पराधिक प्रकरण,परिवार की सम्पतियां और बैकों का लोन भी बताएंगे सभी प्रत्याशी।
कोई भी जानकारी छिपाई तो निरस्त हो सकता है नामांकन, शपथ-पत्र को प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट से कराना होगा रजिस्टर्ड।
विराट वसुंधरा सीधी-
विधानसभा चुनाव लड़ने वालो के लिए निर्वाचन आयोग ने सख्त नियम बनाए है।हालांकि इनमे से अधिक नियम पुराने ही है लेकिन कुछ नए नियमों को भी जोड़ा गया है।प्रत्येक आवेदक को शपथ-पत्र मे यह बताना होगा कि उसके खिलाफ कितने आपराधिक प्रकरण दर्ज है।उनमें कितने लंबित है,उसकी और उसके परिवार की चल-अचल संपत्ति कितनी है और क्या-क्या है।किस बैंक से कितना लोन लिया गया है।कौन सी पॉलिसी है,कितना म्यूचुल फंड उसके नाम है।इस शपथ-पत्र को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट से रजिस्टर्ड भी कराना होगा।
चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन पत्र की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई हैं।निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्धारित प्रारुप मे नाम निर्देशन पत्र रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।नाम निर्देशन पत्र के निर्धारित प्रारुप के भाग-एक मे मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलो के अभ्यर्थी नामांकन पत्र भरेगें।शेष उम्मीदवार भाग-दो मे नामांकन पत्र दाखिल करेगे।प्रारूप-26 मे शपथ-पत्र देना आवश्यक होगा।यह शपथ-पत्र शपथ आयुक्त अथवा प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।शपथ-पत्र मे उम्मीदवार को अपनी शैक्षणिक योग्यता, नकद राशि,आभूषण, वाहन, बीमा पालिसी,शेयर,राष्ट्रीय बचत-पत्र आदि का विवरण देना भी जरुरी होगा।शपथ-पत्र मे लंबित संपत्ति कर,बिजली बिल,जल कर,बैंक ऋण का भी विवरण देना आवश्यक होगा।
अखबारों में प्रकाशित कराना होगा।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव लड़ने वाले जिन भी अभ्यर्थी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है तो उसे अपने पूर्व के प्रचलित आपराधिक प्रकरण एवं दोषसिद्ध प्रकरण के संबंध मे घोषणा करनी होगी।इसके लिए नाम-निर्देशन पत्र के साथ भरे जाने वाले शपथ-पत्र फार्म-26 मे इसका उल्लेख करना होगा, साथ ही अभ्यर्थी एवं संबंधित राजनैतिक दल इस संबंध में एक घोषणा जारी करेंगे, जिसे उनके द्वारा समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मे प्रसारित एवं प्रकाशित करना होगा।