कानपुर. केंद्र सरकार ने दूरसंचार को लेकर एक नया नियम बनाया है. यह नियम सुरक्षा एजेंसियों और कानून प्रवर्तन को कुछ क्षेत्रों के लिए मोबाइल फोन को इंटरसेप्ट करने की अनुमति देता है, जिससे मोबाइल फोन को टैप करना पहले से कहीं अधिक आसान हो जाता है।
इस नए नियम के तहत सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति का फोन अधिकतम 6 महीने तक टैप कर सकती हैं। इस नियम को कुछ हद तक इंटरसेप्ट नियम की तरह माना जा सकता है। बता दें कि इस नए नियम के तहत केंद्रीय स्तर पर गृह सचिव और राज्य स्तर पर मुख्य सचिव मोबाइल मैसेज टैप करने का आदेश दे सकते हैं. इसके साथ ही आपातकाल जैसे मामलों में फोन टैप करने की अनुमति राज्य सरकार के आईजी या उच्च रैंक के अधिकारी भी दे सकते हैं।
7 दिनों के भीतर पुष्टि की जानी है
सरकार की ओर से 6 दिसंबर को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर आपात स्थिति में दिए गए मोबाइल टैपिंग के आदेश की पुष्टि 7 दिनों के भीतर संबंधित अधिकारी द्वारा नहीं की जाती है, तो टैप किया गया संदेश कहीं भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा इसके साथ ही टैप किए गए मैसेज की कॉपी को 2 दिन के अंदर नष्ट करना होगा. हालांकि मोबाइल टैपिंग के इस नए नियम से प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ सकते हैं. क्योंकि टैप किए गए मैसेज का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इससे पहले भी कई एजेंसियों द्वारा गलत तरीके से इंटरसेप्शन के मामले सामने आ चुके हैं।
एजेंसी को ब्योरा देना होगा
सरकार के नए नियमों के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति का फोन टैप करने से पहले एजेंसी को उस व्यक्ति की पूरी जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही मोबाइल टैप करने वाले अधिकारी की डिटेल भी साझा करनी होगी। इसके अलावा डेटा नष्ट करने का समय भी बताना होगा। नए नियमों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसी को पिछले 15 दिनों के सभी इंटरसेप्ट किए गए संदेशों की सूची रिपोर्ट के साथ महीने में दो बार सरकार को सौंपनी होगी।