Rewa news, जूते की नोक पर रीवा में भी डॉ रखते हैं नौकरी, फोन पर जिला अस्पताल के डाक्टर ने पत्रकार को धमकाया।
रीवा जिले में स्वास्थ्य विभाग कितना बेलगाम है यह बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि हर एक व्यक्ति का कभी ना कभी अस्पताल के डॉक्टरों से पाला पड़ चुका है रीवा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर कब अस्पताल जाते हैं और कब निकल लेते हैं यह भी बताने की जरूरत नहीं आए दिन ऐसी खबरें मीडिया के माध्यम से प्रकाशित भी होती रहती है लेकिन डॉक्टरों की अनुपस्थिति और मनमानी को लेकर ना तो वरिष्ठ अधिकारी कुछ करने को तैयार हैं और ना ही सरकार इनकी मनमानी पर पाबंदी लगा पा रही है इन बातों से यही अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार इनसे डरती है या फिर जिम्मेदार आंखों में पट्टी बांधे रहते हैं, रीवा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डॉ सरकार से वेतन तो ले रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन डॉक्टरों से काम लेने में नाकाम साबित हो रहा है इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि बीते माह रीवा सीएमएचओ ने आदेश जारी किया था कि सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सार्थक ऐप्प से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे नहीं तो वेतन नहीं दिया जाएगा आदेश के बाद सीएमएचओ रीवा ने मीडिया कर्मियों को अपना स्टेटमेंट देकर अच्छे इरादे तो जाहिर किये थे लेकिन सरकार की मंशा और सीएमएचओ के आदेश को डॉक्टरों ने ठेंगा दिखा दिया जबकि अन्य कर्मचारियों द्वारा सार्थक ऐप्प से उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है वहीं अस्पतालों में पदस्थ डॉक्टरों से स्वास्थ्य विभाग सार्थक एप्प से उपस्थित लेने में नाकाम साबित हो रहा है और डॉक्टरों की मनमानी के आगे सीएमएचओ रीवा को झुकना पड़ा और सभी को वेतन भुगतान किया गया आने वाले समय में हम सबूत के साथ इस मामले पर बड़ा खुलासा भी करेंगे।
जिला अस्पताल में ड्यूटी में नही रहते डॉक्टर।
हम बात कर रहे हैं कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल रीवा की जहां 24 घंटे मरीजों के उपचार व्यवस्था सरकार ने जनता को दे रखी है 24 घंटे सुविधा के नाम पर सरकार के बजट तो खर्च हो रहे हैं लेकिन डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहते कई मशीन बंद पड़ी जंग खा रही हैं एक पैथोलॉजिस्ट के हवाले पूरी जिला अस्पताल है जबकि सरकार द्वारा पीजी डॉक्टर को जिला अस्पताल में पदस्थ किया गया है लेकिन अधिकारियों ने मनमानी करते हुए संबंधित पैथोलॉजिस्ट पीजी डाक्टर को शहरी नोडल अधिकारी बना कर मोटी उगाही करवा रहे हैं जिला अस्पताल में व्यवस्था बेहतर रहे इसी के चलते पूर्व सीएमएचओ डॉ बीएल मिश्रा ने संबंधित शहरी नोडल अधिकारी को पदमुक्त करते हुए जिला अस्पताल मूल पद पर भेजा था लेकिन पैसा और पावर सरकार की व्यवस्था पर भारी पड़ जाता है और वही हो रहा है ऐसी स्थिति में जिला अस्पताल में मशीनें बंद पड़ी जंग खा रही हैं और प्रतिदिन होने वाली हजारों जांच संदेह के दायरे में हैं कुल मिलाकर रीवा जिला अस्पताल की व्यवस्था हाथी दांत जैसी दिखाई दे रही है।
