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MP में यहां बन रहा 105 करोड की लागत से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास केन्द्र देश में होगी बड़ी पहचान।

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MP में यहां बन रहा 105 करोड की लागत से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास केन्द्र देश में होगी बड़ी पहचान।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास संस्थान सीहोर के निर्माण से अब सीहोर की पहचान प्रदेश के साथ पूरे देश में होगी। देश भर से दिव्यांगजन सीहोर के इस संस्थान से लाभान्वित होंगे। यह बात केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास संस्थान के नवनिर्मित भवन के उदघाटन अवसर पर कही है केन्द्रीय मंत्री डॉ विरेन्द्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के साथ निरंतर प्रयास कर इस दिशा में आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा भी अनेक प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं और दिव्यांगजनो प्रेम और स्नेह की आवश्यकता है और इस संस्थान में पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके स्वास्थ्य और संवार्गी विकास के लिए काम किया जाएगा और हम सब मिलकर एक सफल समावेशी राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करें और दिव्यांगों के अधिकारों को सुनिश्चित करें।

केन्द्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास संस्थान के निर्माण में कुछ समय का विलम्ब हुआ है पर पुनर्वास संस्थान बनकर अब पूर्ण तैयार हो गया है। इसके निर्माण की गति बहुत धीमी होन से एजेन्सी को एक बार बदल गया उसके बाद दूसरी भी बार बदल गया। इसके बार तीनों ब्लॉक का अलग-अलग एजेंसियों के द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है। इसके लिए मैं लगातार समीक्षा बैठक लेता रहा और दिल्ली बुलाकर भी समीक्षा की गई। इस संस्थान के निर्माण में राज्य सरकार के सहयोग की सराहना करते हए कहा कि संस्थान के लिए बेहतर लोकेशन पर भूमि उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास संस्थान के नए भवन में सभी ब्लॉकों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है और जो ब्लाक शेष रह गये है वे भी अप्रैल तक पूरा हो जाएंगे। आने वाले समय में इस इस परिसर में दो और हॉस्टल का निर्माण किया जाना है। केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने राज्य शासन के मंत्री, विधायक, और जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे समय- समय इस संस्थान का निरीक्षण करते रहें ताकि दिव्यांगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध हो सकें और संस्थान के माध्यम से दी जाने वाली फीडबैक प्राप्त होती हो सके।

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी दिव्यांगजनों के प्रति अतिसंवेदनशील है। इससे पहले दिव्यांगों के लिए सात प्रकार के श्रेणी निर्धारित थी। लेकिन अब वर्ष- 2016 से अधिनियम पारित होने के बाद 21 प्रकार की श्रेणियां दिव्यांगजनों के लिए निर्धारित की गई है। सामाजिक मान्यता मंत्रालय राज्य सरकार के सहयोग से दिव्यांग जनों की सेवा देने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अपने विभिन्न जोनों की गतिविधियों का संचालन किया जा रहा हे।

उन्होंने कहा कि सीहोर में अक्टूबर 2018 में एक स्थाई भवन के निर्माण का एक प्रस्ताव पारित हुआ था। उसके बाद से लगातार काम को आगे बढ़ाया गया यहां पर पुनर्वास संस्थान 25 एकड़ में फैला हुआ है और उसमें से लगभग 12 एकड़ में संस्थान के भवन का निर्माण हुआ है जिसमें लगभग 105.68 करोड रुपए की लागत आई है और यह भवन पूरी तरह से बनकर तैया हो गया है। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास संस्थान के लिए शीध्र ही 6 करोड़ के उपकरण खरीदे जा रहे हैं और फर्नीचर शीघ्र ही उपलब्ध होगा। इस नवीन परिसर में 50 कमरे जिसमें कक्षाएं पुस्तकालय प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के कमरे प्रशासनिक कर्मचारी और निर्देशक कक्ष शामिल है। संस्थान में नेचरोथेरेपी, फिजियोथैरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, एमआरआई, सीटी स्कैन, रेडियोलॉजी रूम की सेवइएं प्रदान की जाएगी।

