MP news शासन के त्रुटिपूर्ण जारी रोस्टर से EWS कोटे से हजारों पदों पर हुई अवैधानिक भर्ती : हाईकोर्ट जबलपुर।
मध्यप्रदेश की हाईकोर्ट जबलपुर ने EWS के तहत सामान्य वर्ग के गरीब अभ्यर्थियों को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को लेकर आज सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि EWS आरक्षण के लाभ से ओबीसी /एस.सी. /एस.टी. वर्ग को निरूध रखा गया है भर्ती के लिए कुल विज्ञापित पदों में से 10% पद EWS के लिए आरक्षित किया जाना संविधान के अनुच्छेद 16(6) के प्रावधान से असंगत है और EWS कोटा के तहत हुई हजारों भर्तियां अवैधानिक हैं। हाईकोर्ट जबलपुर के फैसले में कहा गया है कि EWS आरक्षण में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था दी गई है लेकिन /SC /ST/OBC के लिए आरक्षित पदों को छोड़कर शेष अनारक्षित पदों में से EWS को 10% पदों पर आरक्षण होना चाहिए।
त्रुटिपूर्ण हुई हजारों भर्तियां।
अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 19/12/2019 को त्रुटिपूर्ण रोस्टर जारी किया था और EWS कोटे को 100% पदों में से 10% पदों को आरक्षित कर भर्तियां की गई हैं ऐसे में 2019 से अब तक लाखों पदों की भर्तियों में EWS के हजारों अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई है।
ऐसे होना चाहिए आरक्षण।
हाईकोर्ट के अनुसार EWS आरक्षण की व्यवस्था में दूसरे वर्ग का हक नहीं मारा जाना चाहिए जैसे कि किसी भी पद के रिक्त 100 पदों को भरने के लिए 16 पद SC को, 20 पद ST को तथा 27 पद OBC वर्ग को दिया जाना चाहिए इसके बाद शेष 37 पद अनारक्षित वर्ग के लिए होते है और 37 अनारक्षित पदों में से ही 10% पद का अनुपात 4 पद होता है जो EWS के लिए आरक्षित हैं।