MP news शहडोल का जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन निष्क्रिय खनिज विभाग बना रेत माफियाओं का रबर स्टाम्प रेत माफिया कर रहे लगातार हत्या।
MP news शहडोल का जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन निष्क्रिय खनिज विभाग बना रेत माफियाओं का रबर स्टाम्प रेत माफिया कर रहे लगातार हत्या।
5 माह पूर्व शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के देवलोंद थाना क्षेत्र में एक पटवारी प्रसन्न सिंह की हत्या हो जाती है और आज देश भक्ति जन सेवा करने वाले एक पुलिस के Asi महेन्द्र बागरी की हत्या हो गई देखा जाए तो दोनों की हत्या केवल खनिज माफियाओं के द्वारा की गई है पहली घटना जब पटवारी की हत्या हुई थी तब ब्यौहारी में पदस्थ Sdm नरेंद्र सिंह धुर्वे और Sdop रवि प्रकाश को तत्काल प्रभाव से जिले से बाहर हटा दिया गया होता और माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हुई होती तो शायद आज एक और हत्या न होती। वैसे भी खनिज विभाग नाम मात्र के लिए बनाया गया है सारा खेल तो रेत के ठेकेदारों द्वारा खेला जाता है अधिकारी केवल कठपुतली बनकर बैठे रहते हैं ऐसी निशंक हत्याएं होने के बाद यह लिखने में हमें गुरेज नहीं है कि रेत कारोबारी के आगे शासन का सिस्टम घुटने टेक चुका है।
अधिकारियों एवं माफियाओं के हौसले इतने बुलंद आखिर क्यों?
मध्यप्रदेश का एक ऐसा जिला, शहडोल जिला जहां जिले के बाहर से आए जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी के पूर्ण रूप से मूक सहमति के द्वारा बेलगाम अवैध रूप से काम तेजी से चलाए जा रहे हैं जिले के पत्रकारों के द्वारा आए दिन लगातार अवैध कामों के खिलाफ खबर चलाया जा रहा है लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को खबर प्रकाशित से कोई फर्क़ नहीं पड़ता बल्कि माफियाओं के द्वारा पत्रकारों को धमकाया जाता है और पुलिस अधिकारियों के द्वारा झूठी केस में फ़साने की धमकी दी जाती है। खनिज विभाग के जिला अधिकारी, खनिज निरीक्षक एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी एवं जिले के सभी थाना प्रभारी एवं वहाँ के बीट प्रभारी के द्वारा माफियाओं को बढावा देकर उनसे मोटी रकम की वसूली किया जाता है और यदि लगातार शिकायत होती है तो उनके द्वारा केवल दिखावे की कार्यवाही की जाती है जिसका जीता जागता आज एक पुलिस सिपाही की रेत माफियाओं के द्वारा ट्रेक्टर से कुचलकर हत्या कर दी जाती है।
रेत माफियाओं की चलती है दादागिरी।
कई वर्षों से देखने में आ रहा है की रेत माफियाओं की दादागिरी सर चढ़कर बोल रही है और हत्या जैसी घटनाएं होने के बाद मामला धीरे-धीरे शांत हो जाता है और फिर नई वारदात करने के लिए रेत माफिया फुर्सत से 5 महीने के अंदर यह दूसरी बड़ी घटना है इस घटना को लेकर भले ही जिला प्रशासन के द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया हो, ट्रेक्टर मालिक को पकड़ने के लिए ईनाम घोषित किया गया हो लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इससे Asi महेन्द्र बागरी की बच्ची , माँ ,पत्नी और पूरे परिवार और स्वयं पुलिस बल का कष्ट निवारण होगा या शान्ति मिलेगी आखिर खनिज विभाग के अधिकारी और जिले के सभी थाना के थाना प्रभारी खनिज माफियाओं के विरुद्ध वास्तविक ठोस कार्रवाई से क्यों दूर है, अपने अवैध वसूली को लगाम क्यों नहीं लगा रहे हैं, इनके अवैध वसूली के कारण कुछ माह पूर्व में एक पटवारी की हत्या इन्हीं रेत माफियाओं के द्वारा किया गया , जिसकी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है और इसके बाद आज Asi महेन्द्र बागरी की हत्या फिर माफियाओं के द्वारा कर दिया गया ।
बाहरी अधिकारी करते हैं वसूली।
सवाल यह भी उठता है कि आखिर कब तक शहडोल जिले में बाहर से आए अधिकारियों के द्वारा केवल वसूली का काम किया जाएगा, यदि पत्रकारों के द्वारा प्रकाशित खबर को वास्तविक रूप में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के द्वारा कठोर दंडात्मक कार्यवाही होती तो आज खनिज माफियाओं के द्वारा शासकीय कर्मचारियों की हत्या नहीं होती ? और इतनी बड़ी घटना जहां पुलिस अधिकारी की रेत माफिया ने ट्रेक्टर से कुचलकर हत्या कर दी तो क्या अब इसके बाद रेत माफियाओं पर प्रशासन लगाम लगाने में कामयाब होगा या फिर किसी बड़ी घटना का इंतजार किया जाएगा।