NEET SCAM: NEET UG परीक्षा को लेकर देश में हंगामा मचा हुआ है. पुलिस ने बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लोगों को गिरफ्तार किया है. देशभर में 110 बच्चे ऐसे हैं जो एजेंसियों के रडार पर हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 47 छात्रों को डिबार कर दिया गया है. बाकी छात्रों की जांच की जा रही है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि पेपर किस तरह से लीक हुए, क्या छात्रों ने दूसरे की जगह परीक्षा दी या कुछ और किया–NEET SCAM
इनमें से 67 टॉपर्स भी एजेंसियों के संदेह के घेरे में हैं. हालांकि इन टॉपर्स को काउंसलिंग के लिए जाने की इजाजत होगी. लेकिन अगर जांच में कुछ भी गलत पाया गया तो उनका दावा रद्द कर दिया जाएगा. NEET UG परीक्षा को लेकर NTA सवालों के घेरे में है. छात्रों से लेकर कई राजनीतिक दल भी एनटीए पर सवाल उठा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि अगर ग्रेस मार्क्स के साथ तालमेल नहीं होता तो आज ये स्थिति नहीं होती |
ग्रेस मार्क को लेकर हंगामा
शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सबसे बड़ी गलती परीक्षा के दौरान हुई. देश के कुछ केंद्रों पर परीक्षा देर से शुरू हुई. इन केंद्रों के बच्चों का आरोप था कि परीक्षा देर से शुरू हुई. इस मामले में शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि एनटीए को छात्रों को परीक्षा शुरू होने तक ही समय देना चाहिए था, तो यह समस्या यहीं खत्म हो जाती. शिक्षा मंत्रालय का भी मानना है कि पूरे मामले की जड़ ग्रेस मार्क से शुरू हुई. जो परीक्षा देर से शुरू होने के एवज में छात्रों को दिए गए थे। ग्रेस मार्क को लेकर माता-पिता कोर्ट चले गए हैं। अगर छात्रों को ग्रेस मार्क्स की जगह समय दिया जाता तो ऐसी स्थिति नहीं होती….
री टेस्ट में नहीं दिखा छात्रों का उत्साह
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित की गई. बताया जा रहा है कि परीक्षा में सिर्फ 52 फीसदी छात्र ही शामिल हुए. शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, परीक्षा में केवल 813 छात्रों ने हिस्सा लिया, जबकि 750 छात्र अनुपस्थित रहे. झज्जर में 494 में से 287 बच्चे ही परीक्षा में शामिल हुए।