MP news, तानाशाह DFO से प्रताड़ित होकर डिप्टी रेंजर ने की थी आत्महत्या,परिजनों के आरोप के बाद बढ़ी अधिकारी की मुश्किलें।
मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से बड़ी घटना सामने आई है जहां वन विभाग में पदस्थ एक एक डिप्टी रेंजर ने अपने अधिकारी डीएफओ से तंग आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है मृतक के परिजनों द्वारा अधिकारी पर लगाए गए आरोप के बाद अब डीएफओ की मुश्किलें बढ़ गई है, घटना को लेकर बताया गया है कि वन मंडल अनूपपुर में पदस्थ डीएफओ की तानाशाही पूर्ण रवैया और प्रताड़ना से एक डिप्टी रेंजर ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली है डीएफओ पर आरोप है कि डिप्टी रेंजर को बिना कोई ठोस कारण के सस्पेंड कर दिया था जिसके चलते ड्यूटी के दौरान रेंजर मानसिक तनाव में थे डिप्टी रेंजर के परिजनों के अनुसार डीएफओ की प्रताड़ना से ही वह कुएं में कूद कर अपने आत्महत्या कर ली। हालांकि इस घटना के बाद डीएफओ को अनूपपुर से हटकर भोपाल अटैच कर दिया गया है लेकिन उसके ऊपर कोई कानूनी कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है इससे पहले भी 6 कर्मचारियों ने डीएफओ से तंग आकर बीते वर्ष अगस्त माह में विभाग के अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई थी कि डीएफओ उन्हें प्रताड़ित करते हैं।
परिजनों ने बताया कैसे हुई घटना।
घटना को लेकर जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अनूपपुर जिले के वन मंडलाधिकारी सुशील कुमार प्रजापति के द्वारा वन परिक्षेत्र बिजुरी के डोला बैरियर में पदस्थ डिप्टी रेंजर प्रेमलाल बनवासी को बगैर किसी ठोस कारण या मामले में जवाब तलब किए बगैर ही एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया था जिसके बाद से डिप्टी रेंजर प्रेमलाल बनवासी मानसिक रूप से परेशान थे इसी बीच डिप्टी डेंजर ने अपने गांव बसंतपुर के कुएं में कूद कर आत्महत्या कर ली थी डिप्टी रेंजर के परिजनों का आरोप है कि उनकी मौत का कारण कोई और नहीं बल्कि डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति हैं।
घटना के बाद डीएफओ भोपाल किया अटैच।
परिजनों के द्वारा जब इस मामले की शिकायत की गई और मामला मीडिया आया तब वन विभाग मध्य प्रदेश शासन के द्वारा अनूपपुर में पदस्थ डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति को अनूपपुर से हटकर भोपाल मुख्यालय में अटैच किया गया है तो वहीं डिप्टी रेंजर प्रेमलाल बनवासी के परिजनों की मांग है कि डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए क्योंकि उन्हीं की प्रताड़ना के कारण डिप्टी रेंजर प्रेमलाल बनवासी की मौत हुई है परिजनों की शिकायत और मीडिया में खबर आने के बाद मामला गर्म होते ही विभाग ने डीएफओ को हटाकर भोपाल में अटैच तो कर ही दिया है अब परिजनों की शिकायत पर जांच पड़ताल भी शुरू होगी माना जा रहा है कि डीएफओ की इस मामले में मुश्किलें बढ़ने वाली है।