Rewa news, मानवता हुई शर्मशार मऊगंज के गेरूई घटिया मे फेके गये 14 मृत एवं दो घायल गोवंश कलेक्टर की पहल रही बेअसर।
पुलिस ने घायल गौवंशों का कराया इलाज,मृतक गौवंशो का पीएम कराकर दफनाया,आरोपियों की तलाश मे जुटी पुलिस।
रीवा जिले से अलग होकर नवगठित मऊगंज जिले के गेरुई घटिया में मानवता को शर्मशार करने वाली खबर आई है जहां
14 मृत और दो घायल गौबंश सड़क पर फेंके गए थे जैसे ही घटना की जानकारी मऊगंज पुलिस को लगी तो थाना प्रभारी एस के दुवेद्धी ने अपनी पुलिस टीम के साथ घटना स्थल पहचे, तो नजरा देख थाना प्रभारी के होश उड़ गए थाना प्रभारी ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दिए, जिसके बाद मौके पर मऊगंज तहसीलदार सहित बिटनरी विभाग के डॉक्टरों की टीम भी पहुंची जहां देखा गया कि घटनास्थल पर 14 गोवंश जिनके पैर बंधे हुए थे वही समीप पर दो बैल घायल अवस्था में पड़े मिले, थाना प्रभारी ने घायल पड़े गोवंशों क उपचार कराया, साथ ही इलाज करने के बाद उन्हें सीतापुर गौशाला में व्यवस्थित कराया, गया है।
मृतक गौवंशों को गड्ढे में दफ़नाया।
गेरुई घटिया में लावारिस मृतक पड़े 14 गोवंशों को पुलिस ने पहले पोस्ट मार्टम कराया और इसके बाद जेसीबी मशीन के माध्यम से गड्ढो की खुदाई कराकर उन्हें दफनाया गया, जिसमें मृतक पड़े कुछ मवेशियों के कान में टैग भी लगा था ,पुलिस ने वेटरनरी के डॉक्टरो के माध्यम से उन्हें चिन्हित करने का प्रयास किया है, माना जा रहा है कि किसी बाड़े में कैद करके इन गौवंश को रखा गया था जहां इनकी मौत हो गई होगी, जिसके बाद इन्हें वाहनों में भरकर गेरूई घटिया में फेंका गया था। बिटनरी डॉक्टरो के अनुसार इनकी दो दिन पूर्व मौत हुई है, मृतक मवेशियों के पैर को रस्सी से बांधा गया था मऊगंज थाना प्रभारी एस के दुवेद्धी ने कहा है की जो भी आरोपी ऐसा कृत्य किया है उन्हें बक्शा नहीं जाएगा, जिन मवेशियों के कान में टैग लगा है उस टैग के माध्यम से उनकी पहचान कराने का प्रयास किया जा रहा है।
गौवंश को लेकर कलेक्टर की पहल बेअसर।
ज्ञात हो कि मऊगंज जिला गठन के बाद कलेक्टर मऊगंज द्वारा गोवंश की सुरक्षा के लिए ऐसी पहल की गई थी कि हर जगह उनकी तारीफ हो रही थी उन्होंने स्वयं गोवंश को शरण देकर लोगों को संदेश दिए की हर कोई वह व्यक्ति जो गौ माता की सेवा कर सकता है वह कम से कम एक गए को अपने घर में रखे और उसका पालन पोषण करें कलेक्टर की इस पहल की पूरे जिले में ही नहीं प्रदेश में भी काफी चर्चा रही थी क्षेत्रीय विधायक प्रदीप पटेल भी इस मुहिम के हिस्सा थे लेकिन यह पहला कुछ दिनों तक तो चलती दिखाई दी लेकिन अब ऐसे समाजसेवी नजर नहीं आ रहे हैं जो आवारा गोवंशों को शरण दे सकें आज की घटना को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि दर्जन भर से अधिक गायों की लोगों ने हत्या कर दी इस जघन्य अपराध से मानवता तो शर्मसार हुई ही है गोवंश की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास भी हवा हवाई नजर आए हैं।