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Ghats: महाश्मशान घाट पर बढ़ी लाशों की संख्या, आसमान छूने लगी लकड़ी की कीमत, कमी से बिलख रहे परिजनों को लूट रहे व्यापारी

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Ghats: देश के कई राज्यों में मानसून प्रवेश कर चुका है. लेकिन अभी भी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के कई राज्य भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं. भीषण गर्मी की मार से लोग बीमार हो रहे हैं। कई राज्यों में गर्मी से लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं | यूपी के वाराणसी समेत कई जिलों में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ी है. ऐसे में वाराणसी के घाटों पर लंबी लाइन लगी हुई है–Ghats

1600 से 1700 रुपये वसूले जा रहे

तमाम मीडिया रिपोर्टर दावा कर रहे हैं कि मणिकर्णिका घाट पर अचानक शवों की संख्या बढ़ गई है. जिसके कारण घाटों पर लकड़ी की कीमत में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है. यहां लकड़ी की कमी बताकर खुली लूट मची है। जो लकड़ी कुछ दिन पहले तक 480 रुपये प्रति मन बिक रही थी, उसके दाम 1600 से 1700 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि इस बीच लकड़ी की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.

350-400 शव आ रहे

मणिकर्णिका घाट लकड़ी माफियाओं का अड्डा बन गया है। मृतक को मोक्ष मिला या नहीं, लेकिन यहां लकड़ी व्यापारियों द्वारा मृतक के परिजनों को लूटा जा रहा है और प्रशासन मौन है | बताया जा रहा है कि जहां मार्च में घाट पर 80-110 शव आते थे, वहीं जून तक इनकी संख्या 350 से 400 तक पहुंच गई है. इधर, हरिश्चंद्र घाट पर जहां आम दिनों में 40-50 शव दाह संस्कार के लिए पहुंचते थे, अब 200-225 पहुंचने लगे हैं.

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जानिए मणिकर्णिका घाट के बारे में

मणिकर्णिका घाट वाराणसी में गंगा नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध घाट है। एक मान्यता के अनुसार यहां एक कुंड में माता पार्वती का कर्ण पुष्प गिरा था, जिसे ढूंढने का कार्य भगवान शंकर जी ने किया, जिसके कारण इस स्थान का नाम मणिकर्णिका पड़ा। दूसरी मान्यता यह है कि भगवान शंकर ने माता सती के शरीर का यहीं दाह संस्कार किया था, इसीलिए इसे महाश्मशान भी कहा जाता है। आज भी यहां अहर्निश दाह संस्कार किया जाता है।

दाह संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा

बता दें कि भीषण गर्मी के कारण मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. यूपी के कई जिलों में भीषण गर्मी से लोगों की मौत हो रही है. ऐसे में घाटों पर और भी शव पहुंचने लगे हैं. नतीजतन, घाट पर दाह संस्कार के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं। लोगों को अपने साथ लाए गए शवों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

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