MP news, बालिकाए मोबाइल से बनाएं दूरिया, शिक्षित बालिका संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन।
संभागीय मुख्यालय शहडोल के मानस भवन में आज बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं के तहत बालिका संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। बालिका संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रो. चेतना सिंह ने कहा कि बालिका को समाज में शिक्षित होना आवश्यक है, शिक्षित होने से स्वयं किसी चींज का निर्णय ले सकते है और शिक्षित होने से निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को लेखन, कहानिया, स्पोर्टस आदि का शौक होता है, बालिकाएं हर क्षेत्र में बढ़ चाहे मेडिकल का क्षेत्र हो, टीचिंग का क्षेत्र हो, बालिकाएं प्रतियोगी परीक्षा जैसे एमपीएससी, यूपीएससी, एसएससी की तैयारियां कर आगे बढ़ रही है। उन्हांेने कहा कि कई बालिकाएं ऐसी होती है जो कड़ी मेहनत करती है और कोचिंग की भी जरूरत नही होती है, वे मोबाइल को उपयोग सकारात्मक रूप से करके प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल होती है तथा बालिकाओं को मोबाइल का कम से कम उपयोग करना चाहिए ।
बालिका संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रो. प्रगति सिंह ने पोषण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पोषण मन, बुद्वि व शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को पौष्टिक चींजे जैसे अंकुरित बीज, ज्वार, बाजरा, कोदो कुटकी, जैसे पौष्टिक पदार्थाें का सेवन समय निर्धारित करके करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फलों को काटकर न धूले क्योंकि फलों को काटकर धोने से फल के विटामिन्स नष्ट होते है। इसी प्रकार बालिकाओं को अन्य विषयों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई। बालिका संवाद कार्यक्रम में दगना कुप्रथा एवं बाल निषेध की रोकथाम हेतु शपथ भी दिलाई गई।
इस अवसर पर बाल संरक्षण समिति के सदस्य श्री प्रदीप सिंह, श्री शीतल पोददार, अभिषेक चौकसे, संयुक्त संचालक महिला बाल विकास श्रीमती मंजूलता सिंह, कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री मनोज लारोकर, परियोजना अधिकारी श्री आनंद अग्रवाल सहित अधिकारी एवं बालिकाएं उपस्थित थी।