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singrauli news : परिवहन के लिए अलग से रूट बनाने एनसीएल अधिकारियों का दावा हवा-हवाई ,देखे सच्चाई

दिनभर सफाई के बाद भी मुड़वानी ईको पार्क से नहीं हट रही कोयले की परत

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singrauli news  . मुड़वानी ईको पार्क से कोयला परिवहन पर रोक लगाई गई थी। एनसीएल ने इसके लिए अलग से रूट बनाकर परिवहन करने का दावा किया था। मगर यह केवल हवा-हवाई रह गया। हकीकत यह है कि अभी भी इको पार्क से होकर दिनभर सैकड़ों ट्रेलर वाहन कोयले का परिवहन कर रहे हैं। इससे पार्क में एक परत कोयले की धूल जमी रहती है। यही वजह है कि पार्क में जाने से लोग परहेज कर रहे हैं। जबकि दिनभर में कई बार पाइप के जरिए सफाई किया जा रहा है।

 

बताया गया कि वर्ष 2020-21 में करीब छह करोड़ की लागत से मुड़वानी इको पार्क का निर्माण एमपी टूरिज्म ने कराया था। इसमें तीन करोड़ की राशि एनसीएल ने दी थी। वहीं अमृत योजना से करीब ढाई करोड़ मिले थे। उस समय जब पार्क का निर्माण किया जा रहा था तब उमीद जगी थी कि यहां हर रोज सैकड़ों लोग डैम और बोट सहित पार्क में लुत्फ उठाने पहुंचेंगे, मगर यह संभव नहीं हो सका। इको पार्क से होकर गुजर रहे कोल वाहन और उड़ते कोयले की धूल ने पार्क में पहुंचने वाले लोगों के कदम रोक दिया है। वर्तमान में स्थिति यह है कि पार्क में इक्का-दुक्का लोग घूमते हुए देखे जाते हैं। परिसर में कोयले की परत जमी रहती है, जिससे पहुंचने वाले सैलानियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कोल परिवहन को लेकर एनसीएल प्रबंधन का उदासीन रवैया देखा जा रहा है। समस्याओं की ओर ध्यान न देकर मनमानी जारी है। कई बार जिला प्रशासन के निर्देश के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं बन पा रही हैं।

 

लोगों के नहीं जाने की खास वजह

 

पार्क में शुरुआत के समय पर हर रोज घूमने के लिए लोग जाते थे। अब नहीं जा रहे हैं। ऐसा इसलिए है कि इको पार्क में एक परत कोयले की राख जम जाती है। वहीं कोल वाहनों के निकलने पर धूल के गुबार से लोग नहा जाते हैं। इसके अलावा दुर्घटना होने का भी डर बना रहता है। जिला प्रशासन ने सती नहीं दिखाई तो न केवल मार्ग की स्थिति बदहाल होगी, बल्कि इसकी सुंदरता पर भी ग्रहण लग जाएगा।

फैक्ट फाइल

 

155 कोल वाहन कर रहे परिवहन

200 से अधिक अन्य वाहनों का मार्ग पर है दबाव

400 से अधिक मार्ग पर दिनभर में गुजरते हैं वाहन

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50 से अधिक लोग पहले रोज पहुंचते थे इको पार्क

कागजों में बना दिया है वैकल्पिक मार्ग

एनसीएल अधिकारियों ने कागजों में वैकल्पिक मार्ग बना दिया था। उसके बाद जिला प्रशासन को बताया था कि वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था कर ली गई है। एनसीएल अधिकारियों की बात को जिला प्रशासन भी रटता रहा। कई बार बैठक में जिला प्रशासन की ओर से यह कहा गया है कि कोयला परिवहन मुड़वानी डैम वाले मार्ग से नहीं होगा। इसके लिए अलग मार्ग की व्यवस्था एनसीएल ने कर लिया है। मगर यह सबकुछ कागजों तक सीमित है।

समस्या पहले की तरह बरकरार

बता दें कि उक्त मार्ग से कोयला परिवहन करने पर रोक लगाई गई थी, मगर अभी भी परिवहन किया जा रहा है। एनसीएल ने कोयला परिवहन के लिए अलग से वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की है। समस्या पहले की तरह बरकरार है। मुड़वानी डैम से होकर सैकड़ों कोल वाहन हर रोज निकल रहे हैं। जिससे मार्ग पर दुर्घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

इको पार्क से होकर कोल परिवहन पर रोक लगाई गई थी, मगर इसका पालन नहीं हो रहा है। एनसीएल ने अलग से कोयला परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाए जाने का दावा किया था। मगर यह पूरा नहीं किया गया। हालांकि अब एनसीएल ने कन्वेयर बनाया है मगर वैकल्पिक मार्ग नहीं।

-वीबी उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री नगर निगम

जनसंपर्क अधिकारी का नहीं उठा फोन

इस बारे में एनसीएल के जनसंपर्क अधिकारी राम विजय सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। लिहाजा कोयला परिवहन के लिए बनाए जाने वाले वैकल्पिक मार्ग को लेकर जानकारी स्पष्ट नहीं हो सकी।

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