संस्थान द्वारा चिकित्सा और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए नई दिल्ली और बेंगलुरु से सहयोग लिया जाएगा। इस संस्थान में छात्रों के लिए पर्याप्त स्थान एवं व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि अब इस संस्थान के विभिन्न विभागों के माध्यम से साइकोलॉजिकल, डायग्नोस्टिक, मूल्यांकन और परीक्षण न्यूरो साइकोलॉजिकल मूल्यांकन साइकोलॉजिकल,एजुकेशन के लिए अन्य जागरूकता सेवा में प्रदान की जाएगी।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास केन्द्र सीहोर के लिए बड़ी सौगात है-मंत्री श्री कुशवाह

प्रदेश के समाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के मंत्री श्री नारायाण कुशवाह ने कहा कि प्रधानीमंत्री श्री नरेद्र मोदी की राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास सस्थान के रूप में सीहोर को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश और देश तेजी से विकास कर रहा है। प्रधानमंत्री समाज में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के चेहरे पर खुशी लाने तथा उनको सशक्त बनाने के लिए निरन्तर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी अत्याधिक संवदेशनशील है और उनके समुचित इजाल और पुनर्वास के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनओं के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में दिव्यांगजनों को सुगमता से लाभ मिल सके इसके लिए विभाग द्वारा पोर्टल बनाया जा रहा है। प्रदेश के दिव्यांगजनों के विवाह के लिए 163 करोड़ से अधिक की राशि व्यय की गई है। मंत्री श्री कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश में जिन दिव्यांगजनों में 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता है उन्हें मोटराईज ट्राईसिकल प्रदान करने का काम किया जाएगा। केन्द्र एवं राज्य सरकार की दियांगजनों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ सभी दिव्यांगजनों को मिले यह सुनिश्चित किया जाएगा।

अब राष्ट्रीय पुनर्वास केन्द्र होगा सीहोर की पहचान- विधायक राय

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सीहोर विधायक श्री सुदेश राय ने कहा कि पहले सीहोर का शरबती गेहूं के लिए पूरे देश में पहचान थी। लेकिन अब राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास केन्द्र से पूरे देश में जाना जाएगा। उन्होंने सीहोर को दी गई इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दिव्यांगजनों के स्वास्थ्य एवं पुनर्वास के लिए बहुत संवेदनशील हैं और दिव्यांगों के कल्याण के लिए अनेकों योजनाएं चला रहे हैं।

कार्यक्रम में यह थे उपस्थित

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रचना सुरेन्द्र मेवाड़ा, श्री राजेश यादव संयुक्त सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, श्री सचिन सिन्हा, प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, डॉ. रामाराव भोसले, आयुक्त, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, श्री विनीत सिंहल, निदेशक, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुर्नवास संस्थान, कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री आशीष तिवारी, सहित सभी संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी तथा नागरिकगण उपस्थित थे।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान, सीहोर

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास की जरूरतों को पूरा करने और मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों के पुनर्वास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) को दिव्यांगजनों के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक केंद्रीय स्वायत्त संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था। अक्टूबर, 2018 में सीहोर में एमपी सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1973 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया।

मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास के क्षेत्र में काम करने वाले एक राष्ट्रीय संस्थान के रूप में एनआईएमएचआर की स्थापना मध्य प्रदेश में भोपाल-इंदौर राजमार्ग के किनारे सीहोर में राज्य सरकार द्वारा आवंटित 25 एकड़ परिसर पर परियोजना प्रारंभिक लागत के साथ की जा रही है। पहले तीन वर्षों में रु. 179.4 करोड़ जिसमें रुपये का गैर-आवर्ती व्यय शामिल है। 128.54 करोड़ और आवर्ती व्यय रु. 51 करोड़. गैर-आवर्ती व्यय एनआईएमएचआर के भवन के निर्माण की पूंजीगत लागत 105.68 करोड़ रुपये का भी प्रावधान है।

