MP news, धान खरीदी केन्द्रो में अव्यवस्थाओं के बीच भ्रष्टाचार के आरोपित कर्मचारियों द्वारा कराई जा रही धान खरीदी।
विराट वसुंधरा/ संजय पांडेय, गढ़
रीवा। जिले में धान खरीदी केन्द्रों में व्यापक पैमाने पर अव्यवस्थाएं देखी जा रही हैं वर्ष 2023-24 में शासन स्तर से तैयारी के निर्देश जरूर दिए गए हैं लेकिन खरीदी केन्द्रों में हालात बेहद खराब स्थिति में नजर आ रहे हैं रीवा जिले में संचालित खरीदी केंद्रों पर दूसरे राज्यों बिहार के श्रमिकों से कार्य कराए जा रहे हैं इन खरीदी केदो में लेबरों का भुगतान किसी एजेंसी के माध्यम से होता है जाहिर सी बात है कि सर्विस प्रोवाइडर द्वारा अपने मुनाफे के हिसाब से श्रमिकों को रखा गया होगा श्रमिकों को भुगतान कैसे किया जाता है इसकी जानकारी नहीं प्राप्त हुई है और कोई जिम्मेदार इस मामले में बताने को भी तैयार नहीं है और अव्यवस्थित तरीके से संचालित खरीदी केन्द्रों में किसानों को फजीहत भी हो रही है रीवा जिले के गंगेव खरीदी केन्द्र में ऐसी अवस्था देखने को मिली जहां किसानों ने हो रही परेशानी को मीडिया के साथ साझा किया
किसानों को नहीं दी जा रही सुविधाएं।
धान खरीदी केन्द्रों में किसानों को सुविधा के नाम पर केवल बिल वाउचर लगाने की व्यवस्था है देखने में आया है कि खरीदी केदो पर ना तो पानी की व्यवस्था है ना अलाव की व्यवस्था है जबकि भीषण ठंड में छांव और अलाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग ठिठुर रहे हैं किसानों द्वारा बताया गया कि शासन स्तर से 40 अनाज में किलो बोरी में 650 ग्राम बोरी का वजन निर्धारित किया गया है लेकिन 41 किलो और 41 किलो 500 ग्राम की भर्ती की जा रही है तौलाई नि:शुल्क होनी चाहिए लेकिन₹5 प्रति बोरी के हिसाब से तौलाई भी लिए जाने का मामला सामने आया है तो वहीं दूसरी तरफ ट्रैक्टरों के नंबर लगाने पर निजी सेवा शुल्क प्राप्त कर खरीदी केन्द्रों के लोगों द्वारा बिना नंबर लगे ट्रैक्टर ले जा रहे हैं और नंबर लगे ट्रैक्टर बिना सुविधा शुल्क वाले खड़े रह जाते हैं अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़े खरीदीं केंद्रो में शासन के सारे नियमों को दर किनारा कर दिया जाता है जहां शासन स्तर से खरीदी और बोरियों की छल्ली और सिलने की व्यवस्था है किंतु अनाज कीचड़ों पर बिखरे पड़े हैं सिलाई नहीं है और बोरियों की लंबी कतार खड़ी दिखाई देती हैं जिससे बारिश में नष्ट होने की संभावना है खरीदी के बाद बोरियों को सिलने की व्यवस्था नहीं है जिसके कारण बोरियों का चट्ठा नहीं लगाया जा रहा बिखरी हुई बोरियों के चलते खरीदी केंद्र में अव्यवस्था देखने को मिल रही है।
भ्रष्टाचार के आरोपी कर रहे खरीदी।
रीवा जिला वर्तमान समय पर दो भागों में मऊगंज और रीवा में खरीदी हो रही है किंतु फूड ऑफिस अभी भी मऊगंज न होने से रीवा से संचालन हो रहा है जहां कई बार गंभीर आरोप लग चुके हैं कि निरीक्षण और केंद्र बनाने के नाम पर अतिरिक्त प्रति कुंतल के हिसाब से सेवा शुल्क की वसूली होती है और अधिकारियों द्वारा देखरेख के नाम पर केवल किसानों का शोषण किया जा रहा है किसान अन्नदाता है अन्य उत्पादन में आवारा पशुओं को भारी बरसात में ताकता है और अपना अनाज बिक्री करने के दौरान बाहर हवा में ठिठुरते खड़ा रहता है धन्य है अन्नदाता इस देश में इसी तरह से अन्नदाता बना रहा तो भिखारी बनते देर नहीं लगेगी चंद्र लोगों की तिजोरिया भारती रहेगी और नियम कायदे दर किनार पड़े रहेंगे जहां रीवा जिले में कई आरोपित समिति सेवकों को खरीदी का दायित्व दिया गया है तो वहीं अधिकारी जो निरीक्षण कर रहे थे वह निरीक्षक उनके निरीक्षण दौरान भ्रष्टाचार हुआ किंतु उन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई अब देखा जाता है कि वर्तमान समय पर रीवा जिला और मऊगंज दो-दो जिला प्रशासन कैसे खरीदी को निष्पक्षता पूर्ण संपन्न कराते हैं