Investing In Mutual Funds : अगर आप भी निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं और निवेश के लिए कोई अच्छा विकल्प तलाश रहे हैं तो आप म्यूचुअल फंड (Mutual Funds ) में निवेश कर सकते हैं। दरअसल, म्यूचुअल फंड निवेश के एक ऐसा साधन हैं जहां पर आपके निवेश को एक अनुभवी एक्सपर्ट मैनेज करते हैं। इसमें आप कई तरीकों से निवेश कर सकते हैं। जानिए इनवेस्ट करने का पूरा प्रोसेस और इसके लिए सबसे पहले हमें क्या-क्या करना होगा…
Mutual Funds) : आजकल हर कोई बचत और निवेश करने के बारे में सोचता हैं। और अगर आप भी निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज के समय में बचत और निवेश को लेकर अब लोगों की सोच बदल रही है। पहले हर महीने सैलरी पाने वाले कर्मचारी अपना पैसा बैंक खाते में रखते थे या अगर उनके पास ज्यादा पैसा होता था तो उसे एफडी (Fixed deposit invetsment) में जमा करवाते थे। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। खासकर अब लोग अपना पैसा शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश करने लगे हैं।
लेकिन निवेश से पहले आपके लिए ये जान लेना भी बेहद जरूरी है कि शेयर बाज़ार में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड में निवेश (investing in mutual funds) करना सही मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश करें और इससे मोटा मुनाफा कैसे कमाएं।
ये है म्यूचुअल फंड में निवेश करने का पूरा प्रोसेस
हाल ही में अगर आप निवेश करने का प्लान बना रहे हैं और अगर आप पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको यह पता होना जरूरी हैं कि म्यूचुअल फंड में के लिए सबसे पहले हमें क्या-क्या करना होता है। निवेश करने के लिए सबसे पहले आपको किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (asset management company) या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपना अकाउंट बनाना होगा. Groww, Zerodha, Paytm Money, ET Money जैसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं, जहां आप आसानी से अपना अकाउंट बना सकते हैं।
इनमें से किसी भी प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाने के बाद आपको केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी करनी होगी। दरअसल, म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले केवाईसी प्रक्रिया (KYC process) पूरी करना जरूरी है। इसके लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड की जरूरत होगी. इसके अलावा आप ऑनलाइन भी e-KYC कर सकते हैं. इस प्रक्रिया में आपको आधार और मोबाइल नंबर की मदद से केवाईसी पूरी करनी होगी। यह कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाता है।
ऐसे चुनें सही म्यूचुअल फंड
दरअसल, निवेश करने के लिए आपको अलग-अलग म्यूचुअल फंड के बारे में रिसर्च करनी होगी। कई बार ये प्लेटफॉर्म खुद ही आपके लिए टॉप म्यूचुअल फंड स्कीम (Top Mutual Fund Schemes) सुझाते हैं. आप इनमें से किसी एक को चुनकर उस पर रिसर्च कर निवेश कर सकते हैं। हालाँकि, म्यूचुअल फंड चुनने से पहले आपको अपनी निवेश योजनाओं और लक्ष्यों को ध्यान में रखना चाहिए। इसी आधार पर आपको म्यूचुअल फंड का चयन करना चाहिए।
दो तरह से कर सकते हैं निवेश
जब आप निवेश करने के बारे में सोचते हैं तो म्यूचुअल फंड में आप दो तरह से निवेश कर सकते हैं। पहला, SIP (Systematic Investment Plan) होता है. इसमें नियमित तौर पर एक निश्चित राशि निवेश करना होता है. यानी हर महीने एक निश्चित अमाउंट आपके अकाउंट से ऑटोमैटिक कट कर आपके द्वारा चयन किए गए म्यूचुअल फंड में निवेश हो जाएगा. वहीं दूसरा तरीका है लंपसम निवेश. लंपसम निवेश में आप एक बार में बड़ी राशि निवेश करते हैं।
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं जानिए…
आप निवेश करने से पहले ये जान लें कि म्यूचुअल फंड मुख्यतः 4 प्रकार के होते हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड और लिक्विड म्यूचुअल फंड।
सबसे पहले इक्विटी म्यूचुअल फंड (equity mutual fund) कि बात करें तो यह फंड मुख्य रूप से शेयर बाजार में निवेश करते हैं. इन्हें हाई रिस्क और हाई रिटर्न के लिए जाना जाता है. इक्विटी फंड लॉन्ग टर्म निवेश के लिए अच्छे होते हैं. इसके अंदर कई तरह के फंड आते हैं. जैसे- लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप और मल्टी कैप।
इसके बाद हम बात करते है डेट म्यूचुअल फंड (debt mutual fund) की तो यह फंड सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश करते हैं. डेट फंड की रिटर्न स्थिर होती है और इसमें जोखिम भी कम होता है। यह फंड उन लोगों के लिए अच्छे होते हैं जो कम जोखिम के साथ निवेश करना चाहते हैं.
और तीसरे नंबर पर आते हैं हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (hybrid mutual fund)। यह म्यूचुअल फंड इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं। हाइब्रिड फंड निवेशकों को एक संतुलित जोखिम और रिटर्न देते हैं। हाइब्रिड फंड के अंदर भी कई प्रकार होते हैं जैसे कि बैलेंस्ड फंड और एसेट एलोकेशन फंड।
अंत में लिक्विड म्यूचुअल फंड (liquid mutual fund) की बात करें तो ये फंड बहुत कम समय के लिए निवेश करते हैं और इनका जोखिम काफी कम होता है। ये फंड कैश मैनेजमेंट के लिए उपयुक्त होते हैं और आमतौर पर बैंक डिपॉजिट से बेहतर रिटर्न देते हैं।