आदिवासियों को आवंटित जमीन पर सेमरिया विधायक के करीबी बाहुबलियों ने किया कब्जा, प्रशासन बेखबर।
रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्र का जरमोहरा बांध में आदिवासियों की जमीन पर एक बार फिर बहुबलियों ने कब्जा करना शुरू कर दिया है और बाहुबलियों के डर से आदिवासी परिवार दहशत में हैं ज्ञात हो कि यह वही बांध है जिसे दो वर्ष पूर्व प्रशासन ने बहुबलियों के चंगुल से आदिवासियों के नाम आवंटित भूमि को मुक्त कराया था और विपक्ष में रहते कांग्रेस पार्टी के नेता अभय मिश्रा ने जमकर राजनीतिक रोटी सेंकी थी कि किसानों की खड़ी फसल पर तत्कालीन भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी ने जेसीबी चलवाई थी भाजपा विधायक को जरमोहरा कांड में प्रायोजित तरीके से बदनाम किया गया था अब एक बार फिर जरमोहरा बांध चर्चा में आया है जहां आदिवासियों के लिए आवंटित जमीन में बाहुबलियों द्वारा कब्जा किये जाने का आरोप लगा है।
बताया गया है कि जर मोहरा बाध की जमीन गरीब आदिवासी परिवारों को आवंटित की गई है जहां 2 वर्ष पूर्व अतिक्रमण कार्यों से जमीन मुक्त कराकर प्रशासन ने आदिवासियों के सुपुर्द कर दिया था अब एक बार फिर वही जमीन दबंगों द्वारा आदिवासियों से दबंगों ने छीन ली है और जबरन जुताई बोवाई शुरू कर दी गई है दबंगों द्वारा आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचार से प्रशासन बेखबर है दबंगों से भयभीत आदिवासी परिवारों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है आदिवासीयों ने बताया कि हमारे द्वारा इसका विरोध किया गया तो दबंगों ने धमकाया कि अब हमारा विधायक बन गया है हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता। मीडिया को जानकारी देते हुए लोगों ने बताया कि कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा का बाहुबलियों को संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते वो हमारी जमीनों को जोतना बोना शुरू कर दिए हैं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन भी इन दबंगों के आगे नतमस्तक है हमारी फरियाद नहीं सुनी जा रही है।
बताया गया है कि विगत कई वर्षों से लगातार आदिवासी गरीब परिवार के लोग वहां फसल बोकर अपना जीवन यापन कर रहे थे अब भाजपा विधायक के पी त्रिपाठी के चुनाव हारने के बाद से आदिवासियों पर अत्याचार शुरू हो गया है और उनकी जमीनों पर दबंगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है गौरतलब है कि यह वही बांध है जहां आदिवासियों के नाम पर जमीन आवंटित जरूर है लेकिन उसे जमीन पर वास्तविक कब्जा क्षेत्रीय छात्रपों का रहा है आदिवासियों की जमीन पर दबंग लोग खेती कर रहे थे और भूमिस्वामी आदिवासी परिवार अपनी ही जमीन पर मजदूर बनकर काम करते थे और मुनाफा बाहुबली कमाते थे दो वर्ष पहले बाहुबलियों के चंगुल से प्रशासन ने जमीन मुक्त करवाई थी लेकिन अब एक बार फिर बाहुबलियों द्वारा आदिवासीयों की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है।