वर्तमान में एनआईएमएचआर में तीन पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट कोर्स ऑफ केयर गिविंग, डिप्लोमा इन कम्युनिटी बेस्ड रिहैबिलिटेशन (डीसीबीआर) और डिप्लोमा इन वोकेशनल रिहैबिलिटेशन-इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी (डीवीआर-आईडी) चल रहे हैं तथा ओपीडी (मनोचिकित्सा हस्तक्षेप, मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन), टेली-परामर्श, आउटरीच ओपीडी, आउटरीच कार्यक्रम और जमीनी स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से नैदानिक सेवाएं भी एनआईएमएचआर द्वारा प्रदान की जा रही हैं। संस्थान के माध्यम से साइको डायग्नोस्टिक मूल्यांकन और परीक्षण, न्यूरोसाइकोलॉजिकल मूल्यांकन, साइको शिक्षा मार्गदर्शन और परामर्श, विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए साइको चिकित्सीय हस्तक्षेप और अन्य आउटरीच और जागरूकता सेवाएं संचालित करेगा।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान में जो विभाग कार्यरम है उनमें मनोचिकित्सा, नैदानिक मनोविज्ञान, मनोरोग सामाजिक कार्य, मनोरोग नर्सिंग, वाणी एवं श्रवण, व्यावसायिक चिकित्सा के लिए केंद्र, फिजियोथेरेपी और योग विज्ञान, शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और ललित कला केंद्र, और कानूनी सहायता सेल और कंप्यूटर विभाग रहेगें।

एनआईएमएचआर के नवनिर्मित परिसर में सेवाएँ, प्रशासन और शैक्षणिक, छात्रावास और स्टूडियो अपार्टमेंट ब्लॉक शामिल हैं। संस्थान का सर्विस ब्लॉक न्यूरोथेरेपी, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, व्यावसायिक थेरेपी, एमआरआई, सीटी स्कैन, रेडियोलॉजी, एक्स-रे रूम, डेकेयर सेवाएं, व्यावसायिक प्रशिक्षण की सेवाएं प्रदान करेगा। इसके अलावा, संस्थान के सर्विस ब्लॉक में डॉक्टरों के लिए 16 कमरे, चिकित्सा अधीक्षक के लिए 1, पंजीकरण और हेल्पडेस्क के लिए 1, क्लिनिकल स्टाफ के लिए 5, पेंट्री और रसोई के लिए 1, 2 कैंटीन, व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 5 आदि शामिल हैं। संस्थान के स्टूडियो अपार्टमेंट में 23 डबल बेड वाले कमरे और 01 कैंटीन होगीं।

संस्थान के प्रशासन और शैक्षणिक ब्लॉक में 16 कक्षाएँ, 01. पुस्तकालय, प्रोफेसरों और सहायक प्रोफेसरों के लिए 05 कमरे, प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए 16 कमरे और 01 निदेशक कक्ष शामिल होंगे। यह अपने बहुउद्देशीय हॉल में सीडीईआईसी को भी सुसज्जित करेगा। एनआईएमएचआर के छात्रों को लड़कियों और लड़कों के छात्रावास में 62 डबल बेड वाले और 51 सिंगल बेड वाले कमरों की क्षमता के साथ छात्रावास की सुविधा प्रदान की जाएगी और दिव्यांग छात्रों के लिए 02 डबल बेड वाले और 02 सिंगल बेड वाले कमरे आरक्षित होंगे। निशिषा शिक्षका कि शिक्षा का संस्थान मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रहे लोगों की सेवा करेगा और जनशक्ति के प्रशिक्षण में शामिल होगा। यह मानसिक बीमारी से पीड़ित ग्राहकों, उनकी देखभाल करने वालों, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों, गैर-सरकारी एजेंसियों और मीडिया के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर सार्वजनिक शिक्षा कार्यक्रम विकसित करने में प्रमुख भूमिका में कार्य करेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संस्थान विभिन्न प्रकार के मीडिया (पारंपरिक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सामाजिक) के माध्यम से स्थानीय और लोकप्रिय भाषाओं में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने में संलग्न है एवं यह मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कलंक को कम करने और सफल सामुदायिक सुधार की सुविधा के लिए सामुदायिक नेताओं, गैर सरकारी संगठनों, सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के संगठनों, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, संभावित नियोक्ताओं, कानूनी विशेषज्ञों, पुलिस, उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षकों, छात्रों और अन्य प्रासंगिक हितधारकों एवं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों वाले ग्राहकों का एकीकरण के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करेगा।

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