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अवैध चिकित्सकों पर प्रशासनिक कार्यवाही की दरकार रीवा संभाग के सभी जिलों में गांव-गांव फैले हैं झोलाछाप डॉक्टर।

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अवैध चिकित्सकों पर प्रशासनिक कार्यवाही की दरकार
रीवा संभाग के सभी जिलों में गांव-गांव फैले हैं झोलाछाप डॉक्टर।

रीवा संभाग। स्वास्थ्य विभाग को चुनौती बने अवैध चिकित्सकों द्वारा धड़ल्ले से रीवा संभाग के सभी जिलों में वैधानिक तरीके से क्लीनिक खोलकर गरीब जनता को लूटा जा रहा है बात सिर्फ लूटने तक की होती तो अलग बात है यहां तो जान का भी अवैध चिकित्सकों से खतरा बना हुआ है और आए दिन झोलाछाप डॉक्टरों के गलत उपचार से गरीबों की मौत हो रही है अब सवाल यह उठता है कि क्या रीवा जिले में अवैध चिकित्सकों को लेकर जिला प्रशासन रीवा द्वारा कोई टीम गठित की गई है यदि गठित हुई है तो उस टीम ने अब तक क्या कार्यवाही की है जबकि प्रशासनिक सूत्रों की माने तो रीवा जिले में 420 अवैध चिकित्सक चिन्हित किए गए थे। सीएमएचओ कार्यालय रीवा और ब्लॉक मेडिकल ऑफीसरों को ऐसा नहीं है कि अवैध चिकित्सकों की उन्हें जानकारी नहीं है बावजूद इसके
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं और अवैध चिकित्सकों द्वारा धड़ल्ले से गरीब जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़। किया जा रहा है अवैध चिकित्सकों के गलत उपचार से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है अभी हाल ही में नई गढी़ थाना अंतर्गत एक 17 वर्षी की लड़की की मौत अवैध चिकित्सक के गलत उपचार से हुई है ऐसा परिजनों ने आरोप लगाया है।

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अगर रीवा जिले के अलावा सतना जिले की बात करें तो वहां जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने मीडिया, सोशल मीडिया खबरों एवं शिकायतों में जिले में अवैध रूप से चिकित्सीय कार्य किए जाने की खबरों को अत्यंत गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिले में शहरी और विकासखंड स्तर पर अवैध अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक की जांच एवं निरीक्षण के लिए पूर्व में गठित दल को निर्देशित किया है कि अवैध रूप से चिकित्सीय कार्य कर रही स्वास्थ्य संस्थाओं की निरंतर जांच और निरीक्षण करते हुए विधि अनुरूप कार्यवाही अमल में लाये और ग्रामीण क्षेत्रों में विकासखंड स्तर पर गठित दलों में संबंधित क्षेत्र के पदेन एसडीएम, पदेन एसडीओपी और खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को शामिल किया गया है। कलेक्टर ने सभी गठित दलों को मध्यप्रदेश उपचर्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी अधिनियम 1973, राज्य शासन स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश प्रदान कर जिले में अवैध रूप से संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक के संबंधों में समय-समय पर प्राप्त शिकायतों के निराकरण और जांच करने के निर्देश दिए हैं।

सतना जिले में जिस तरह से जिला प्रशासन ने अवैध चिकित्सकों को लेकर कार्यवाही करने का निर्देश दिया है जिससे वैधानिक रूप से संचालित क्लीनिक और चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है ठीक इसी प्रकार अब रीवा से भी जिला प्रशासन को अवैध चिकित्सकों और गलत तरीके से खोले गए मेडिकल स्टरों पर कार्यवाही करने की आवश्यकता है।

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