- विडंबना: कभी कर देते हैं गेट बंद, तो कभी नियमों की दुहाई देकर यात्रियों को कर देते हैं बाहर
- रैनबसेरा में खाली पड़े तत; ठंड में बाहर ठिठुरते रात बिता रहे मुसाफिर
singrauli news . रैनबसेरा… यानी जहां रात गुजारी जा सके। वैढ़न बस स्टैंड में भी यात्रियों के लिए यह सुविधा है, इसके बावजूद यात्री सर्द हवाओं के बीच खुले में रात गुजारने को मजबूर हैं। कभी रैन बसेरा का गेट बंद कर दिया जाता है तो कभी नियमों की दुहाई देकर यात्रियों को इस सुविधा से दूर कर दिया जाता है। इसके उलट बसों के चालक/परिचालकों को साठगांठ के चलते अवैधानिक रूप से इसमें शरण दे दी जाती है। शनिवार की रात पत्रिका टीम जब वैढ़न बस स्टैंड पहुंची तो यहां प्रतीक्षालय के फर्श पर यात्री कंबल ओढ़कर लेटे हुए थे। सर्द हवाओं ने पूरे वातावरण में ठंडक घोल दी थी, इसलिए कंबल ओढ़कर सोने की कोशिश कर रहे यह यात्री करवटें बदल रहे थे।
यात्रियों ने बताई आपबीती
यात्री तेज नारायण खैरवार ने बताया, हम बलिया उत्तरप्रदेश से आए हैं। हमारी बस अब सुबह है। यहां पर कोई परिचित भी नहीं है। रैन बसेरा में जगह देखने गए थे, लेकिन वहां पर कह दिया कि तुहें यहां पर नहीं रोक सकते। इसलिए अब हम बाहर ही बिछौना बिछाए हुए हैं।
राम नगीना यादव भी उत्तरप्रदेश से बस से आए थे और उनकी दूसरी बस भी अगले दिन सुबह है। रैन बसेरा में जब ठिकाना नहीं मिला तो वह भी यात्री प्रतीक्षालय में बिछौना बिछाकर लेट गए। यात्री प्रतीक्षालय चारों तरफ से खुला होने के साथ ही हवादार भी है, इसलिए सर्द हवाओं के बीच रात गुजारना मुश्किल हो रहा था।
यात्री प्रतीक्षालय में अपना सामान लेकर बैठे मोहमद इकबाल ने कहा, हमारी बस भी सुबह है और यहां पर रात गुजारने का कोई ठिकाना नहीं है। उनके एक रिश्तेदार वैढ़न में रहते हैं। उन्हें फोन किया है। अगर वह आ गए तो उनके घर चले जाएंगे, वरना रात यूं ही गुजारनी पड़ेगी।
अदाणी ग्रुप को यहां भी रियायत
शनिवार को रैन बसेरा में जो लोग सो रहे थे उनमें से कुछ लोग अदाणी ग्रुप की कंपनी में काम करने लोग थे। वैढ़न से अदाणी ग्रुप की कोल माइंस 60 किमी दूर है, इसलिए वहां के कर्मचारियों को रैन बसेरे में रात गुजारने को जगह दे दी गई। ज्ञात हो कि बीते शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्थानीय प्रशासन पर अदाणी ग्रुप के लिए काम करने का आरोप लगाया था। बस स्टैंड पर स्थित रैन बसेरे में भी इस ग्रुप के कर्मचारियों को रात गुजारने को जगह दी जा रही है।
अंदर खाली पड़े ताकता ,चार कैमरों की निगरानी
रैन बसेरे में चार सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें एक पुरुष और एक महिला रूम में लगा है। इसके अलावा दो बाहर की ओर लगे हैं। इन कैमरों की क्वालिटी भी बेहतर नहीं है।