उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी अब तक न्यूनतम वेतन की बढ़ी दरों से
अब तक भुगतान आदेश जारी न करना दुर्भाग्यजनक,सीटू प्रदेश भर में नए वर्ष के आगमन पर व्यापक विरोध कार्रवाईयां करेगी
सिंगरौली-माननीय म प्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने म. प्र. शासन की 13 मार्च 2024 को जारी न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण सम्बन्धी अधिसूचना पर दिए गये स्थगन को 3 दिसंबर 2024 को समाप्त कर दिया है । इसके बाद भी प्रदेश सरकार के श्रम विभाग द्वारा बढ़ी दरों के भुगतान सम्बन्धी आदेश जारी न करने की सीटू प्रदेश अध्यक्ष रामविकलास गोस्वामी व महासचिव प्रमोद प्रधान ने तीखी निंदा की है । ज्ञातव्य हो कि तुरंत आदेश जारी करने के आग्रह के साथ सीटू प्रदेश महासचिव ने 9 मार्च को श्रमायुक्त को पत्र लिखकर 01 अप्रैल 2024 से लागू पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन दरों के एरियर्स सहित भुगतान सम्बन्धी आदेश जारी करने की मांग की ।
परंतु आज दिनांक तक कोई आदेश जारी नहीं किए गये । आज पुन: सीटू महासचिव ने श्रमायुक्त को पत्र लिखकर अपनी मांग दोहराई है तथा आदेश न जारी होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है । सीटू के जिला अध्यक्ष पी एस पांडे व.जिला महामंत्री. अशोक कुमार धारी.ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि उपरोक्त स्थिति से स्पष्ट है कि सरकार खुले आम मजदूरों के हितों पर कुठाराघात कर मालिकान का पक्ष ले रही है । सीटू नेताओं ने कहा कि तत्काल आदेश जारी न होने पर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी आगामी 31 दिसम्बर व 01 जनवरी को प्रदर्शन कर विरोध कारवाई की जाएगी । नेताओं ने स्पष्ट किया कि वैधानिक रूप से देय न्यूनतम वेतन की बढ़ी दरें हासिल करने के लिए सीटू समूचे प्रदेश में व्यापक संघर्ष करेगी ।