पंचायत भी रही उदासीन, अब दो साल के अधिक समय से नगर परिषद में शामिल है उक्त मोहल्ला, मामला वार्ड क्रमांक 14 का
सरई: नगर परिषद सरई के बनने के बाद यहां के ग्रामीणों को भाजपा के नेताओं ने खूब सज्जबाग सपने दिखाए थे। लेकिन नगर परिषद बनने के दो साल बाद भी नगर के वार्डो का विकास नही हो पाया है। ऐसे में वार्डवासी नगर परषिद के अधिकारी एवं अध्यक्ष समेत भाजपा नेताओं को कोसने में नही छोड़ रहे हैं।मामला नगर परिषद सरई के वार्ड क्र मांक 14 सरई टोला मोहल्ला की है। यहां के अबादी करीब सैकड़ा पार है और दो दर्जन से अधिक घर बने हैं। दो किलोमीटर दूरी तक कच्ची सड़क गले की फांस बन गई है। स्कूली बच्चों से लेकर नौजवान एवं बुजुर्ग महिला-पुरूष भी बारिश के दिनों में घर से बाहर निकलने से कतराते है। फिसलन मिट्टी में बच्चे स्कूल जाते वक्त भी कीचड़ से लतपत हो जाते हैं। आज तक यहां डब्ल्यूबीएम सड़क भी नही बन पाई।
इनका कहना
हमें शासन की सारी सुविधाएं मिल रहा है। लेकिन हमारे घर तक जाने में रोड की हालत इतनी बत्तर हो गई है कि रोड पर चलने में सोचना पड़ता है। जूता-मोजा और चप्पल खोलकर रोड में पैदल जाना पड़ता है एवं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में उठाकर कीचड़ को पार करवाते हैं।
पंकज कुमार तिवारी, वार्डवासी
इनका कहना
इस रोड को लेकर हम कई जगह आवेदन के माध्यम से सूचना दे चुके हैं। लेकिन किसी प्रकार का कोई भी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी ध्यान नही दे रहे हैं। इस रोड से सबसे ज्यादा परेशानी बरसात में हम लोगों को होती है।
चमन तिवारी, वार्डवासी
इनका कहना
जब भी साल भर में बरसात का मौसम आता है हम लोग बहुत परेशान हो जाते हैं। गर्मी और ठंडी किसी तरह गुजारा कर लेते हैं। लेकिन बरसात के आने के बाद हम लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि अगर किसी को रात को कोई जरूरत पड़ जाए तो घर से बाहर कैसे जाएं सोचना पड़ता है।
सतानंद तिवारी, वार्डवासी