कटनी. जंगल के बीच बना सुंदर भवन, चारों तरफ फैला बगीचा और मैदान। बांस से बनाई गई पारंपरिक बाउंड्रीवाल यह किस सेठ या अमीर आदमी का बंगला नहीं है। घनघोर वन के बीच बसा जिले के ढीमरखेड़ा क्षेत्र के आदिवासी ग्राम कारोपानी में बने आंगनबाड़ी केंद्र का सजीव दृश्य है। आंगनबाड़ी केंद्र को बनाने और संवारने में यहां के आदिवासी परिवारों ने निशुल्क मजदूरी की। किसी ने बांस तो किसी ने रेत और अन्य निर्माण सामग्री देने में सहयोग किया।
बिना बुलाए पहुंचे सहयोग करने
निर्माण एजेंसी ने जैसे ही यहां कार्य शुरू किया तो ग्रामीण भी सहयोग के लिए पहुंचने लगे। अधिकांश परिवारों ने निशुल्क मजदूरी की। आंगनबाड़ी में बनी बाउंड्रीवाल का निर्माण बांस से किया गया है। यह बांस ग्रामीणों द्वारा ही लाए गए। दीवारों पर प्राचीन तरीके से पत्थरों की नक्काशी की गई है। प्रदेश सरकार के एडाप्ट इन आंगनबाड़ी अभियान के तहत गोद लेकर अफसरों व समाजसेवियों द्वारा आर्थिक सहयोग किया गया।
इस तरह हुई शुरुआत
आदिवासी बाहुल्य कारोपानी ग्राम नवंबर 2022 में राजस्व ग्राम घोषित किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 11.22 लाख की लागत से यहां आंगनबाड़ी भवन स्वीकृत किया गया। कलेक्टर अविप्रसाद इस इस केंद्र को गोद लिया। भवन के भूमि पूजन के दिन ग्रामीणों ने इस केंद्र को प्रदेश का सबसे खूबसूरत केंद्र बनाने का संकल्प लिया। पूरे गांव ने ही केंद्र को संवारने उसे गोद ले लिया।
यह सुविधाएं मौजूद
आर्किटेक्ट की मदद से इस केंद्र का डिजाइन तैयार किया गया है। इसे जंगल के बीच कॉटेज की तरह बनाया गया। केंद्र करीब आधा एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें पानी, बिजली, बरामदा, हॉल, किचिन, टायॅलेट, स्टोररूम के अलावा एक रेस्ट रूम भी बनाया गया है, जिसका उपयोग महिला अधिकारी या जरूरत पड़ने पर गर्भवती महिला या अन्य कर सकते हैं।