सिंगरौली. अमलोरी में ओबी हटाने का काम रही कलिंगा कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर 90 हजार रुपए ले लिया है। तीन माह बीत जाने के बाद नौकरी नहीं मिली तो रकम वापस करने की मांग किया। जिस पर कचनी निवासी नारेन्द्र चौबे की ओर से बेरोजगार युवाओं को मारपीट की धमकी दी जा रही है।
मामले की शिकायत एसपी से करते हुए राशि वापस कराने की गुहार लगाई गई है। पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने जांच का निर्देश दिया है। आवेदक लाल बहादुर वैश्य, लाले प्रसाद वैश्य निवासी पिपराकुरंद व राजेश कुमार वैश्य निवासी सिद्धीखुर्द ने एसपी से शिकायत करते हुए बताया कि कचनी निवासी नारेन्द्र चौबे से गत माह दस मार्च को वैढ़न में मुलाकात हुई। उसने आवेदकों से कलिंगा कंपनी में नौकरी दिलाने की बात कही। कहा कि 30-30 हजार रुपए लगेंगे। एक महीने के अंदर कलिंगा कंपनी में ज्वाइनिंग हो जाएगी। झांसे में आकर तीनों आवेदक 19 मार्च को जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के पास नारेन्द्र चौबे को 90 हजार रुपए नौकरी दिलाने के लिए दे दिया। रकम देने के एक माह बाद आवेदकों ने फोन करके नौकरी के संबंध में पूछा तो उन्हें तारीख दी जाने लगी। इसके बाद आवेदकों को शक हुआ कि कहीं पैसा न डूब जाए। फिर उसके पास रोज फोन करने लगे। इस दौरान कचनी निवासी नरेन्द्र चौबे ने आवेदकों को धमकी देते हुए कहा कि हमकों पैसा नहीं मिला है। नौकरी नहीं मिलेगा। अब फोन नहीं करना।
कंपनी अधिकारियाें की है साठगांठ
बताया गया है कि नौकरी दिलाए जाने के नाम पर बेरोजगारों के साथ जो ठगी की जा रही है। इसमें कलिंगा कंपनी के अधिकारियों की सांठगांठ है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है क्योंकि लोगों को नौकरी का झांसा देकर इस तरह ठगी किए जाने की हिमत लोग नहीं जुटा सकते हैं। यह करतूत कंपनी अधिकारियों की ओर से कराया जा रहा है। ठगी करने वाले कोई और नहीं बल्कि कंपनी अधिकारियों के जानने वाले हैं।
कंपनी का अधिकारी बताकर ली थी राशि
आवेदकों ने शिकायत में यह भी बताया है कि 19 मार्च को जब रकम लेने के लिए नारेन्द्र चौबे जिला अस्पताल के पास पहुंचा तो कार में एक व्यक्ति भी बैठा था। जिसे कंपनी का अधिकारी बताकर आवेदकों से रकम वसूल लिया। बाद में पता चला कि यह व्यक्ति अन्य कई लोगों को अपने झांसे में लाकर नौकरी दिलाने के नाम पर रकम वसूला है लेकिन किसी को काम नहीं दिलाया है। कई लोगों के साथ ठगी किया है।