महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर अब श्रद्धालुओं को मिलने जा रही विशेष सुविधाएं।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले 2025 के महाकुंभ की सभी तैयारियां जोरों से चल रही है बता दें कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है, इसबार महाकुंभ में लगभग 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना जताई जा रही है। श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या को देखते हुए योगी सरकार सभी व्यवस्थाओं की बारीकी से निगरानी कर रही है, मेला प्राधिकरण ने अत्याधुनिक सुविधाओं को जोड़कर श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा और दिशा निर्देशन के लिए ‘महाकुंभ मेला 2025’ एप लॉन्च किया गया है।
इस एप में सभी घाटों और मंदिरों की लोकेशन के साथ-साथ प्रयागराज के प्रमुख धार्मिक स्थलों का विवरण भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को नियत स्थान पर पहुंचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा माना जा रहा है कि यह एप बड़ी सुविधाओं में से एक साबित होगा, इस एप से प्रयागराज के सात प्रमुख घाटों में दशाश्वमेध घाट, किला घाट, रसूलाबाद घाट, नौकायन घाट, महेवा घाट, सरस्वती घाट और ज्ञान गंगा घाट का श्रद्धालुओं को दिशा निर्देशन प्राप्त होगा।
बताया जाता है कि महाकुंभ एप के होमपेज पर ‘प्लान योर पिलग्रिमेज’ सेक्शन में श्रद्धालु ‘गेट डायरेक्शन टू घाट’ विकल्प का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र के सभी प्रमुख स्थलों घाटों और मार्गों पर साइनबोर्ड्स और डिजिटल मार्गदर्शन का भी पुख्ता इंतजाम किया गया है, मेला क्षेत्र में गूगल मैप के माध्यम से लोकेशन लिंक जोड़ी गई है और साइनबोर्ड्स की मदद से श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के अपने गंतव्य तक बिना भटके पहुंच सकेंगे।
महाकुंभ मेला 2025 आयोजन को व्यवस्थित करने के लिए कई प्रमुख संस्थानों द्वारा रिसर्च किया गया है और रिसर्च के आधार पर मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई विशेष योजनाएं बनाई गई हैं श्रद्धालुओं की संगम तट पर अधिक भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं मेला प्राधिकरण द्वारा सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान करने के बाद उनके गंतव्य की ओर जाने की व्यवस्था की गई है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा माघ मेला महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज के घाटों और धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है प्रयागराज का महाकुंभ भारतीय संस्कृति की विशिष्टता को दर्शाने वाला वैश्विक स्तर पर भारत देश की सांस्कृतिक धरोहर की पहचान बना चुका है।
*