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भोपाल: जिला कमेटियों की रिपोर्ट देखकर भड़के सुरजेवाला जातीय समीकरण साथ हैं तो उम्मीदवार तीसरे नंबर पर क्यों- ?

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भोपाल: जिला कमेटियों की रिपोर्ट देखकर भड़के सुरजेवाला जातीय समीकरण साथ हैं तो उम्मीदवार तीसरे नंबर पर क्यों- ?

कांग्रेस पार्टी का एमपी की 230 विधानसभा उम्मीदवारों के लिए मंथन जारी हारने वालों और बाहरी उम्मीदवारों से कांग्रेस करेगी परहेज।

 

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भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए 230 सीटों पर टिकट बांटने को लेकर कांग्रेस की 4 दिन तक चलने वाली
मैराथन बैठकों का दौर शनिवार को भोपाल में शुरू हो गया। पीसीसी में सुबह 10 बजे शुरू हुई बैठक में मप्र के इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला, स्क्रीनिंग कमेटी
के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह और सदस्य अजय सिंह लल्लू और सांसद सत्यगिरी उल्का बैठक में मौजूद रहे हैं स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग 11 और 12 सितंबर को दिल्ली में होगी, जिसमें नाम शार्ट लिस्ट करने के बाद सेंट्रल इलेक्शन कमेटी
(सीईसी) टिकट फाइनल करेगी और 15 सितंबर तक पहली सूची जारी हो सकती है। सुरजेवाला ने जिला अध्यक्ष और प्रभारियों की बैठक में कहा कि दो या तीन बार हारने वालों
को टिकट मिलेगा या नहीं यह क्षेत्र की परिस्थिति पर निर्भर करेगा। उन्होंने संकेतों में साफ कर दिया कि पार्टी
चुनावों में नए चेहरों पर दांव लगाएगी ऐसे नामों की सिफारिश न करें, जो दो बार चुनाव हार चुके हैं 11 घंटे तक चली बैठकों की शुरुआत ग्वालियर-चंबल संभाग से हुई। फिर सागर, रीवा, उज्जैन व इंदौर संभाग के जिलों के प्रभारियों और जिलाध्यक्षों से वन-टू-वन चर्चा हुई आज रविवार को भी जिला पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और फीडबैक के आधार पर चुनाव की रणनीति को लेकर रोडमैप बनाया जाएगा। इसके बाद विधायक, सांसद, पूर्व विधायक और पूर्व सांसद और पार्टी के प्रदेश के सदस्यों से भी चर्चा की जाएगी।

रिपोर्ट देखकर भड़के सुरजेवाला जातीय समीकरण साथ हैं तो उम्मीदवार तीसरे नंबर पर क्यों- ?

मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा क्षेत्र की संभावित प्रत्याशियों की सूची जिसे शॉर्ट लिस्ट किया गया है उस सर्वे सूची पर सवाल उठाए गए हैं चार दिनों तक चलने वाली बैठक में जो शनिवार से शुरू हुई उस मैराथन बैठक में सुरजेवाला और जितेंद्र सिंह एआईसीसी के सर्वे की रिपोर्ट सामने रखकर बैठे थे, जिससे जिला अध्यक्षों और प्रभारियों के पैनल से टैली कर रहे थे। ये सर्वे सुनील कानुगोलू की ओर से कराया गया, जिसकी रिपोर्ट एक दिन पहले ही सुरजेवाला को सौंपी गई थी सुरजेवाला ने जिलाध्यक्षों से पैनल में प्रत्याशियों के नाम नीचे करने पर पूंछा तो जिलाध्यक्ष जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार के साथ जातीय समीकरण हैं तो नाम तीसरे
की जगह पहले नंबर पर क्यों नहीं लिया गया-? कमलनाथ
कह चुके हैं कि इनमें मेरा कोई कैंडिडेट नहीं है, जो उम्मीदवार है कांग्रेस के हैं। और आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जिलों में निष्क्रियता क्यों…?
कहा गया कि मुझे देखने में यह भी आया है कि पिछले दो महीने से जिलों में निष्क्रियता देखी जा रही है, मंडलम सेक्टरों की बैठक नहीं हो रहा ही। अब कमलनाथ जी प्रदेश देखेंगे। संगठन का काम मैं देखूंगा। आप दिल्ली आइए मुझसे मिलिए, मैं सीधी बात करूंगा।

कर्नाटक फॉर्मूले पर कांग्रेस कर रही काम।

कर्नाटक चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी में प्लान किया था और चुनाव लड़ा चुनाव परिणाम अप्रत्याशित आए हैं इसी तरह अब मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी अपना उसी फार्मूला पर काम कर रही है कांग्रेस में संगठन जिला अध्यक्षों और टिकट के दावेदारों पर समन्वय स्थापित किया जा रहा है जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा, उन्हें सरकार बनने पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी। जिस उम्मीदवार को टिकट मिलेगा उसे सभी जिताने में लग जाएं। जिन जिलाध्यक्ष और प्रभारियों की परफार्मेस ठीक रहेगी, उन्हें निगम-मंडलों में एडजस्ट किया जाएगा संगठन के लोग कांग्रेस की विचारधारा को लेकर प्रदेश के 70% घरों तक पहुंचेंगे इसका प्लान तैयार किया गया है बैठक में आगामी 15 सितंबर तक के प्रोग्राम तय किए गए हैं संभावित सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और कार्यकर्ता हर विधानसभा के 50 हजार घरों तक पहुंचेंगे। प्रदेश के 70% घरों तक पहुंचने का भी लक्ष्य है। कांग्रेस के आरोप पत्र की प्रति बांटेंगे। इसमें 50% कमीशन,भ्रष्टाचार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की झूठी घोषणाओं की जानकारी होगी।

 

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