नाम के लिए आकस्मिक चिकित्सा
जिला अस्पताल रीवा में आकस्मिक चिकित्सा दिखावा बन कर रह गई है डॉक्टर अपने घर में मौज करते हैं और नाइट ड्यूटी के नाम पर सरकार से वेतन भी लेते हैं बीती रात जो घटना सामने आई उसके अनुसार एक व्यक्ति के सर पर गंभीर चोट लगी थी पुलिस एमएलसी करवाने लेकर अस्पताल पहुंची थी लेकिन ड्यूटी टाइम में डॉक्टर ईशान गोयल अपने आदत अनुसार अस्पताल में नही थे एम एल सी कराने अस्पताल गए व्यक्ति ने इंडिया टीवी के संवाददाता अशोक मिश्रा को जिला अस्पताल में डाक्टर नहीं होने की फोन पर जानकारी दी कि मैं परेशान हूं कोई डॉक्टर अस्पताल में नही है तब पत्रकार मौके पर पहुंचे और उन्होंने अस्पताल में ड्यूटी कर रहे गार्ड से पूछा की डॉक्टर साहब कहां है तो मुकेश मिश्रा (गार्ड) ने बहाना बनाते हुए कहा कि खाना खाने गए हैं काफी समय तक जब डॉक्टर नहीं पहुंचे तब पत्रकार ने सिविल सर्जन एमएल गुप्ता को फोन लगाकर सूचित किया और देर रात घर चले गए थे तब तक डाक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे थे।
रात 1:00 बजे पत्रकार को डॉक्टर ने दी धमकी।
जिला अस्पताल से जाने के बाद पत्रकार अशोक मिश्रा ने भोजन किया और सो गए तभी रात लगभग 1:00 बजे एक फोन आता है धमकी दी जाती है कि तू ब्राह्मण है न और अस्पताल में जो घटना हुई थी उसके संबंध में पत्रकार को धमकाया जाता है इसके साथ ही ब्राह्मण होने की बात कहते हुए जातिगत दुर्भावना से ग्रसित होकर ब्राह्मण समाज सहित पत्रकार को गाली देना शुरू करता है पत्रकार ने बताया कि डॉक्टर ने किसी दूसरे के नंबर से मुझे फोन पर धमकी दिया है रीवा जिले में भी हालत वही है जैसे बीते दिनों बुरहानपुर ज़िला अस्पताल के डॉक्टर रघुवीर सिंह ने एक पुलिस वाले को धमकाते हुए कहा था कि मैं कलेक्टर वलेक्टर से नहीं डरता सरकारी नौकरी को जूते की नोक पर रखता हूं कमोवेश यही हाल रीवा जिले में भी कुछ डॉक्टर के व्यवहार से देखने को मिलता रहता है यह बात अलग है कि यह कहते वह कैमरे में कैद नहीं होते।
पुलिस में हुई शिकायत घटना से आक्रोशित हुए पत्रकार।
पत्रकार अशोक मिश्रा संवाददाता इंडिया टीवी ने फोन पर मिली धमकी की रिकार्डिंग कर लिया है और थाना बिछिया सहित पुलिस अधीक्षक रीवा से इस घटना में मामला दर्ज किए जाने की शिकायत की है ज्ञात हो कि पूर्व में भी संबंधित डॉक्टर द्वारा शराब के नशे में पत्रकारों से बदसलूकी की चुकी हैं जिसकी शिकायत बिछिया थाने में की गई थी। इन घटनाओं से यह तथ्य सामने आता है कि शराबी और गुण्डे प्रवित्ति के डाक्टर भगवान रूपी पेशा को हर तरह से बदनाम करने पर तुले हुए हैं इस घटना को लेकर रीवा के पत्रकारों ने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि अब जब बात पत्रकार के अपमान और जाति पर आ गई है तो डॉक्टर साहब को हर हाल में नौकरी तो करना ही होगा घर बैठे तनख्वाह नहीं लेंगे और पत्रकार को धमकी देने के मामले में उनके विरुद्ध मामला भी दर्ज कराया जाएगा।