Rewa news, इतिहास और सामरिक दृष्टि से 15वीं शताब्दी की इस गढ़ी के महत्व को जानना जरूरी।
रीवा राज्य कई ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा हुआ है इन्हीं में से एक ऐतिहासिक स्थान क्योटी गढ़ी है जिसका निर्माण 15वीं शताब्दी में महाराज शालीवाहन के पुत्र नागमल द्वारा किया गया था सन 1857 की क्रांति में इस गढ़ी में भी क्रांतिकारी गतिविधियों की यादें जुड़ी हुई हैं बताया जाता है कि देश के महान क्रांतिकारी ठाकुर रणमत सिंह जी और अंग्रेज अधिकारी कार्सवन के बीच इस गढ़ी के सामने फैले हुए विशाल मैदान में युद्ध हुआ था, इस गढ़ी का संरक्षण वर्तमान में राज्य पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा ग्राम पंचायत क्योटी के सहयोग से किया जा रहा है। प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर्व पर इस स्थान पर 4 दिवस तक चलने वाला वृहद मेला आयोजित होता है जिसमे दूर दराज से हजारों लोग आकर मेले में शामिल होते हैं।
पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक स्थल।
क्योंटी जलप्रपात छोटी किला सहित देवस्थान और यहां की नदियां पर्यटकों के लिए उत्तम स्थान है यहां मध्य प्रदेश ही नहीं उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से भी पर्यटक आते हैं और प्रकृति का नजारा देखते हैं आनंद विभोर करने वाला यह पर्यटक स्थल अपने आप में अद्वितीय है बीते दिन मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक प्रवीण पाठक व ब्लॉक समन्वयक अनीता मिश्रा के निर्देश एवं मार्गदर्शन में दिनांक 21/02/2023 को जन अभियान परिषद ब्लॉक गंगेव के बीएसडब्ल्यू एमएसडब्ल्यू के छात्र/छात्राओं के साथ क्योटी पहुंचे थे और वहां महाना नदी द्वारा निर्मित प्राकृतिक जलप्रपात का भ्रमण किया गया। महाना नदी तमसा नदी जिसे टमस भी कहा जाता है की उपनदी है। यह भारत का 24वाँ सबसे ऊँचा जलप्रपात है। इस जलप्रपात के तलहटी में सोमवल्ली नामक एक औषधि की खोज की गई है जिसका उपयोग कैंसर गठिया जैसे रोगों में किया जाता है। निकट ही स्थित प्राचीन भैरव मंदिर, राधाकृष्ण, रामजानकी मंदिर में दर्शन के उपरांत ऐतिहासिक क्योटी गढ़ी का भ्रमण किया गया और इसके
इनका कहना है
जन अभियान परिषद के परामर्शदाता वरिष्ठ समाजसेवी डॉ विष्णुदेव कुशवाहा द्वारा बीते दिन भ्रमण करने आए छात्रों को क्योंटी का इतिहास बताया इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोबाइल, सोशल मीडिया के दुरुपयोग से दूर रहकर इन उपेक्षित महसूस करती धरोहरों के साथ अपने और समाज को जोड़ने के साथ ही योग एवं ध्यान पर महत्व देने की आवश्यकता है दो कुशवाहा ने कहा कि ऐतिहासिक स्थल क्योंटी को अभी और संरक्षित करने की आवश्यकता है।