MP news, कलेक्टर को कक्षा 02 के छात्र ने कागज की नांव बनाकर कर दिया इम्प्रेस।
जबलपुर। संभाग के बालाघाट जिले के प्रायमरी स्कूलों में शुक्रवार को फण्डामेंटल लर्निंग न्यूमेरिकल (एफएलएन) मेले आयोजित किये गए। इन आयोजनों में स्कूलों में कक्षा 1 व 2 के बच्चों के शारीरिक, बौद्धिक, गणित,भाषा, बच्चों का विकास करना जैसी गतिविधियां आयोजित की गई। इस गतिविधियोँ के माध्यम से बच्चों में विकास का आंकलन किया गया। भटेरा चौकी स्थित प्राथमिक विद्यालय में आयोजित इस गतिविधि में कलेक्टर ड़ॉ. गिरीश कुमार मिश्रा शामिल हुए। यहां कक्षा पहली की गोशिया खान ने 7 का पहाड़ा सुनाया और पहाड़े में गलतियों को भी निकाल कर बताया। इसके बाद कक्षा 2 के शौर्य दाते ने एक कागज लेकर उसको फोल्ड करके कागज़ की नाव बनाकर बौद्धिक विकास का परिचय दिया। इसके बाद कलेक्टर ड़ॉ. मिश्रा ने शाबासी देते हुए टॉफियां भी दी। वहीं मुस्कान ने शारिरिक कौशल दिखाते हुए फर्श पर बनी टेढ़ी-मेढ़ी आकृतियों पर चलकर और सिर पर सामग्री रखकर चलकर दिखाया। स्कूल में बाल गृह और बालिका गृह के विद्यार्थियों के इस तरह की सक्रियता देख कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने प्रसन्नता व्यक्त की। स्कूल प्राचार्य बसंती मंडेकर ने कलेक्टर के समक्ष स्कूल के लिए अतिरिक्त कक्ष की मांग रखी। साथ ही उन्होंने बताया कि जल्द ही स्कूल में वर्चुअल क्लास भी प्रारम्भ की जाएगी। इस दौरान डीपीसी डॉ. महेश शर्मा सहित स्कूल का स्टॉफ मौजूद रहे।
सार्थक ने बोर्ड पर बच्चों को जोड़ना और घटाने की विधियां समझाई
कलेक्टर ड़ॉ. मिश्रा निरीक्षण के दौरान कक्षा 3 के छात्र सार्थक से परिचय लेकर उनके पसंद के विषय की जानकारी ली। सार्थक ने बोर्ड पर लिखी इबारत 581 में से 279 को घटाकर दिखाया। ज्ञात हो कि इसी स्कूल में वे बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे है जिनके माता पिता नहीं रहे है। इनके रहने की सुविधा स्नेह छाया बाल गृह में की गई है। प्राचार्या मंडेकर ने बताया कि बालगृह के 14 बच्चों में से 05 प्राथमिक, 4 माध्यमिक और 05 हाईस्कूल में तथा बालिका गृह की 22 में से 8 प्रायमरी, 3 माध्यमिक और 11 हाईस्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही है।
जिपं सीईओ ने गोंगलई स्कूल में परखी बच्चों के विकास की प्रक्रिया
जिला पंचायत सीईओ श्री डीएस रणदा ने गोंगलई के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों में विकास के मापदंडों को परखा। उन्होंने भी बच्चों में गणित, शारीरिक क्षमता और बौद्धिक विकास जैसे मापदंडों को देखा। उन्होंने बच्चों से परिचय किया और उनका भी नाम जाना। साथ ही उन्होंने मेले में लगाए गए स्टॉलों के माध्यम से गणित व भाषा की पहेली के प्रश्न भी बच्चों से पूछें।