाले चुनाव में संयुक्त रूप से पार्टी को सबक सिखाने अब कांग्रेस की सदस्यता से लेकर प्रचार-प्रसार में जुटेंगे? गत दिवस हुई समान्य सभा की बैठक में जनपद अध्यक्ष सुमन साकेत, उपाध्यक्ष रामलखन सिंह, जैव विविधता समिति सभापति शैलेंद्र सिंह पटेल, सहकारिता एवं उद्योग समिति सभापति बृजेश मिश्रा। वन समिति सभापति राजेश केवट, महिला बाल विकास समिति सभापति कविता सिंह, कृषि समिति सभापति रेखा सिंह व निर्माण समिति सभापति रजिया खान विशेष रूप से शामिल रहीं। वहीं जनपद सदस्यों में से रूबी पटेल,स्मिता सहगल, संजीव रावत, प्रतिभा कोल, गीता मिश्रा, निर्मला उपाघ्याय, तनूजा सिंह, संतलाल कोरी, दया कुमारी साहू सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।